स्वतंत्र आवाज़
word map

दिल्ली पुलिस का 75वां स्थापना दिवस समारोह

गृहमंत्री का दिल्ली पुलिस की सेवा व कर्तव्यपरायणता को सलाम

'नए व मज़बूत भारत निर्माण केलिए अपने आपको समर्पित करें'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 16 February 2022 03:30:00 PM

home minister salutes the service and duty of delhi police

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली पुलिस के 75वें स्थापना दिवस समारोह पर भव्य परेड की सलामी ली और उत्कृष्ट सेवा एवं वीरता केलिए दिल्ली पुलिस के अधिकारियों और जवानों को पदक देकर सम्मानित किया। अमित शाह ने इस मौके पर रोहिणी में नवनिर्मित उपायुक्त कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन किया। गृहमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि सेवा और कर्तव्यपरायणता का जो जज़्बा दिल्ली पुलिस ने दिखाया है वो ना सिर्फ़ दिल्ली, बल्कि पूरे देश के पुलिस बलों केलिए मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत है। गृहमंत्री ने कहाकि 75 साल तक देश की राजधानी को दिल्ली पुलिस ने जिस प्रकार से सुरक्षित रखा और इसके बदलते स्वरूप के अनुसार स्वयं को बदला उसकी झलक आज की परेड में देखने को मिली है। अमित शाह ने कहाकि किसी भी बल में अच्छे काम का अनुमोदन पूरे बल को उत्साहित करने वाला होता है। उन्होंने दिल्ली पुलिस के 79 कर्मियों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने पिछले दो वर्ष में कोरोनाकाल के दौरान जनसेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि दिल्ली पुलिस का 75वां स्थापना दिवस है और देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, आज़ादी केसाथ ही दिल्ली पुलिस का नया कलेवर और स्वरूप देश की जनता के सामने आया है। उन्होंने कहाकि आज़ादी पूर्व की पुलिस व्यवस्था आज़ादी के आंदोलन को कुचलने और अंग्रेज़ों की सत्ता बनाए रखने केलिए काम करती थी, लेकिन आज़ादी केबाद देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस की स्थापना हुई और उसके बाद शांति, सेवा और न्याय के सूत्रवाक्य केसाथ दिल्ली पुलिस ने अपना काम शुरू किया। अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव में देश की जनता के सामने कई लक्ष्य रखे हैं, आज़ादी का अमृत महोत्सव जोशो-ख़रोश के साथ मनाया जा रहा है, इसका पहला उद्देश्य हैकि 1857 से 15 अगस्त 1947 तक आज़ादी की जंग में जान गंवाने, अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले बहादुरों के उज्ज्वल इतिहास से देश के युवा परिचित हों, उनसे प्रेरणा लेकर नए और मज़बूत भारत के निर्माण केलिए अपने आपको समर्पित करें।
गृहमंत्री ने कहाकि दूसरा उद्देश्य हैकि आज़ादी का अमृत महोत्सव पूरे देश की जनता केलिए संकल्प का वर्ष बने, देश के 130 करोड़ लोग इस वर्ष में एक संकल्प लें, जो हमारे देश को आगे बढ़ाने, मज़बूत करने, समृद्ध, शिक्षित और स्वस्थ बनाने वाला हो। उन्होंने कहाकि 130 करोड़ लोगों का संकल्प कि जब देश आज़ादी की शताब्दी मनाएगा, तब देश को हम दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर बिठाएंगे, इसका हमें पूरा विश्वास है। उन्होंने कहाकि 75 से 100 साल की यात्रा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमृतकाल कहा है, इन 25 वर्ष में हर क्षेत्र में देश को ऊंचाईयों और दुनिया में प्रथम स्थान पर लेजाने का हमें संकल्प करना है, ये 25 वर्ष संकल्प सिद्धि, पुरूषार्थ की पराकाष्ठा और लक्ष्य सिद्धि के 25 वर्ष होने चाहिएं। गृहमंत्री ने कहाकि पिछले 8 दशक में दिल्ली पुलिस ने कई ऊंचाईयों को छुआ, कठिन समय में अपने आपको साबित किया और सभी चुनौतियों को स्वीकार करते हुए अपने स्वरूप में बहुत बदलाव किया। उन्होंने कहाकि ये वर्ष दिल्ली पुलिस के लिए दो प्रकार के लक्ष्य तय करने का वर्ष है, पहला-75 से 80 साल के 5 साल के कालखंड में दिल्ली पुलिस में हर क्षेत्र में-अनवेषण, अनुशासन, जवानों के स्वास्थ्य, कल्याण, आतंकवादी चुनौतियों का सामना करने, नारकोटिक्स की रोकथाम, साइबर चुनौतियों का सामना करने तक-जहां भी जो भी गैप दिखाई देते हैं, उन्हें भरेंगे।
