स्वतंत्र आवाज़
word map

तटरक्षकों की वीरता व उत्कृष्टता का सम्मान

दुनिया की श्रेष्ठ समुद्री सेनाओं में भारतीय तटरक्षक-रक्षामंत्री

समुद्री क्षेत्र सुरक्षित संरक्षित और प्रदूषण मुक्त होने चाहिएं!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 10 October 2021 03:35:09 PM

honor for gallantry excellence of coast guard

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय तटरक्षक कर्मियों को वीरता और उत्कृष्ट सेवा केलिए नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में पदक प्रदान किए। इस दौरान तीन राष्ट्रपति तटरक्षक पदक (विशिष्ट सेवा), आठ तटरक्षक पदक (वीरता) और 10 तटरक्षक पदक (उत्कृष्ट सेवा) सहित कुल 21 पदक प्रदान किए गए। ये पदक आईसीजी के जवानों को उनकी नि:स्वार्थ सेवा, समर्पण, अनुकरणीय साहस और विषम परिस्थितियों में किए गए वीरतापूर्ण कार्यों के प्रति सम्मान है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर तटरक्षक कर्मियों को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि इन पुरस्कारों और पदकों से न केवल उनका मनोबल बढ़ेगा, बल्कि ये अन्य आईसीजी जवानों को भी राष्ट्र के हितों की रक्षा केलिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने केलिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने समुद्री सीमाओं की रक्षा और देश के विशाल समुद्र तट को सुरक्षित रखने में आईसीजी के प्रयासों की सराहना की।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आईसीजी, जिसने सिर्फ चार-छह नौकाओं के साथ राष्ट्र केलिए अपनी सेवा शुरू की थी, अब 150 से अधिक जहाजों और 66 विमानों के साथ दुनिया की सबसे अच्छी समुद्री सेनाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि भारतीय तटरक्षक बल का लगातार बढ़ता कद देशवासियों में विश्वास जगाता है कि राष्ट्रीय समुद्री हितों की सुरक्षा सुरक्षित हाथों में है। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति, साहित्य, व्यापार और अर्थव्यवस्था का समुद्र से गहरा संबंध है। राजनाथ सिंह ने कहा कि समृद्धि की संभावनाओं के साथ-साथ समुद्र ने विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों को भी पैदा किया है। उन्होंने देश की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के सरकार के संकल्प को दोहराया और इसे व्यापक आंतरिक और बाहरी सुरक्षा ढांचे का एक महत्वपूर्ण पहलू बताया। उन्होंने कहा कि भारत के समुद्री क्षेत्र सुरक्षित, संरक्षित और प्रदूषण मुक्त होने चाहिएं, यह हमारी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करेगा और पर्यावरणीय स्वास्थ्य एवं आर्थिक विकास सुनिश्चित करेगा।
रक्षामंत्री ने निर्बाध समुद्री गतिविधि को तीव्र विकास के पथ पर आगे बढ़ने केलिए आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि भारत एक उभरती हुई समुद्री शक्ति है और इसकी समृद्धि काफी हद तक समुद्र पर निर्भर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'सागर' यानी 'क्षेत्र में सभी केलिए सुरक्षा और विकास' के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए उन्होंने क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देकर हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री शांति बनाए रखने और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों के साथ मिलकर काम करके उस लक्ष्य को हासिल करने में सबसे आगे रहने केलिए आईसीजी को सराहा। राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देशों को जरूरत पड़ने पर सहायता प्रदान करने के वीरतापूर्ण कार्यों केलिए भी आईसीजी की प्रशंसा की। उन्होंने आईसीजी के अग्निशमन और प्रदूषण प्रतिक्रिया अभियानों-सागर रक्षा-I और सागर रक्षा-II का विशेष उल्लेख किया, जिसने हाल ही में श्रीलंका के तट पर बड़े कच्चे तेल वाहक जहाज न्यू डायमंड और कंटेनर पोत एक्सप्रेस पर्ल में लगी आग को बुझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि समय पर किए गए इन साहसी कार्यों ने आईओआर में बड़ी तबाही को टाल दिया, जिसने भारत को एक जिम्मेदार और सक्षम समुद्री शक्ति के रूपमें स्थापित किया है।
रक्षामंत्री ने चक्रवात ताउते और यास के दौरान बहुमूल्य जीवन बचाने में आईसीजी की भूमिका को याद किया। उन्होंने अवैध हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ अभियानों के लिए आईसीजी की प्रशंसा करते हुए कहा कि समुद्र के प्रहरी न केवल वर्तमान की चुनौतियों से निपट रहे हैं, बल्कि देश के भविष्य को सुरक्षित और मजबूत करने केलिए भी काम कर रहे हैं। गौरतलब है कि पिछले एक साल में आईसीजी ने 70 चिकित्सा निकासी अभियानों का संचालन किया है, 555 खोज और बचाव अभियान चलाए एवं 1,090 से अधिक लोगों की जान बचाई। रक्षामंत्री ने 38वें तटरक्षक कमांडरों के सम्मेलन को भी संबोधित किया। यह सम्मेलन एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसमें आईसीजी और रक्षा मंत्रालय के सभी वरिष्ठ अधिकारी भाग लेते हैं। रक्षामंत्री को भारतीय तटरक्षक बल में हाल के परिचालन संबंधी और प्रशासनिक घटनाक्रम पर एक संक्षिप्त जानकारी दी गई। तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान आईसीजी को मजबूत बनाने के साथ-साथ महासागरों के वैध उपयोग से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कार्यक्रम में आईसीजी के महानिदेशक के नटराजन और रक्षा मंत्रालय एवं भारतीय तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]