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बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग के कई नुकसान

माता-पिता सहमति के बिना गेम खरीदारी की अनुमति न दें

ऑनलाइन गेमिंग पर माता-पिता और शिक्षकों को परामर्श

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 11 December 2021 02:33:42 PM

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नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बच्चों के सुरक्षित ऑनलाइन गेमिंग पर माता-पिता और शिक्षकों केलिए महत्वपूर्ण परामर्श जारी किया है, जिसमें सचेत किया गया हैकि यद्यपि इस प्रौद्योगिकी युग में ऑनलाइन गेमिंग इसमें निहित चुनौतियों की वजह से बच्चों केबीच बहुत लोकप्रिय है, तथापि ये चुनौतियां उनमें उत्तेजना बढ़ाती हैं और उन्हें अधिक खेलने केलिए प्रेरित करती हैं, इससे बच्चों को इसकी लत भी लग सकती है, जिससे उन्हें बचाना चाहिए। गौरतलब हैकि ऑनलाइन गेम या तो इंटरनेट पर या किसी अन्य कंप्यूटर नेटवर्क से खेले जा सकते हैं। ऑनलाइन गेम लगभग हर किसी गेमिंग प्लेटफॉर्म जैसे-पीसी, कंसोल और मोबाइल डिवाइस पर देखे जा सकते हैं। ऑनलाइन गेमिंग को फोन या टैबलेट के उपयोग से खेला जा सकता है, जो लत का एक सामान्य कारक है, क्योंकि बच्चे आसानी से किसी भी समय कहीं भी गेम खेल सकते हैं, जोकि उनके स्कूल और सामाजिक जीवन के समय को प्रभावित करते हैं।
कोविड महामारी के दौरान स्कूल बंद होने से बच्चों में मोबाइल और इंटरनेट के उपयोग में वृद्धि हुई है। ऑनलाइन गेमिंग के कई नुकसान भी हैं। इन्हें गेमिंग डिसऑर्डर के रूपमें जाना जाता है। इन खेलों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया हैकि प्रत्येक स्तर पिछले की तुलना में अधिक जटिल और कठिन होता जाता है। यह एक खिलाड़ी को खेल में आगे बढ़ने केलिए खुद को अंतिम सीमा तक जाने केलिए उकसाने का कारण बनता है, इसलिए बिना किसी प्रतिबंध और आत्मसंयम के ऑनलाइन गेम खेलने से उपयोगकर्ता इसके आदी हो जाते हैं और अंततः उनमें गेमिंग डिसऑर्डर पाया जाता है। गेमिंग कंपनियां भावनात्मक रूपसे बच्चों को खेल के और अधिक चरण या ऐप को खरीदने केलिए भी मजबूर करती हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इसीके मद्देनजर माता-पिता और शिक्षकों को व्यापक प्रसार के उद्देश्य से परामर्श दिया है, जो ऑनलाइन गेमिंग की वजह से बच्चों में होने वाली मानसिक एवं शारीरिक समस्याओं से निपटने केलिए आवश्यक कदम उठाने केबारे में शिक्षित करता है।
माता और पिता को परामर्श के अनुसार उनकी सहमति के बिना गेम खरीदारी की अनुमति न दें। उन्हें ऐप्स की खरीदारी से बचना चाहिए, इसके लिए आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार ओटीपी आधारित भुगतान विधियों को अपनाया जा सकता है। ऐप्स पर सदस्यता केलिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड पंजीकरण से बचें। हर लेन-देन की व्यय की ऊपरी सीमा निर्धारित करें। बच्चों को गेमिंग केलिए इस्तेमाल होने वाले लैपटॉप या मोबाइल से सीधे खरीदारी न करने दें। बच्चों को अज्ञात वेबसाइटों से सॉफ्टवेयर और गेम डाउनलोड नहीं करने की सलाह दें, उन्हें वेबसाइटों पर लिंक, इमेज और पॉप-अप पर क्लिक करने से सावधान रहने के लिए कहें, क्योंकि उनमें वायरस हो सकता है और कंप्यूटर या मोबाइल को नुकसान हो सकता है, इसमें आयु के अनुसार अनुचित सामग्री भी मौजूद हो सकती है, इसलिए उन्हें सलाह दें कि गेम डाउनलोड करते समय इंटरनेट पर व्यक्तिगत जानकारी प्रेषित न करें। कभी भी गेम और गेमिंग प्रोफ़ाइल पर लोगों केसाथ व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए, उन्हें वेब कैम, निजी संदेश या ऑनलाइन चैट के माध्यम से वयस्कों सहित अजनबियों के साथ संवाद न करने की सलाह दें, क्योंकि इससे ऑनलाइन दुर्व्यवहार करने वालों या अन्य प्लेयर्स द्वारा धमकाने के बारे में संपर्क का जोखिम बढ़ जाता है।
