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भारत में सभी की सुरक्षा व विकास-राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने विशाखापत्तनम में किया नौसेना बेड़े का निरीक्षण

'हिंद महासागर में भारतीय नौसेना पसंदीदा सुरक्षा भागीदार'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 21 February 2022 06:17:14 PM

president ram nath kovind witnessed the fleet review 2022

विशाखापत्तनम। भारत के राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर रामनाथ कोविंद ने आज विशाखापत्तनम में राष्ट्रपति यॉट आईएनएस सुमित्रा पर सवार होकर 60 से अधिक जहाजों और पनडुब्बियों तथा 55 विमानों से युक्त भारतीय नौसेना बेड़े का निरीक्षण किया। ज्ञातव्य हैकि सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूपमें भारत के राष्ट्रपति 'प्रेसिडेंट्स फ्लीट रिव्यू' के तहत अपने कार्यकाल में एकबार भारतीय नौसेना के बेड़े की समीक्षा करते हैं। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहाकि महासागरों के टिकाऊ उपयोग को लेकर सहकारी उपायों पर ध्यान केंद्रित करने के संबंध में भारत 'क्षेत्र में सभी केलिए सुरक्षा और विकास' में विश्वास करता है। उन्होंने नौसेना बेड़े की समीक्षा करते हुए कहाकि वैश्विक व्यापार का एक बड़ा हिस्सा हिंद महासागर क्षेत्र से होकर संचालित होता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहाकि हमारे व्यापार और ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा महासागरों के जरिए पूरा किया जाता है, इसे देखते हुए समुद्र और इससे जुड़े लोगों की सुरक्षा एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बनी हुई है, इसे बारे में भारतीय नौसेना की निरंतर निगरानी, घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया और अथक प्रयास अत्यधिक सफल रहे हैं। राष्ट्रपति ने उल्लेख कियाकि कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय नौसेना मित्र राष्ट्रों को दवाओं की आपूर्ति करके सहायता प्रदान करती रही है और मिशन सागर व समुद्र सेतु के तहत विश्व के विभिन्न हिस्सों में फंसे भारतीय और विदेशी नागरिकों को वहां से निकाला जाता रहा है। उन्होंने कहाकि संकट के समय में भारतीय नौसेना की त्वरित व प्रभावी तैनाती ने हिंद महासागर क्षेत्र में 'पसंदीदा सुरक्षा भागीदार' और 'सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला' होने के भारत की सोच को रेखांकित किया है।
विशाखापत्तनम, जो विजाग के नाम से भी लोकप्रिय है के ऐतिहासिक महत्व का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि यह सदियों से एक महत्वपूर्ण पत्तन रहा है, इसके सामरिक महत्व को इस तथ्य से रेखांकित किया जाता हैकि भारतीय नौसेना के पूर्वी कमान का मुख्यालय विजाग में है। रामनाथ कोविंद ने कहा कि 1971 के युद्ध के दौरान विजाग ने एक बेहतरीन योगदान दिया था। उन्होंने तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान की नौसैनिक नाकाबंदी में पूर्वी नौसेना कमान की वीरतापूर्ण कार्रवाई और पाकिस्तान की पनडुब्बी 'गाजी' के डूबने की घटना का उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने बताया कि यह पाकिस्तान के लिए एक निर्णायक झटका था। उन्होंने आगे कहा कि 1971 का युद्ध हमारे इतिहास की सबसे प्रभावी विजय में से एक है। राष्ट्रपति ने इसपर प्रसन्नता व्यक्त कीकि भारतीय नौसेना तेजी से आत्मनिर्भर हो रही है और 'मेक इन इंडिया' पहल में अग्रिम मोर्चे पर रही है।
राष्ट्रपति ने उल्लेख कियाकि देशभर के विभिन्न सार्वजनिक और निजी शिपयार्डों में निर्माणाधीन कई युद्धपोतों और पनडुब्बियों की लगभग 70 फीसदी सामग्री स्वदेशी है। राष्ट्रपति ने कहाकि यह बहुत गर्व की बात हैकि भारत ने परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण किया है और जल्द ही हमारे पास स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत 'विक्रांत' नौसेना की सेवा में शामिल होगा। रामनाथ कोविंद ने कहाकि स्वदेशी नौसैनिक पोत निर्माण क्षमताओं का विकास 'आत्मनिर्भर भारत' निर्माण में एक प्रभावशाली योगदान है। राष्ट्रपति ने महामारी के चलते उत्पन्न सभी चुनौतियों और लगाए गए प्रतिबंधों से आगे बढ़ते हुए नौसेना के बेड़े की समीक्षा के शानदार संचालन केलिए भारतीय नौसेना को बधाई दी। उन्होंने कहाकि सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूपमें यह उनके लिए बेहद संतुष्टि का एक पल है। रामनाथ कोविंद ने कहाकि राष्ट्र को हमारे वीर नौसैनिकों पर गर्व है। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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