अमित शाह ने कहाकि दूसरा लक्ष्य हैकि दिल्ली पुलिस की स्थापना के शताब्दी वर्ष के समय इसे किस स्थान पर स्वयं को पहुंचाना है। उन्होंने कहाकि पांच साल और 25 साल के लक्ष्यों का निर्धारण समयबद्ध तरीक़े और रोडमैप केसाथ दिल्ली पुलिस को करना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि कोरोनाकाल और दिल्ली दंगों में जिस प्रकार की भूमिका दिल्ली पुलिस ने निभाई है, विशेषकर दिल्ली दंगों की जांच करके दंगाईयों को अदालत के सामने खड़ा करने का काम किया है, इसके लिए दिल्ली पुलिस बधाई की पात्र है। उन्होंने कहाकि दिल्ली पुलिस की कठिनाईयां कई बार दिखती नहीं हैं, राज्य की पुलिस के लिए लॉ एंड आर्डर और राज्य के सामने आई चुनौतियों का सामना करना होता है, दिल्ली पुलिस को राजधानी की पुलिस होने के नाते देश के सभी संवैधानिक पदों पर आसीन गणमान्य लोगों की सुरक्षा करनी होती है, देश के बड़े कार्यक्रमों का आयोजन सुरक्षित तरीक़े से सुनिश्चित करना, चाहे आजादी का पर्व हो, गणतंत्र दिवस हो, स्वतंत्रता दिवस हो, संसद का सत्र हो अनेक प्रकार के विदेशी मेहमान यहां आते हैं, इन सभी चीजों को बहुत अच्छे तरीके से निभाना होता है। इसके साथ-साथ देश की राजधानी होने के नाते आतंकवाद, नारकोटिक्स और डिप्लोमेटिक एरिया की सुरक्षा की भी चुनौतियां दिल्ली पुलिस के सामने हैं। दुनिया में कोई भी घटना होती है इसकी प्रतिक्रिया भारत की राजधानी में होना स्वाभाविक है और उस वक्त यह डिप्लोमेटिक एरिया की सुरक्षा भी दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी होती है।
गृहमंत्री ने कहाकि आज पीछे मुड़कर देखें तो दिल्ली पुलिस का मूल अगर ढूंढ़ने जाएं तो बहुत कठिन है, मगर मुझे लगता हैकि कोतवाली से शुरू होकर आज दिल्ली पुलिस जहां पहुंची है, इस परिवर्तन के कारण दिल्ली पुलिस आज चुनौतियों के सामने खड़ी है। उन्होंने कहाकि देश का गृहमंत्री होने के नाते मैं आज गर्व केसाथ कहता हूंकि दिल्ली पुलिस ने समय केसाथ और आनेवाली चुनौतियों के साथ-साथ अपने आपको तैयार भी किया है और बदला भी है, इसीलिए दिल्ली पुलिस का आज दुनियाभर में सम्मान है। उन्होंने कहाकि कोरोनाकाल में जो काम दिल्ली पुलिस ने किया, वो काम शायद ही कभी किसी पुलिस दल ने किया होगा, इसी कालखंड में कई ऐसी वारदातें होने की संभावनाएं थीं, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने बहुत मुस्तैदी केसाथ होने से पहले रोका है और इसके कारण आज हम सुरक्षित महसूस करते हैं। अमित शाह ने कहाकि दिल्ली पुलिस के सुधार के लिए कई गतिविधियां चल रही हैं, दिल्ली पुलिस में परसेप्शन मैनेजमेंट विभाग बनाया गया है, यह बहुत जरूरी है, क्योंकि पुलिस की ड्यूटी को एक अलग नजरिए से हमें देखना होगा, कुछ कहानियों और किस्सों के आधार पर पुलिस के त्याग, तपस्या, बलिदान और उनके फर्ज निभाने की गंभीरता को हमें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
अमित शाह ने कहाकि हम जब रक्षाबंधन के दिन बहन से राखी बंधवाते हैं, तब दिल्ली और देश की पुलिस का जवान चौराहे पर खड़ा होकर, कोई हादसा न हो इसकी चिंता करता है, जब हम होली, दीपावली और ईद मनाते हैं, उस दिन भी पुलिसकर्मियों को कानून व्यवस्था की चिंता करनी होती है। अमित शाह ने कहाकि वे न समय पर घर का खाना खा सकते हैं, ना समय पर वर्जिश कर सकते हैं और यह सब करते-करते जब उम्र होती है, तब उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता, ना यहां ओवर टाइम होता है, ना ही ड्यूटी के घंटे होते हैं। अमित शाह ने कहाकि सबसे कठिन ड्यूटी देशभर की पुलिस निभाती है और देशभर की पुलिस के 35000 हमारे जवानों ने देश की आंतरिक सुरक्षा को संभालते हुए सभी सीएपीएफ और सभी राज्यों की पुलिस के 35000 जवान शहीद हुए हैं। इन सभी केप्रति हम सबके मन में सम्मान का भाव होना चाहिए। गृहमंत्री ने कहाकि यह परसेप्शन मैनेजमेंट विभाग पुलिस विभाग की कठिनाइयों को जनता के सामने तो रखेगा ही, परंतु साथ ही जो यह कठिन जीवन के कारण स्वभाव में परिवर्तन आता है, उसको भी किस प्रकार से मैनेज किया जा सके, इसका भी काम करेगा। इस दौरान केंद्रीय मंत्री देवसिंह चौहान, केंद्रीय गृह सचिव, दिल्ली पुसिल आयुक्त और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]