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प्रधानमंत्री ने किया सरदार धाम का लोकार्पण

'9/11 जैसी त्रासदियों का मानवीय मूल्यों में है ही समाधान'

दलितों और पिछड़ों के हकों के लिए काम हो रहा है-मोदी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 11 September 2021 06:09:18 PM

narendra modi performs the lokarpan of sardardham bhavan

अहमदाबाद/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए गुजरात में सरदार धाम भवन का लोकार्पण और सरदार धाम चरण-II कन्या छात्रालय का भूमि पूजन किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गणेश उत्सव पर सरदार धाम भवन का शुभारंभ हो रहा है और इस अवसर पर देशवासियों को गणेश चतुर्थी, गणेश उत्सव, ऋषि पंचमी और क्षमावाणी दिवस की भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने मानवता की सेवा के प्रति उत्‍कृष्‍ट समर्पणभाव केलिए सरदार धाम ट्रस्ट से जुड़े सदस्यों की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जिस छात्रावास सुविधा का उद्घाटन किया गया है, उससे बड़ी संख्या में लड़कियों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक भवन, बालिका छात्रावास और आधुनिक पुस्तकालय युवाओं को सशक्त बनाने में सहायक साबित होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उद्यमिता विकास केंद्र गुजरात की मजबूत व्यावसायिक पहचान को समृद्ध करेगा और सिविल सेवा केंद्र सिविल, रक्षा और न्यायिक सेवाओं में करियर बनाने के इच्छुक युवाओं को नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि सरदार धाम न केवल देश के भविष्य के निर्माण का प्रतिष्ठान बनेगा, बल्कि यह आनेवाली पीढ़ियों को सरदार वल्लभभाई पटेल के आदर्शों को जीने केलिए प्रेरित भी करेगा। नरेंद्र मोदी ने कहा कि वो प्रेरणा, वो ऊर्जा आज भी गुजरात की धरती पर सरदार साहब की गगनचुंबी प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के रूपमें हमारे सामने खड़ी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि समाज के उन वर्गों को आगे लाने के लिए लगातार कोशिशें जारी हैं, जो पीछे छूटे हुए हैं, दलितों और सामाजिक रूपसे पिछड़े लोगों के हकों केलिए काम हो रहा है, आर्थिक रूपसे पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में बाजार में हमारे युवाओं से जो कौशल अपेक्षित है, उसके लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, छात्रों को शुरु से ही तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि कौशल भारत मिशन भी देश केलिए एक बड़ी प्राथमिकता है, इसके तहत लाखों युवाओं को विभिन्न कौशल सीखने का मौका मिला है और वे स्वतंत्र हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षुता संवर्धन योजना के तहत छात्रों को कौशल विकास के तहत अपने कौशल को निखारने के साथ-साथ अपनी आय बढ़ाने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ये कई वर्षों के निरंतर प्रयासों का परिणाम ही है कि गुजरात में जहां एक तरफ स्कूल ड्रॉपआउट रेट 1 फीसदी से भी कम हो गया है, वहीं लाखों युवाओं को विभिन्न योजनाओं के जरिए एक नया भविष्य प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि गुजरात के युवाओं की प्रतिभा को स्टार्टअप इंडिया जैसे अभियान से एक नया इकोसिस्टम मिल रहा है। प्रधानमंत्री ने पाटीदार समाज की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे जहां भी जाते हैं, व्यापार को एक नई पहचान देते हैं, उनके इस कौशल को अब न सिर्फ गुजरात और देश में बल्कि पूरी दुनिया में पहचाना जा रहा है। उन्होंने कहा कि पाटीदार समाज की एक और बड़ी विशेषता है कि वे चाहे कहीं पर भी हों, उनके लिए भारत का हित सर्वोपरि है। उन्होंने पाटीदार समाज के युवाओं के साथ-साथ गरीबों और विशेषकर महिला सशक्तिकरण पर उनके विशेष जोर देने की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि 11 सितंबर दुनिया के इतिहास में एक ऐसी तारीख है, जिसे मानवता पर हमले केलिए जाना जाता है, लेकिन इस तारीख ने पूरी दुनिया को बहुत कुछ सिखाया भी। उन्होंने कहा कि एक सदी पहले 11 सितंबर 1893 को शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन हुआ था, इस दिन स्वामी विवेकानंद उस वैश्विक मंच पर खड़े हुए और पूरी दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित कराया, आज दुनिया इस बात को महसूस कर रही है कि 9/11 जैसी त्रासदियों का स्थायी समाधान इन मानवीय मूल्यों के जरिए ही संभव होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि 11 सितंबर को एक और बड़ा अवसर-भारत के महान विद्वान, दार्शनिक और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमण्य भारती की 100वीं पुण्यतिथि है। उन्होंने कहा कि सरदार साहब के परिकल्पित ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का दर्शन महाकवि भारती के तमिल लेखन में पूर्ण दिव्यता के साथ अपनी चमक बिखेरता रहा है। उन्होंने कहा कि सुब्रमण्य भारती ने स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा ली और वे श्री अरबिंदो से प्रभावित थे, महाकवि भारती ने काशी में रहते हुए अपने विचारों को नई दिशा और नई ऊर्जा प्रदान की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में सुब्रमण्य भारती के नाम पर एक पीठ की स्थापना करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बीएचयू के कला संकाय में तमिल अध्ययन से संबंधित सुब्रमण्य भारती पीठ की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुब्रमण्य भारती ने हमेशा संपूर्ण मानवजाति और भारत की एकता पर विशेष बल दिया, उनके आदर्श भारत के विचार और दर्शन का अभिन्न अंग हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि अतीत से लेकर आजतक गुजरात सामूहिक प्रयासों की भूमि रहा है, गांधीजी ने दांडी यात्रा यहीं से शुरु की थी, जो आज भी स्वतंत्रता संग्राम में देश के सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है, इसी तरह खेड़ा आंदोलन में सरदार पटेल के नेतृत्व में किसानों, युवाओं और गरीबों की एकता ने ब्रिटिश सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने भारत को प्रभावित किया है, लेकिन नुकसान की तुलना में हमारी रिकवरी कहीं ज्यादा तेजी से हो रही है। उन्होंने कहा कि जब बड़ी अर्थव्यवस्थाएं रक्षात्मक मुद्रा में थीं, तब भारत सुधार की मुद्रा में था। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सारी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो रही थी, तब हम इस लहर को भारत के पक्ष में मोड़ने केलिए पीएलआई योजनाएं शुरु कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टेक्सटाइल में हाल ही में शुरु की गई पीएलआई से सूरत जैसे शहरों को काफी फायदा होगा। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी ऑनलाइन उपस्थित थे।

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