माता-पिता को सलाह में कहा गया हैकि बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं और उसकी लत लगने के मद्देनजर गेम को बिना रुके लंबे समय तक खेलने से बचने की सलाह दें। ऑनलाइन गेम खेलते समय अगर कुछ गलत हुआ है तो तुरंत रुकें और कीबोर्ड पर प्रिंट स्क्रीन बटन का उपयोग करके एक स्क्रीनशॉट लें और इसकी रिपोर्ट करें। अपने बच्चे की ऑनलाइन गोपनीयता की रक्षा करने में मदद करें, उन्हें एक स्क्रीन नाम का उपयोग करने केलिए कहें, जो उनके वास्तविक नाम को प्रकट नहीं करता है। एंटीवायरस या स्पाइवेयर प्रोग्राम का उपयोग करें और फ़ायरवॉल का उपयोग करके वेब ब्राउज़र को सुरक्षित रूपसे कॉन्फ़िगर करें। डिवाइस पर या ऐप या ब्राउज़र पर माता-पिता के नियंत्रण और सुरक्षा सुविधाओं को सक्रिय करें, क्योंकि यह कुछ सामग्री तक पहुंच को प्रतिबंधित करने और गेम खरीदारी पर खर्च को सीमित करने में मदद करता है। यदि कोई अजनबी किसी अनुचित चीज़ केबारे में बातचीत शुरू करने का प्रयास करता है या व्यक्तिगत जानकारी का अनुरोध करता है तो इसके बारे में सूचित करें। आपका बच्चा जो भी गेम खेल रहा है, उसकी आयु रेटिंग जांचें। बुलीइंग के मामले में प्रतिक्रिया न देने केलिए प्रोत्साहित करें और परेशान करने वाले संदेशों का रिकॉर्ड रखें और गेम साइट व्यवस्थापक को व्यवहार की रिपोर्ट करें या ब्लॉक करें, उस व्यक्ति को म्यूट या 'अनफ्रेंड' करें या इन-गेम चैट प्रक्रिया बंद करें।
होसके तो अभिभावक बच्चे केसाथ गेम खेलें और बेहतर तरीकेसे समझें कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी को कैसे संभाल रहे हैं और वे किसके साथ संवाद कर रहे हैं। अपने बच्चे को यह समझने में सहायता करें कि ऑनलाइन गेम में कुछ सुविधाओं का उपयोग अधिक खेलने और खर्च को प्रोत्साहित करने केलिए किया जाता है। उनसे जुए केबारे में बात करें, यह क्या है और ऑनलाइन एवं वास्तविक दुनिया में इसके परिणाम क्या हैं। हमेशा सुनिश्चित करेंकि आपका बच्चा पारिवारिक स्थान पर रखे कंप्यूटर से इंटरनेट का उपयोग करे। इन व्यवहारों केलिए सजग रहें जैसेकि-बच्चे का असामान्य रूपसे गुप्त व्यवहार, अधिकतर उनकी ऑनलाइन गतिविधि से संबंधित। उनके ऑनलाइन खर्च में अचानक वृद्धि, विशेष रूपसे सोशल मीडिया पर, उनके पास जाने पर वे अपने डिवाइस पर स्क्रीन बदलते प्रतीत होते हैं। इंटरनेट का उपयोग करने या पाठ संदेश भेजने के बाद, वे पीछे हट जाते हैं या क्रोधित हो जाते हैं। उनके डिवाइस में अचानक कई नए फ़ोन नंबर और ई-मेल संपर्क आ गए हैं। घर पर इंटरनेट गेटवे स्थापित करें, जिसमें बच्चों द्वारा उपयोग की जानेवाली सामग्री की निगरानी, लॉगिंग और नियंत्रण जैसी सुविधाएं हों।
शिक्षकों को छात्रों के गिरते ग्रेड और सामाजिक व्यवहार पर नज़र रखने की जरूरत है। यदि शिक्षक कुछ ऐसा देखते हैं, जो संदिग्ध या खतरनाक लग सकता है तो उन्हें तुरंत स्कूल अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। शिक्षकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चों को समय-समय पर इंटरनेट के फायदे और नुकसान के बारेमें जागरुक किया जाए। शिक्षकों को वेब ब्राउज़र और वेब एप्लिकेशन के सुरक्षित कॉन्फ़िगरेशन केलिए छात्रों को प्रशिक्षित करना चाहिए। किसी भी अप्रिय घटना की रिपोर्ट करने केलिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन https://cybercrime.gov.in/Webform/Helpline.aspx या राज्यवार नोडल अधिकारी https://cybercrime.gov.in/Webform/Crime_NodalGrivanceList.aspx के लिंक पर जानकारी प्राप्त करें।

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