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खेल के मैदान में नए भारत का उदय-मोदी

मेजर ध्यान चंद को समर्पित की मेरठ स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी

प्रधानमंत्री ने किया मेरठ की खेल संस्कृति का बखान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 3 January 2022 03:09:58 PM

pm visiting an exhibition in ceremony of major dhyan chand sports university

मेरठ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की आधारशिला रखते हुए कहाकि उत्तर प्रदेश को पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी केलिए बहुत-बहुत बधाई! उन्होंने कहाकि करीब 700 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली ये आधुनिक खेल यूनिवर्सिटी दुनिया की श्रेष्ठ स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटीज़ में से एक होगी, यहां युवाओं को खेलों से जुड़ी अंतर्राष्‍ट्रीय सुविधाएं तो मिलेंगी ही, ये एक करियर के रूपमें स्पोर्ट्स को अपनाने के लिए ज़रूरी स्किल्स का निर्माण करेगी, यहां से हर साल 1000 से अधिक बेटे-बेटियां बेहतरीन खिलाड़ी बनकर निकलेंगे। यह सिंथेटिक हॉकी मैदान, फुटबॉल मैदान, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल, हैंडबॉल, कबड्डी मैदान, लॉन टेनिस कोर्ट, जिमनैजियम हॉल, सिंथेटिक रनिंग स्टेडियम, स्विमिंग पूल, बहुउद्देशीय हॉल, साइकिलिंग वेलोड्रोम सहित आधुनिक और अत्याधुनिक खेल बुनियादी ढांचे से लैस होगा। विश्वविद्यालय में निशानेबाजी, स्क्वॉश, जिम्नास्टिक, भारोत्तोलन, तीरंदाजी, कैनोइंग और कयाकिंग जैसी सुविधाएं भी होंगी। विश्वविद्यालय में 540 महिला और 540 पुरुष खिलाड़ियों सहित 1080 खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने की क्षमता होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहाकि मेरठ और आसपास के क्षेत्र ने स्वतंत्र भारत को भी नई दिशा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि राष्ट्र रक्षा केलिए सीमा पर बलिदान हों या फिर खेल के मैदान में राष्ट्र केलिए सम्मान, राष्ट्रभक्ति की अलख को इस क्षेत्र ने प्रज्ज्वलित रखा हुआ है। प्रधानमंत्री ने मेरठ की खेल संस्कृति का बखान करते हुए कहाकि भारतीय इतिहास में मेरठ सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि संस्कृति और शक्ति का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्रहालय, अमर जवान ज्योति और बाबा औघर नाथ मंदिर की भावना को महसूस करने पर खुशी का इजहार किया। प्रधानमंत्री ने मेरठ में सक्रिय रहे मेजर ध्यानचंद को याद किया और कहाकि मेरठ मेजर ध्यान चंद की भी कर्मस्थली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार का नाम दद्दा के नाम पर कर दिया है और अब मेरठ स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मेजर ध्यान चंद को समर्पित की जा रही है। नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में लोकाचार में बदलाव का उल्लेख करते हुए कहाकि पहले की सरकारों में यूपी में अपराधी और माफिया अपना खेल खेलते थे, पहले यहां अवैध कब्जे के टूर्नामेंट होते थे, बेटियों पर फब्तियां कसने वाले खुलेआम घूमते थे।
प्रधानमंत्री ने पहले के समय की असुरक्षा और अराजकता को याद किया कि मेरठ और आसपास के क्षेत्रों के लोग कभी भूल नहीं सकते कि उनके घर जला दिए जाते थे और लोग अपना पुश्तैनी घर छोड़कर पलायन के लिए मजबूर हो गए थे। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अब योगी सरकार ऐसे अपराधियों केसाथ जेल-जेल खेल रही है, पांच साल पहले इसी मेरठ की बेटियां शाम होने केबाद अपने घर से निकलने से डरती थीं, आज मेरठ की बेटियां पूरे देश का नाम रौशन कर रही हैं, इस बदलाव से बेटियों में देश का नाम रौशन करने का विश्वास पैदा हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि युवा नए भारत का कर्णधार भी है, विस्तार भी है, युवा नए भारत का नियंता भी है, नेतृत्वकर्ता भी है, युवाओं केपास प्राचीनता की विरासत भी है, आधुनिकता का बोध भी है, इसलिए जिधर युवा चलेगा उधर भारत चलेगा और जिधर भारत चलेगा उधर ही अब दुनिया चलने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले कुछ वर्ष में उनकी सरकार ने भारतीय खिलाड़ियों को चार उपकरण प्राप्त करने केलिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहाकि खिलाड़ियों को चाहिए संसाधन, ट्रेनिंग की आधुनिक सुविधाएं, अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर, चयन