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'भारत को सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाएं'

रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उपकरणों को बढ़ावा दें-उपराष्ट्रपति

रक्षा, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में वैज्ञानिकों की सराहना

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Monday 3 January 2022 02:21:25 PM

vice president m venkaiah naidu address to scientists and staff of npol

कोच्चि। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारत को सभी क्षेत्रों में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाने की अपील की है। कोच्चि में नौसेना भौतिक और समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिकों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उपकरणों को बढ़ावा देने और आयात में कटौती करने पर जोर दिया। वेंकैया नायडू ने कहाकि हमें न केवल अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों पर अधिक जोर देने की जरूरत है, बल्कि सख्त गुणवत्ता नियंत्रण केसाथ जहां भी संभव और जरूरत हो, निजी क्षेत्र की साझेदारी को भी अनुमति देने की जरूरत है। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने टोड ऐरे सोनार सिस्टम के विकास केलिए आवश्यक 'टोड एरे इंटीग्रेशन फैसिलिटी' की नींव रखी, जो पानी के भीतर रक्षा केलिए महत्वपूर्ण है, टोड ऐरे सोनार सिस्टम से समुद्र के अंदर घात लगाए बैठी पनडुब्बियों का पता लगाया जा सकता है और इससे नौसेना की शक्ति में भी इजाफा होगा।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहाकि भारत आनेवाले दशकों में एक वैश्विक महाशक्ति बनने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने रक्षा, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में बेहतरीन काम करने के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने कहाकि भारत अभी भी रक्षा उपकरणों के सबसे बड़े आयातक देशों में से एक है, एनपीओएल जैसी एक छोटी प्रयोगशाला का देश की रक्षा जरूरतों के सशक्तिकरण में किया गया योगदान वास्तव में सराहनीय है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमारे पड़ोस के भू-राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति एनपीओएल की भूमिका सर्वोपरि है। उन्होंने कहाकि भारतीय नौसेना के बेड़े में सभी युद्धपोत या पारंपरिक पनडुब्बियों में एनपीओएल की विकसित सोनार स्थापित है, एनपीओएल एक बहुत ही जटिल और महत्वपूर्ण तकनीक में महारत हासिल करने में सक्षम है, जो पनडुब्बीरोधी युद्ध क्षमताओं में भारतीय नौसेना को रणनीतिक बढ़त दे रही है।
समुद्र के भीतर निगरानी प्रणाली के क्षेत्र में खुद को एक अग्रणी अनुसंधान एवं विकास केंद्र के रूपमें स्थापित करने केलिए नौसेना की प्रयोगशाला की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि यह प्रयोगशाला वर्तमान में महत्वाकांक्षी मिशन मोड परियोजनाओं और प्रौद्योगिकी आधारित परियोजनाओं पर काम कर रही है, इसके अलावा एक प्रमुख एकीकृत समुद्री निगरानी कार्यक्रम शुरू किया है, जोकि भारतीय नौसेना के अगले 15 वर्ष केलिए भविष्य की आवश्यकता केलिए तैयार किया गया कार्यक्रम है। उद्योग के साथ मजबूत नेटवर्क बनाने और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के वित्तीय प्रदर्शन में सुधार की दिशा में अहम योगदान देने केलिए एनपीओएल की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि एनपीओएल ने विशिष्ट प्रौद्योगिकियों के विकास केलिए एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित 100 से अधिक स्थानीय उद्योगों को आगे बढ़ाने का योगदान दिया है।
उपराष्ट्रपति ने आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत प्रयोगशाला के पास स्थापित डॉ एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक भी राष्ट्र को समर्पित किया। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक को बेहद उपयोगी बताते हुए उन्होंने कहाकि यह हर दिन अनगिनत लोगों को जीवन के सभी क्षेत्रों में प्रेरित करेगा। इस मौके पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केरल सरकार के उद्योग मंत्री पी राजीव, सांसद हिबी ईडन, महानिदेशक (नौसेना प्रणाली और सामग्री) डॉ समीर वी कामत, नौसेना भौतिक और समुद्र विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक एस विजयन पिल्लै, फ्लैग ऑफिसर-कमांड इन चीफ दक्षिणी नौसेना कमान वाइस एडमिरल एमए हम्पीहोली और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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