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डीआरडीओ ने बनाई मिसाइल 'प्रलय'

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से पहला सफल परीक्षण

मिसाइल को मोबाइल लॉंचर से किया जा सकता है लॉंच

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 22 December 2021 03:59:25 PM

missile pralay

भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने स्वदेश में ही विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल 'प्रलय' का पहला परीक्षण ओडिशा तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक कर लिया। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया है। प्रलय मिसाइल ने वांछित अर्ध बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र का अनुसरण किया और इसने नियंत्रण, मार्गदर्शन तथा मिशन एल्गोरिदम को प्रमाणित करते हुए पूर्ण सटीकता केसाथ निर्दिष्ट लक्ष्य को हासिल किया। परीक्षण के समय सभी उप-प्रणालियों ने संतोषजनक प्रदर्शन किया। डाउन रेंज के जहाजों सहित पूर्वी तट पर केंद्रबिंदु केपास तैनात सभी सेंसरों ने मिसाइल प्रक्षेपवक्र को परखा और सभी घटनाओं को कैप्चर किया।
प्रलय मिसाइल ठोस प्रॉपेलेंट रॉकेट मोटर और कई नई तकनीकों से संचालित होती है। मिसाइल की रेंज क्षमता 150-500 किलोमीटर है और इसे मोबाइल लॉंचर से लॉंच किया जा सकता है। प्रलय मिसाइल गाइडेंस प्रणाली में अत्याधुनिक नेविगेशन और एकीकृत एवियोनिक्स प्रणाली शामिल हैं। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के पहले सफल परीक्षण केलिए डीआरडीओ एवं संबंधित टीमों को बधाई दी है। उन्होंने तेजीसे विकास और सतह से सतह पर मार करनेवाली आधुनिक मिसाइल के सफल परीक्षण केलिए डीआरडीओ की सराहना की। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने टीम की सराहना की और कहाकि यह आधुनिक तकनीकों से लैस सतह से सतह पर मार करनेवाली नई पीढ़ी की मिसाइल है। उन्होंने कहाकि इसको सैन्य प्रणाली में शामिल करने से सशस्त्र बलों की ताकत में और भी इजाफा होगा।

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