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देश को खेल की दुनिया में आगे ले जाना है-मोदी

प्रधानमंत्री से मिली थॉमस कप और उबर कप बैडमिंटन चैंपियन टीम

'प्रतियोगिता की चिंता करने से ज्यादा प्रदर्शन पर ध्यान देना जरूरी'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 22 May 2022 06:41:58 PM

thomas and uber cup badminton champion team met with the prime minister

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से थॉमस कप और उबर कप के बैडमिंटन चैंपियन टीमों ने मुलाकात की और उनके साथ थॉमस कप और उबर कप विजेता बनने केलिए खेल प्रदर्शन के अपने अनुभव साझा किए। नरेंद्र मोदी ने कहाकि जो कोई भी बैडमिंटन समझता है, उसने इसके बारेमें सपना देखा होगा, एक सपना जो आपने पूरा किया है, इस तरह की सफलताएं देश के पूरे खेल इकोसिस्टम में बहुत अधिक ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार करती हैं, आपकी जीत ने कुछ ऐसा किया है, जिसे महानतम प्रशिक्षकों या नेताओं की भाषणशैली से पूरा नहीं किया जा सकता। खिलाड़ियों ने अपने खेल के विभिन्न पहलुओं, बैडमिंटन से अलग अपने जीवन और अन्य विषयों पर भी बात की। किदांबी श्रीकांत ने प्रधानमंत्री द्वारा इतने गर्व से पहचान दिए जाने को लेकर खिलाड़ी केबीच सुखद भावना के बारेमें बात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीम के कप्तान से उनकी नेतृत्वशैली और चुनौतियों के बारे में पूछा। श्रीकांत ने बतायाकि व्यक्तिगत रूपसे हर कोई शानदार प्रदर्शन कर रहा था और प्रयास थाकि एक टीम के रूपमें हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। उन्होंने निर्णायक मैच खेलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री के उनकी विश्व नंबर 1 रैंकिंग और थॉमस कप में स्वर्ण के बारेमें पूछे जाने पर श्रीकांत ने कहाकि ये दोनों उपलब्धियां उनके सपने पूरे होने के समान हैं और उन्हें हासिल करके वे प्रसन्न हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि इतना शानदार प्रदर्शन नहीं होने के कारण पहले थॉमस कप की ज्यादा चर्चा नहीं होती थी और देश को इस टीम की महान उपलब्धि को समझने में थोड़ा समय लगा। प्रधानमंत्री ने देश की ओरसे पूरी टीम को बधाई देते हुए कहाकि दशकों बाद भारतीय ध्वज को मजबूती से फहराया गया है, यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, अत्यधिक दबाव में अपने आपको और टीम को एकसाथ रखना एक ऐसी चीज है, जिसे मैं अच्छी तरह समझता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि मैंने आपको फोन पर बधाई दी थी, लेकिन अब मैं व्यक्तिगत रूपसे आपकी प्रशंसा करने का आनंद अनुभव कर रहा हूं। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी ने दस दिन के आनंद और उतार-चढ़ाव के क्षणों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने टीम और सहायक दल से मिले शानदार समर्थन को याद किया। उन्होंने कहाकि टीम अबभी जीत के लम्हों को फिरसे जी रही है। प्रधानमंत्री ने अपनी खुशी साझा की और टीम के सदस्यों के ट्वीट को याद किया किस प्रकार वे पदक केसाथ सोए और खुशीसे पूरी रात सो नहीं पाए थे। रंकीरेड्डी ने अपने कोच केसाथ प्रदर्शन की हुई समीक्षा के बारेमें भी बताया। प्रधानमंत्री ने स्थिति के अनुसार उनकी अनुकूल होने की क्षमता की सराहना की। प्रधानमंत्री ने उन्हें भविष्य के लक्ष्यों केलिए शुभकामनाएं दीं। चिराग शेट्टी ने भी टूर्नामेंट यात्रा सुनाई और ओलंपिक दल केसाथ पीएम आवास पर आने के अवसर को याद किया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि उन्होंने कुछ खिलाड़ियों में निराशा देखी, जब उनमें से कुछ ओलंपिक में पदक जीत नहीं सके थे। उन्होंने यहभी याद कियाकि खिलाड़ी दृढ़ थे और अब उन्होंने सभी उम्मीदों को सही साबित कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक हार अंत नहीं है, जीवन में दृढ़ संकल्प और जुनून की जरूरत होती है, ऐसे लोगों केलिए जीत स्वाभाविक परिणाम होती है, आपने यह कर दिखाया है। प्रधानमंत्री ने टीम से कहा कि वे आने वाले समय में और भी कई पदक जीतेंगे, उन्हें खेलना भी है, खिलना भी है और देश को खेल की दुनिया में आगे ले जाना है। प्रधानमंत्री ने कहाकि अब भारत पीछे नहीं रह सकता, आपकी जीत कई पीढ़ियों को खेलों केलिए प्रेरित कर रही है। प्रधानमंत्री ने जीत केतुरंत बाद टेलीफोन पर हुई बातचीत के दौरान वादे के अनुसार 'बाल मिठाई' लाने केलिए लक्ष्य सेन को धन्यवाद दिया। लक्ष्य ने याद कियाकि वह पहले यूथ ओलंपिक में जीत केबाद मिले थे और अब थॉमस कप जीतने केबाद प्रधानमंत्री से मिल रहे हैं। उन्होंने कहाकि इस तरह के मेल-जोल और संवाद से खिलाड़ी काफी प्रेरित महसूस करते हैं।
