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दुनिया की नई उम्मीद है भारत-प्रधानमंत्री

'हर पीढ़ी में निरंतर चरित्र निर्माण हर समाज की बुनियाद'

श्रीस्वामी नारायण मंदिर के 'संस्कार शिविर' में संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 19 May 2022 02:06:32 PM

pm addresses 'sanskar shivir' organized by shri swaminarayan mandir

वडोदरा/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए करेलीबाग वडोदरा में ‘संस्कार शिविर’ को संबोधित किया, जिसका आयोजन श्रीस्वामी नारायण मंदिर कुलधाम और करेलीबाग वडोदरा में श्रीस्वामी नारायण मंदिर ने किया था। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे ग्रंथ हमें सीख देते हैंकि हर पीढ़ी में निरंतर चरित्र निर्माण करना ही हर समाज की बुनियाद है। उन्होंने कहाकि इस तरह के शिविर न केवल हमारे युवाओं में अच्छे संस्कार पैदा करते हैं, बल्कि वह समाज, अस्मिता, गौरव और राष्ट्र के पुनर्जागरण केलिए पवित्र तथा नैसर्गिक अभियान कीभी भूमिका निभाते हैं। प्रधानमंत्री ने आग्रह कियाकि नए भारत के निर्माण केलिए सामूहिक संकल्प लें और मिलकर प्रयास करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ऐसा नया भारत, जिसकी पहचान नई हो, जो दूरदर्शी हो और परंपराएं प्राचीन हों, एक ऐसा नया भारत, जो नई सोच और सदियों पुरानी संस्कृति दोनों को एकसाथ लेकर आगे बढ़े, पूरी मानवजाति को दिशा दे। प्रधानमंत्री ने कहाकि जहां भी चुनौतियां हैं, वहां आशा केसाथ भारत मौजूद है, जहांभी समस्या है, वहां भारत समाधान देता है। उन्होंने कहाकि कोरोना संकट केबीच दुनिया को वैक्सीन और दवाइयां पहुंचाने से लेकर बिखरी हुई आपूर्ति श्रृंखला केबीच आत्मनिर्भरता की उम्मीद तक, वैश्विक शांति और संघर्षों केबीच शांति केलिए एक सामर्थ्यवान राष्ट्र की भूमिका तक भारत आज दुनिया की नई उम्मीद है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हम पूरी मानवता को योग का रास्ता दिखा रहे हैं, आयुर्वेद की ताकत से परिचित करवा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उल्लेख कियाकि जनभागीदारी के बढ़ने केसाथ सरकार के काम करने और समाज के सोचने का तरीका बदल गया है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत केपास दुनिया की सबसे बड़ी स्टार्टअप प्रणाली है, जिसका नेतृत्व भारत के युवा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि हम सॉफ्टवेयर से लेकर अंतरिक्ष तक एक नए भविष्य केलिए तत्पर देश के रूपमें उभर रहे हैं। उन्होंने कहाकि हमारे लिए संस्कार का अर्थ है-शिक्षा, सेवा और संवेदनशीलता! हमारे लिए संस्कार का अर्थ है-समर्पण, संकल्प और सामर्थ्य! हम अपना उत्थान करें, लेकिन हमारा उत्थान दूसरों के कल्याण का भी माध्यम बने, यही भगवान स्वामीनारायण की शिक्षाओं का सार है और यही भारत की प्रकृति भी है। प्रधानमंत्री ने वडोदरा केसाथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया और अपने निजी और राजनीतिक जीवन में इस स्थान के महत्व का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के आधार पर वडोदरा विश्व आकर्षण का महत्वपूर्ण स्थान बन गया है यानी स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, इसी तरह पावागढ़ मंदिर भी दुनिया में सबको आकर्षित कर रहा है। उन्होंने कहाकि संस्कार नगरी वडोदरा भी पूरी दुनिया में जाना जा रहा है, क्योंकि वडोदरा निर्मित मेट्रो कोचों का इस्तेमाल विश्वभर में हो रहा है। उन्होंने कहाकि यही वडोदरा की शक्ति है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें देश के स्वतंत्रता संग्राम में मरने का अवसर तो नहीं मिला, लेकिन हम देश केलिए जी सकते हैं। उन्होंने सवाल कियाकि क्या 15 अगस्त 2023 तक, हम नकदी लेन-देन समाप्त कर सकते हैं और क्या डिजिटल भुगतान को अपना सकते हैं? आपका छोटा सा योगदान छोटे व्यापारों और विक्रेताओं के जीवन में भारी बदलाव ला सकता है, इसी तरह स्वच्छता, सिंगल-यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल और कुपोषण को रोकने केलिए भी संकल्प किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर काशी के घाटों की सफाई केलिए नागालैंड की एक बालिका के अभियान का भी उल्लेख किया और कहाकि उसने अकेले अभियान शुरू किया था और बादमें कई लोग उससे जुड़ते गए, इससे संकल्पशक्ति का परिचय मिलता है। प्रधानमंत्री ने आग्रह कियाकि देश की सहायता करने केलिए बिजली बचाने या प्राकृतिक खेती को अपनाने जैसे छोटे उपाय किए जाने चाहिएं।

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