में पारदर्शिता, हमारी सरकार ने बीते वर्षों में खिलाड़ियों को ये चार शस्त्र जरूर मिलें, इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारा लक्ष्य स्पष्ट है, युवाओं को न केवल रोलमॉडल बनना चाहिए, बल्कि अपने रोल मॉडल को भी पहचानना चाहिए। उन्होंने कहाकि मेरठ गंगा एक्सप्रेसवे, रीजनल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम और मेट्रो से कनेक्टिविटी का हब भी बनता जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि देश में खेलों केलिए जरूरी हैकि युवाओं में खेलों को लेकर विश्वास पैदा हो, खेल को अपना प्रॉफ़ेशन बनाने का हौसला बढ़े यही उनका संकल्प और सपना भी है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि वे चाहते हैंकि जिस तरह दूसरे प्रॉफ़ेशंस हैं, वैसे ही युवा स्पोर्ट्स को भी देखें। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार खेलों को रोज़गार से जोड़ती है, लक्ष्य ओलंपिक पोडियम (टॉप्स) जैसी योजनाएं शीर्ष खिलाड़ियों को उच्चतम स्तरपर प्रतिस्पर्धा करने केलिए सभी सहायता प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहाकि खेलो इंडिया अभियान के जरिए आज बहुत कम उम्र में ही देश के कोने-कोने में टैलेंट की पहचान की जा रही है, ऐसे खिलाड़ियों को इंटरनेशनल लेवल का एथलीट बनाने केलिए उनकी हर संभव मदद की जा रही है, इन्हीं प्रयासों की वजह से आज जब भारत का खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय मैदान पर उतरता है तो फिर उसका प्रदर्शन दुनिया भी सराहती है, देखती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि ओलंपिक और पैरा-ओलंपिक में भारत का हालिया प्रदर्शन खेल के मैदान में एक नए भारत के उदय का प्रमाण है, पिछले ओलंपिक ओर पैरालंपिक में देखा जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ, देश के वीर बेटे-बेटियों ने करके दिखाया, मेडल की ऐसी झड़ी लगा दीकि पूरा देश कह उठा-खेल के मैदान में भारत का उदय हो गया है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि गांवों और छोटे शहरों में खेल के बुनियादी ढांचे के आगमन केसाथ इन शहरों से खिलाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहाकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी खेल को प्राथमिकता दी गई है, स्पोर्ट्स को अब उसी श्रेणी में रखा गया है जैसे साईंस, कॉमर्स या दूसरी पढ़ाई हो, पहले खेल को एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब स्पोर्ट्स स्कूल में बाकायदा एक विषय होगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि स्पोर्टिंग इको-सिस्टम में शामिल स्पोर्ट्स, स्पोर्ट्स प्रबंधन खेल लेखन, खेल मनोविज्ञान आदि नई संभावनाएं पैदा करते हैं, इससे समाज में विश्वास पैदा होता हैकि खेलों की ओर बढ़ना सही फैसला है। उन्होंने कहाकि संसाधनों से खेल संस्कृति आकार लेती है और यह खेल विश्वविद्यालय इसमें बड़ी भूमिका निभाएगा। मेरठ की खेल संस्कृति के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि मेरठ शहर 100 से अधिक देशों में खेल के सामान का निर्यात करता है। प्रधानमंत्री ने उभरते खेल समूहों के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहाकि इस तरह मेरठ न केवल लोकल फॉर वोकल यानी स्थानीय केलिए मुखर है, बल्कि लोकल फॉर ग्लोबल यानी स्थानीय को वैश्विक में बदल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि उत्तर प्रदेश में डबल इंजन सरकार कई विश्वविद्यालयों की स्थापना कर रही है। उन्होंने गोरखपुर में महायोगी गुरुगोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, प्रयागराज में डॉ राजेंद्र प्रसाद विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ में राज्य फोरेंसिक विज्ञान संस्थान, अलीगढ़ में राजामहेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, सहारनपुर में माँ शाकुंबरी विश्वविद्यालय और मेरठ में मेजर ध्यानचंद विश्वविद्यालय को सूचीबद्ध किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान, वीके सिंह, मंत्री दिनेश खटीक, उपेंद्र तिवारी, कपिलदेव अग्रवाल, सांसद सत्यपाल सिंह, राजेंद्र अग्रवाल, विजयपाल सिंह तोमर, कांता कर्दम, विधायक सोमेंद्र तोमर, संगीत सोम, जितेंद्र सतवाल, सत्यप्रकाश अग्रवाल, मेरठ ज़िलापरिषद अध्यक्ष गौरव चौधरी, मुज़फ्फरनगर जिला परिषद अध्यक्ष वीरपाल और जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

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