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भारतीय चरित्र अपनी वेशभूषा में हों-शेखर कपूर

मुंबई में भारतीय सिनेमा और सॉफ्ट पावर विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

भारत केलिए विश्व की प्रमुख संस्कृति बनने का यही उपयुक्त समय

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 4 May 2022 01:06:56 PM

national seminar on indian cinema and soft power in mumbai

मुंबई। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की 'भारतीय सिनेमा और सॉफ्ट पावर' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक शेखर कपूर ने कहा हैकि भारत केलिए एशियाई देशों केलिए विश्व की प्रमुख संस्कृति बनने का यह उपयुक्त समय है। उन्होंने कहाकि मेरी युवावस्था के दौरान एक समय था, जब मैं अमरीकियों की तरह बनने की ख्वाहिश रखता था, ऐसा केवल अमरीकी मीडिया के प्रभाव के कारण था, लेकिन अब हमारी बारी है, एशिया का उदय हो रहा है तथा भारत एवं चीन दो ऐसे देश हैं, जो दुनिया में मुख्य रूपसे प्रभावशाली बनने केलिए अपनी सॉफ्ट पावर का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यह संगोष्ठी राजभवन मुंबई में संयुक्त रूपसे हुई। शेखर कपूर ने कहाकि चीन इसे हासिल करने केलिए पहले सेही हर संभव प्रयास कर रहा है।
शेखर कपूर ने प्रौद्योगिकी के उन्नयन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि यदि भारत सिनेमा को एक सॉफ्ट पावर के रूपमें इस्तेमाल करना चाहता है तो हमें दुनियाभर में आनेवाली पीढ़ियों के दिल और दिमाग को जीतना होगा। शेखर कपूर ने कहाकि अमरीका और दुनिया के 90 फीसदी युवा फिल्मों और ओटीटी के अलावा खेलों को देख रहे हैं, हमें नवीनतम प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करके गेमिंग जैसी लोकप्रिय मीडिया के माध्यम से अपनी कहानियां बताने के बारेमें सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहाकि मैं उन खेलों को देखना चाहता हूं, जिनमें भारतीय वेशभूषा में भारतीय चरित्र होते हैं। आईसीसीआर के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने कहाकि आज दुनियाभर में भारतीय संस्कृति केलिए सद्भावना और आकर्षण की एक बड़ी भावना मौजूद है, हमें दुनिया में भारत के बारेमें गहरी समझ बनाने की जरूरत है और सिनेमा इसके लिए एक प्रभावी माध्यम हो सकता है।
विनय सहस्रबुद्धे ने कहाकि फिल्में ज्यादातर महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित होती हैं, कई बार कारोबार को ध्यान में रखते हुए कहानी के नकारात्मक पक्ष को दिखाया जाता है, लेकिन हमें यह पूरी तस्वीर को संवारने की जरूरत है। विनय सहस्रबुद्धे ने कहाकि मुख्यधारा के सिनेमा द्वारा पूर्वोत्तर के लोगों के संघर्ष, अनिवासी भारतीयों के रहने या स्वदेश लौटने आदि के बारेमें दुविधा जैसे विषयों का दोहन करने की आवश्यकता है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने कहाकि बॉलीवुड आज विश्व सिनेमा को टक्कर दे सकता है, क्योंकि यह दुनियाभर में लोकप्रिय है। उन्होंने कहाकि योग और योग दिवस समारोह भी हमारे देश के सॉफ्ट पावर बन गए हैं।
प्रख्यात हस्तियां सुभाष घई, रूपा गांगुली, भरत बाला, अंबरीश मिश्रा, अरुणाराजे पाटिल, अशोक राणे, मीनाक्षी शेडे, मनोज मुंतशिर, परेश रावल, जीपी विजय कुमार और विशेषज्ञों ने संगोष्ठी के विभिन्न तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता की। सिनेमाई उपनिवेशवाद, विदेशों में भारत के विचार के बारेमें जागरुकता फैलाने के एक वाहन के रूपमें भारतीय सिनेमा, क्षेत्रीय सिनेमा और इसके वैश्विक प्रभाव, विदेशी दर्शकों केसाथ भारतीय सिनेमा का जुड़ाव, भारतीय सिनेमाई संगीत का वैश्विक प्रभाव संगोष्ठी के प्रमुख विषय थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर मुंबई के फिल्म प्रभाग में समापन समारोह में मुख्य अतिथि थे।

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