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प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर नारियों से संवाद

नरेंद्र मोदी ने की महिला स्वयं सहायता समूहों की सराहना

'देश में महिलाओं का सम्मान और आत्मविश्वास बढ़ा है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 13 August 2021 04:06:21 PM

prime minister's dialogue with self-reliant women power

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद में महिला स्वयं सहायता समूहों और उनकी उपलब्धियों की जोरदार सराहना की है। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्यों एवं सामुदायिक संसाधन सदस्यों की सफलता की गाथाओं के संग्रह के साथ-साथ कृषि आजीविका के सार्वभौमिकरण पर एक पुस्तिका का भी विमोचन किया। प्रधानमंत्री ने 4 लाख से भी अधिक एसएचजी को 1,625 करोड़ रुपये की सहायता राशि जारी की। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की पीएमएफएमई योजना के तहत 7,500 एसएचजी सदस्यों केलिए सीड मनी के रूपमें 25 करोड़ रुपये और मिशन के तहत प्रमोट किए जा रहे 75 एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को फंड के रूपमें 4.13 करोड़ रुपये जारी किए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनाकाल में मास्क एवं सैनिटाइजर बनाने, जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने, जागरुकता में महिला स्वयं सहायता समूहों के अद्वितीय योगदान को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों और दीनदयाल अंत्योदय योजना से ग्रामीण भारत में एक नई क्रांति आई है। उन्होंने कहा कि पिछले 6-7 वर्ष में महिला स्वयं सहायता समूहों का यह आंदोलन तेज हुआ है, देशभर में 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जो 6-7 वर्ष के आंकड़े से तीन गुना अधिक हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 42 करोड़ से अधिक जन धन खाते हैं, जिनमें से करीब 55 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों से कर्ज लेना आसान बनाने केलिए ये बैंक खाते खोले गए, सरकार ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत बहनों की जितनी मदद की है, वह पिछली सरकार से कई गुना ज्यादा है, उन्हें लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का असुरक्षित ऋण भी उपलब्ध कराया गया है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले 7 वर्ष में स्वयं सहायता समूहों ने बैंकों को ऋण चुकाने की दिशा में भी अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब लगभग 9 प्रतिशत बैंक ऋण गैर निष्पादित परिसंपत्ति बन गए थे, अब यह घटकर 2-3 प्रतिशत पर आ गया है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की ईमानदारी की सराहना की। प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि अब स्वयं सहायता समूहों को बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराने की सीमा को दोगुना करते हुए 20 लाख रुपये कर दिया गया है, बचत खातों को ऋण खाते से जोड़ने की शर्त को भी समाप्त कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आजादी के 75वें साल का समय है, यह समय नए लक्ष्य निर्धारित करने और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का है, सरकार लगातार ऐसे माहौल और अवसर पैदा कर रही है, जिससे गांवों को समृद्धि और संपन्नता से जोड़ा जा सके।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि और कृषि आधारित उद्योगों में महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों केलिए अनंत संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि एक विशेष फंड बनाया गया है, स्वयं सहायता समूह भी इस फंड से मदद लेकर कृषि आधारित सुविधाओं का निर्माण कर सकेंगे, स्वयं सहायता समूह की सभी महिलाएं उचित दर निर्धारित करके इन सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं और दूसरों को किराए पर भी दे सकती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि नए कृषि सुधारों से न सिर्फ हमारे किसानों को फायदा मिलेगा, बल्कि उसके जरिए स्वयं सहायता समूहों के लिए भी असीम संभावनाएं पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अब स्वयं सहायता समूह, किसानों से सीधे खरीद कर सकते हैं और दाल जैसी उपज की होम डिलीवरी भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अब आप उपज का कितनी भी मात्रा में भंडारण कर सकते हैं, भंडारण पर कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के पास यह विकल्प है कि वे सीधे खेत से उपज बेचें या खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करके उसको अच्छी पैकेजिंग के साथ बेचें। उन्होंने सुझाव दिया कि स्वयं सहायता समूह ऑनलाइन कंपनियों के साथ जुड़कर आसानी से अपने उत्पादों की बढ़िया पैकेजिंग कर शहरों में भेज सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार मेड इन इंडिया खिलौनों को भी बढ़ावा दे रही है खासतौर से आदिवासी क्षेत्रों की बहनें इस हुनर से परंपरागत रूपसे जुड़ी हैं, इस क्षेत्र में भी स्वयं सहायता समूहों केलिए काफी संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने केलिए अभियान जारी है, इसमें स्वयं सहायता समूहों की दोहरी भूमिका है। उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग के बारे में जागरुकता बढ़ाने और इसके विकल्प केलिए काम करने का आग्रह किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से ऑनलाइन सरकारी ई-मार्केटप्लेस का पूरा लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश में न सिर्फ महिलाओं का सम्मान बढ़ा है, बल्कि बेटियों-बहनों का भी आत्मविश्वास बढ़ा है। प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से राष्ट्र निर्माण के प्रयासों को अमृत महोत्सव से भी जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से कहा कि वह पास के डेयरी प्लांट, गोबर प्लांट, सौर संयंत्र में जाएं और वहां पर कार्य करने के श्रेष्ठ तरीकों को सीखें। इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री पशुपति कुमार पारस, ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति एवं फग्गन सिंह कुलस्ते, पंचायती राज राज्यमंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी उपस्थित थे।

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