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'फिल्मों को हिंसक न बनाएं फिल्म निर्माता'

रजनीकांत को प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के सम्मान मिला

उपराष्ट्रपति ने 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 26 October 2021 12:21:13 PM

vice president, rajinikanth honored with dadasaheb phalke award

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने फिल्म निर्माताओं से फिल्मों में हिंसा, घोर अश्लीलता और निर्लज्‍जता का चित्रण करने से दूर रहने का आह्वान किया है। उपराष्ट्रपति ने लोकप्रिय अभिनेता रजनीकांत को प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के पुरस्कार और विभिन्न भाषाओं के सिनेमाजगत के अभिनेताओं को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए हैं। उन्होंने कहाकि एक फिल्म को अच्‍छे उद्देश्य के साथ सामाजिक, नैतिक और नीतिपरक संदेशों का वाहक होना चाहिए, इसके अलावा फिल्मों को हिंसा को उजागर करने से दूर रहना चाहिए और फिल्‍म सामाजिक बुराई के बारे में समाज की अस्वीकृति की आवाज़ भी होनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहाकि एक अच्छी फिल्म में लोगों के दिल और दिमाग को छूने की शक्ति होती है और सिनेमा दुनिया में मनोरंजन का सबसे सस्‍ता साधन है। उन्होंने फिल्म निर्माताओं और कलाकारों से आग्रह किया कि वे इसका जनता, समाज और राष्ट्र की बेहतरी में उपयोग करें। सकारात्मकता और प्रसन्‍नता लाने केलिए सिनेमा की जरूरत पर जोर देते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहाकि अनुभव हमें बताता हैकि एक संदेश देने वाली फिल्म में ही स्थायी अपील होती है, मनोरंजन के अलावा सिनेमा में ज्ञान प्रदान करने की शक्ति भी होती है। उपराष्ट्रपति ने सिनेमा उद्योग को सलाह दी कि वह ऐसा कोई भी काम न करे, जो हमारी सर्वोच्‍च सभ्‍यता की महान संस्कृति, परंपराओं, मूल्यों और लोकाचार को कमजोर करता हो। उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्में पूरी दुनिया के दर्शकों को महत्वपूर्ण संदेश देती हैं, फिल्‍मों को बाहरी दुनिया केलिए भारतीयता का एक स्नैपशॉट प्रस्‍तुत करना चाहिए। उन्‍होंने जोर दिया कि फिल्‍मों को सांस्कृतिक कूटनीति की दुनिया में प्रभावी राजदूत बनने की जरूरत है।
दुनिया में फिल्मों के सबसे बड़े निर्माता के रूपमें भारत की सॉफ्ट पावर का उल्लेख करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहाकि हमारी फिल्में पूरी दुनिया-जापान, मिस्र, चीन, अमेरिका, रूस, मध्य पूर्व, ऑस्ट्रेलिया और अन्‍य मेजबान देशों में देखी और सराही जाती हैं। उन्होंने कहा कि फिल्में हमारा एक सबसे प्रमुख सांस्कृतिक निर्यात है, जो वैश्‍विक भारतीय समुदाय को उनके भारत में बिताए गए जीवन की लय से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूपमें भी काम करती हैं। उपराष्‍ट्रपति ने कहाकि सिनेमा की कोई भौगोलिक या धार्मिक सीमा नहीं होती है और फिल्‍में वैश्‍विक भाषा बोलती हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुरस्कार न केवल भारतीय फिल्म उद्योग के प्रतिभा पूल पर प्रकाश डालते हैं, बल्कि ये सिनेमा उद्योग की समृद्धि और विविधता को भी दर्शाते हैं। जलवायु परिवर्तन की वास्तविकता की ओर इशारा करते हुए उन्होंने फिल्‍मी बिरादरी से प्रकृति की सुरक्षा के महत्व को उजागर करने केलिए जोर दिया।
उपराष्ट्रपति ने इस वर्ष का दादासाहब फाल्के सम्मान प्राप्‍त करने केलिए रजनीकांत को बधाई दी और कहाकि रजनीकांत की बेजोड़ शैली और अभिनय कौशल ने वास्तव में भारतीय फिल्म उद्योग को एक नया आयाम प्रदान किया है। मूंदरू मुदिचु, शिवाजी: द बॉस, वायथिनिले, बैरवी में उनके यादगार अभिनय का उल्लेख करते हुए उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि थलाइवर कलात्मक अभिव्यक्ति और सामूहिक आकर्षण के बीच सही संतुलन का प्रतीक है, युवा फिल्म निर्माता इस तरह के अच्‍छे प्रयास कर सकते हैं। उन्होंने सिक्किम को सबसे अच्‍छा फिल्म अनुकूल राज्य होने का पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहाकि मनोरंजन समाज के सभी वर्गों केलिए समान रूपसे सुलभ होना चाहिए। उन्होंने फिल्म उद्योग से सिनेमा को एक ही समय में ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के दर्शकों तक ले जानेके तरीके खोजने का आह्वान किया।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हमने भारत के 75 युवा रचनात्मक प्रतिभाओें केलिए मंच खोला है, 52वां भारतीय अंरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 75 बेहद प्रतिभाशाली युवाओं को विश्वस्तर पर प्रतिभा दिखाने केलिए एक मंच प्रदान करेगा। सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहाकि फिल्म समारोह निदेशालय देशभर के शौकिया फिल्म निर्माताओं और सिनेमा प्रेमियों से प्रविष्टियां आमंत्रित कर रहा है, प्रतियोगिता में 75 सर्वश्रेष्ठ प्रतियोगियों को एशिया के सबसे पुराने फिल्म समारोह इफ्फी में प्रतिनिधियों के रूपमें आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने उल्लेख कियाकि वर्ष 2019 केलिए सर्वश्रेष्ठ गैर-फीचर फिल्म का पुरस्कार हेमंत गाबा की निर्मित और निर्देशित एन इंजीनियर्ड ड्रीम (हिंदी) को दिया गया है, जबकि सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार प्रियदर्शन की निर्देशित फिल्म मरक्कर-अरबीकादलिंते-सिम्हम (मलयालम) को दिया गया है। ताजमहल (मराठी) को राष्ट्रीय एकता पर सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म केलिए नरगिस दत्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
अभिनेता धनुष और मनोज वाजपेयी दोनों को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया गया है, जबकि कंगना रनौत को मणिकर्णिका-द क्वीन ऑफ झांसी (हिंदी) और पंगा (हिंदी) में उनकी शानदार भूमिका केलिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया है। भव्य फिल्म समारोह में विजय सेतुपति, पल्लवी जोशी, बी प्राक जैसे दिग्गज कलाकारों को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री एस मुरुगन, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा, फीचर फिल्म्स जूरी के अध्यक्ष एन चंद्रा, गैर-फीचर फिल्म्‍स जूरी के अध्यक्ष अरुण चड्ढा और गणमान्‍य व्‍यक्ति उपस्थित थे।

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