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भारत में विविधता ही हमारी शक्ति है-शाह

बंगाल ने राष्ट्र की आजादी केलिए देश और दुनिया को जगाया

कोलकाता में मुक्ति-मातृका कार्यक्रम में शामिल हुए अमित शाह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 7 May 2022 02:19:43 PM

home minister attended mukti-matrika program in kolkata

कोलकाता। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यूनेस्‍को द्वारा दुर्गा पूजा को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में सम्मिलित किए जाने के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्रालय के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में आयोजित मुक्ति-मातृका कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और गृह राज्यमंत्री निशिथ प्रमाणिक और गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। मुक्ति-मातृका कार्यक्रम में प्रख्यात ओडिसी नृत्यांगना डोना गांगुली और उनकी मंडली ‘दीक्षा मंजरी’ ने एक नृत्य प्रस्‍तुत किया और प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी सुरेंद्र-सौम्यजीत ने गायन पेश किया। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, जिस कारण ये दोनों कार्यक्रम आयोजित किए गए।
बंगाल की दुर्गापूजा केप्रति पूरे देश की अपार श्रद्धा है, दिसंबर 2021 में दुर्गापूजा को यूनेस्को ने अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूपमें शामिल किया है और यह न केवल बंगाल, बल्कि पूरे देश केलिए गौरव का विषय है। गृहमंत्री ने कहाकि डोना गांगुली और उनकी मंडली ने यहां जो प्रस्तुति की है, उसमें दुर्गा के सभी नौ स्वरूपों को अपनी भाव भंगिमाओं से प्रस्तुत करने का बहुत सुंदर प्रयास किया है। अमित शाह ने कहाकि हमारा देश सदियों से एक सांस्कृतिक नदी के रूपमें बहता रहा है, हजारों साल से हमारी संस्कृति इटरनल है, इसे कभी भी कोई नही मिटा सकता, इसका संदेश विश्व केलिए है और पूरा विश्व इसका सम्मान करता है। अमित शाह ने कहाकि आज जब लोग स्त्री सशक्तिकरण की बात करते हैं तो उनको शायद मालूम नहीं हैकि हमारे पुराणों और उपनिषदों में लिखा गया हैकि जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है और वहीं सुख व समृद्धि होती है। उन्होंने कहाकि नारी सशक्तिकरण का जो विचार है, वह हजारों साल बाद बलवत्तर होकर फिरसे एकबार पश्चिम से यहां आया है।
अमित शाह ने कहाकि दुर्गापूजा नारी की पूजा, शक्ति की पूजा और उसके प्रति श्रद्धा व समाज के सम्मान की द्योतक है, इसलिए कोईभी संस्कृति हो, कोईभी मत हो, भारत में सभी ने शक्ति की पूजा के महत्व को बहुत अच्छे तरीके से स्वीकार किया है और आज मुझे इस बात का आनंद हैकि दुर्गा पूजा के शामिल होने से भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की संख्या 14 हो गई है, 2017 में कुंभ मेले, 2016 में नवरोज, 2015 में योग और अब दुर्गापूजा को इसमें सम्मिलित किया गया है। गृहमंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आजादी के अमृत महोत्सव में पूरे देश में 25,000 से ज्यादा कार्यक्रम हुए हैं। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदी ने इसका आह्वान करते वक्त कुछ कल्पनाएं देश के सामने रखी थीं जैसे-आजादी हमें बहुत बड़ी तपस्या, बहुत बड़े संघर्ष और बहुत बलिदानों के बाद मिली है और 130 करोड़ की आबादी विशेषकर कर युवाओं में इसका सम्मान हो। उन्होंने कहाकि आजादी का अमृत महोत्सव न केवल देश, बल्कि पूरे विश्व केलिए महत्वपूर्ण है, 75 साल पहले भारत ने पूरी विश्व की स्वतंत्रता का एक नया रास्ता प्रशस्त किया था।
गृहमंत्री ने कहाकि इन 75 साल में हमने अनेक उपलब्धियां प्राप्त की हैं, हम मल्टी पार्टी और पार्लियामेंट्री डेमोक्रेटिक सिस्टम को मजबूत करके अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए आज लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहाकि एक जमाने में हमारी सांस्कृतिक विरासत और उसकी विविधताओं भाषा, खान-पान और वेशभूषा की विविधता को हमारी कमजोरी के रूपमें देखा जाता था, आज हमने दुनिया के सामने सिद्ध कर दिया हैकि यह विविधता ही हमारी शक्ति है। उन्होंने कहाकि मोदीजी ने 2014 से 2021 के बीच दुनिया को इसका परिचय भी करा दिया हैकि यही हमारी ताकत है और विविधता में एकता भारत की विशेषता है। अमित शाह ने कहाकि यह कार्यक्रम बंगाल की पवित्र भूमि पर हुआ है और आजादी की हर लड़ाई भी बंगाल ने ही लड़ी। उन्होंने कहाकि देश के दोनों राष्ट्रगान इसी बंगाल की भूमि ने दिए हैं, वंदे मातरम और हमारा राष्ट्रगीत दोनों इसी बंगाल की भूमि की देन हैं।
अमित शाह ने कहाकि सन् 1857 में देशमें जब कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था, जब अंग्रेजों ने पूरे देश को निशस्त्र कर दिया था, तब इसी बंगाल ने बम धमाके कर गहरी नींद में सोए भारतीय समाज को जगाने का काम किया था। उन्होंने कहाकि 14 साल के खुदीराम बोस हाथ में गीता लेकर हंसते-हंसते वंदे मातरम के नारे केसाथ फांसी पर चढ़ गए तो उन्होंने केवल बंगाल के लोगों को ही प्रेरणा नहीं दी थी, बल्कि बंगाल से गुजरात तक और कश्मीर से कन्याकुमारी तक विराट भारत के समाज को चेतना देने का काम किया था। उन्होंने कहाकि नेताजी सुभाष बाबू ने देश की आज़ादी के लिए जो हजारों किलोमीटर की यात्रा की, उसे हम कभी नहीं भुला सकते। अमित शाह ने कहाकि मैं दोनों कलाकार समूहों को इतनी सुंदर प्रस्तुति केलिए पूरे देश और भारत सरकार की ओर से हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।

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