लक्ष्य सेन ने कहाकि मैं भारत केलिए पदक जीतते रहना चाहता हूं और प्रधानमंत्री से इसी तरह मिलते रहना चाहता हूं। प्रधानमंत्री ने टूर्नामेंट के दौरान लक्ष्य को हुई विषाक्त भोजन की समस्या के बारेमें जानकारी ली, जब इस खेल को अपनाने वाले छोटे बच्चों केलिए उनकी सलाह के बारे में पूछा गया तो लक्ष्य ने उन्हें अपना पूरा ध्यान प्रशिक्षण पर लगाने केलिए कहा। प्रधानमंत्री ने लक्ष्य को अपनी ताकत और संतुलन को याद करने केलिए कहा, जिसे उन्होंने विषाक्त भोजन के आघात का सामना करने में लगाया था और उन्हें अपनी ताकत तथा संकल्प का उपयोग करने के सबक को याद रखने केलिए कहा। एचएस प्रणय ने कहाकि यह और भी गर्व का क्षण है, क्योंकि टीम ने भारत की आजादी के 75वें वर्ष में प्रतिष्ठित टूर्नामेंट पर जीत हासिल की है। उन्होंने कहाकि क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल में काफी दबाव था और उन्हें खुशी हैकि टीम के समर्थन से इसे दूर किया जा सका। प्रधानमंत्री ने प्रणय में योद्धा के गुण के बारेमें कहाकि जीत के प्रति उनका दृष्टिकोण उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
प्रधानमंत्री ने सबसे कम उम्र की उन्नति हुड्डा को बधाई दी, जिन्होंने पदक विजेताओं और गैर-पदक विजेताओं केबीच कभी भेदभाव नहीं करने केलिए प्रधानमंत्री की सराहना की। प्रधानमंत्री ने उनके दृढ़संकल्प की प्रशंसा की और हरियाणा की मिट्टी की विशेष गुणवत्ता केबारे में पूछा, जो इतने गुणवत्ता वाले एथलीट पैदा करती है। उन्नति ने उत्तर दियाकि 'दूध-दही' युक्त आहार सभी की प्रसन्नता का मुख्य कारण है। प्रधानमंत्री ने कहाकि उनका विश्वास हैकि उन्नति नाम रोशन करेगी जैसा उनके नाम से संकेत मिलता है। उन्होंने कहाकि उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना है और उन्हें जीत को कभी भी आत्मसंतुष्ट होने का कारण बनने नहीं देना चाहिए। ट्रीसा जॉली ने अपनी खेल केलिए मिले उत्कृष्ट पारिवारिक समर्थन के बारेमें प्रधानमंत्री को बताया। प्रधानमंत्री ने कहाकि उबर कप में हमारी महिला टीम ने जिस तरह का खेल दिखाया, उसपर देश को गर्व है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस टीम ने थॉमस कप जीतकर देश में ऊर्जा का संचार किया है, सात दशक का लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि जब हम जीत का इंतजार करते हैं तो हम उसके लिए इंतजाम भी करेंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्तमान टीम के गुणवत्ता वाले एथलीटों को जल्द ही बेहतर परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहाकि 'मैं यह कर सकता हूं' यही न्यू इंडिया की भावना है और प्रतियोगिता की चिंता करने से ज्यादा अपने प्रदर्शन पर ध्यान देना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहाकि अब उम्मीद का दबाव बढ़ेगा, जो ठीक भी है और उन्हें देश की उम्मीदों के दबाव में विचलित नहीं होना है। उन्होंने कहाकि हमें दबाव को ऊर्जा में बदलने की जरूरत है, हमें इसे प्रोत्साहन के रूपमें लेना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि इन 7-8 साल में खिलाड़ियों ने नए रिकॉर्ड बनाए हैं, ओलंपिक, पैरालंपिक और डेफलिम्पिक में शानदार प्रदर्शन का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि आज खेलों को लेकर मानसिकता बदल रही है, नया माहौल बन रहा है, यह भारत के खेल इतिहास में एक सुनहरे अध्याय की तरह है और आप जैसे चैंपियन और आपकी पीढ़ी के खिलाड़ी इसके मुख्य पात्र हैं, हमें इस गति को जारी रखने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने देश के एथलीटों को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर खेलमंत्री अनुराग ठाकुर और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी उपस्थित थे।

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