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पुलिस स्वयं ही अपनी छवि को सुधारे-गृहमंत्री

भारतीय पुलिस सेवा के 72वें बैच से वीडियो कांफ्रेंसिंग संवाद

'पुलिस के लिए संवाद संवेदना और जनसंपर्क बहुत जरूरी है'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 2 July 2021 02:55:18 PM

home minister interacts with probationary officers of ips through video conferencing

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भारतीय पुलिस सेवा के 72वें बैच के परिवीक्षाधीन अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। उन्होंने कहा कि पुलिस पर निष्क्रियता और अति सक्रियता के आरोप लगते हैं, पुलिस को इनसे बचकर न्यायपूर्ण कार्य की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रशिक्षण व्यक्ति के स्वभाव, काम करने की पद्धति और पूरे व्यक्तित्व को ढालने का काम करता है और अगर प्रशिक्षण ठीक से दिया जाए तो जीवनभर इसके अच्छे परिणाम आते हैं। उन्होंने कहा कि जस्ट एक्शन का मतलब है कि स्वाभाविक ऐक्शन, मगर पुलिस को स्थिति और कानून को समझकर न्यायोचित कार्य करना चाहिए। पुलिस की छवि में सुधार पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इसके लिए पुलिसकर्मियों को ही काम करना होगा। गृहमंत्री ने कहा कि पुलिस की छवि में सुधार केलिए संवाद और संवेदना जरूरी है, इसीलिए पुलिसकर्मियों को संवेदनशील बनाने के साथ ही जनता से संवाद और जनसम्पर्क बढ़ाने की भी आवश्यकता है। गृहमंत्री ने कोरोना में जान गंवानेवाले पुलिसकर्मियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए और डॉक्टर दिवस एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट्स दिवस की भी शुभकामनाएं दीं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जनसंपर्क के बिना अपराध के बारे में जानकारी रखना बहुत मुश्किल है, इसलिए पुलिस अधीक्षक और उप अधीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों को तहसील और गांव में जाकर लोगों से मिलना चाहिए और रात्रि निवास करना चाहिए, साथ ही अपने क्षेत्र के महत्वपूर्ण पुलिस थानों के अंतर्गत आनेवाले इलाके के लोगों से विचार-विमर्श करना चाहिए। गृहमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि उन सबकी संविधान और देश के कानून के प्रति निष्ठा है, उनके कंधों पर आपराधिक कानून की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी है और इसमें थोड़ी सी भी जल्दबाज़ी किसी के साथ अन्याय कर सकती है, इसलिए उन्हें बहुत संभलकर काम करना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि देश के संविधान ने हर नागरिक को सुरक्षा का अधिकार दिया है और सुरक्षा देना आपका कर्तव्य है। गृहमंत्री ने कहा कि भारत के प्रथम गृहमंत्री और लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने देश को एक करने का कार्य किया, उनके बिना हम आधुनिक भारत की कल्पना भी नहीं कर सकते थे।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि जब देश आजाद हुआ तो अखिल भारतीय सेवाओं पर काफी बहस हुई, तब सरदार वल्लभभाई पटेल ने कहा था कि हमारे पास एक अच्छी अखिल भारतीय सेवा नहीं होगी तो संघीय ढांचा टूट जाएगा और भारत अखंड नहीं रह पाएगा, इसलिए पुलिस अधिकारी सदैव यह याद रखें कि संघीय ढांचे को मजबूत करना और देश की अखंडता बनाए रखना उनका दायित्व है। गृहमंत्री ने वैज्ञानिक जांच की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी जांच को जितना वैज्ञानिक और साक्ष्य आधारित बनाएंगे, मानवशक्ति की जरूरत उतनी ही कम होगी। अमित शाह ने कहा कि किसी भी संगठन केलिए व्यवस्था बहुत जरूरी है, कोई भी संगठन तभी सफलतापूर्वक चलता है, जब उसको चलाने वाले व्यवस्था का हिस्सा बनकर इसको मजबूत करने केलिए काम करें, संगठन की व्यवस्था सुधारने से संगठन स्वतः ही सुधरता है और बेहतर परिणाम देता है। अमित शाह ने कहा कि संगठन को व्यवस्था केंद्रित करना ही सफलता का मूल मंत्र है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह विजन है कि व्यवस्था तभी बदली जा सकती है, जब उसकी मशीनरी को आज की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में ही समस्याओं को दूर करने का बीजारोपण किया जाना चाहिए, ताकि व्यक्ति को अधिक से अधिक उत्तरदायी और कर्तव्यपरायण बनाया जा सके। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को ऐसा प्रोजेक्ट शुरू करना चाहिए, जिसमें उपलब्ध मानवशक्ति का बेहतर और सटीक उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक जांच की दिशा में नरेंद्र मोदी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं, जिसके तहत पिछले साल राष्ट्रीय रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई और क्राइम सीन से लेकर कोर्टरूम तक जांच को आगे बढ़ाने के लिए नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की भी स्थापना हुई। उन्होंने कहा कि दोनों विश्वविद्यालय आनेवाले दशक में भारत में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। गृहमंत्री ने कहा कि साइबर क्राइम केलिए भी सरकार ने तीन साल में अनेक महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं और साइबर क्राइम से निपटने के लिए चार संस्थाएं बनाई हैं, इनके बारे में तेजी से जागरुकता फैलाने की जरूरत है।
अमित शाह ने कहा कि साइबर क्राइम के साथ ही आर्थिक अपराध और नारकोटिक्स से निपटने केलिए भी अनेक कदम उठाए गए हैं। अमित शाह ने पुलिस कांस्टेबल के उन्नयन पर बल देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों को जीवनभर इसके लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिसबलों में 85 प्रतिशत कांस्टेबल हैं, जो पुलिस व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अमित शाह ने कहा कि अगर हम उनका बेहतर प्रशिक्षण, स्वास्थ्य, काम के अच्छे वातावरण और रहने की चिंता नहीं करते तो क्या बाकी बचे 15 प्रतिशत लोग संस्था को अच्छे से चला सकते हैं? अमित शाह ने कहा कि पुलिस में सबसे अधिक कठिन ड्यूटी कांस्टेबल की होती है, इसलिए उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराना और उनके प्रति संवेदनशीलता रखना बहुत आवश्यक है। गृहमंत्री ने कहा कि मतदाता, चुने हुए प्रतिनिधि और ब्यूरोक्रेसी मिलकर लोकतंत्र की प्रक्रिया को पूरा करते हैं, जनप्रतिनिधि तो 5 साल के कार्यकाल केलिए चुने जाते हैं, जबकि सरकारी अधिकारी 30-35 साल काम करते हैं। उन्होंने कहा कि परिवीक्षाधीन पुलिस अधिकारी लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। अमित शाह ने कहा कि उन्हें देश के गरीब, पिछड़ों, दलित और आदिवासी लोगों के प्रति संवेदनशील रहते हुए देश को आगे बढ़ाने का काम करना होगा।
गृहमंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों और विशेष रूपसे आईपीएस अधिकारियों को प्रचार से दूर रहना चाहिए, प्रचार की लालसा से काम में बाधा आती है। उन्होंने कहा कि हालाकि आधुनिक समय में सोशल मीडिया से बचना कठिन है, लेकिन पुलिस अधिकारियों को इससे बचते हुए अपने कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। अमित शाह ने परिवीक्षाधीन पुलिस अधिकारियों से कहा कि पुलिस अकादमी छोड़ने से पहले उन्हें यह प्रण करना चाहिए कि वे रोज अपनी डायरी में यह लिखेंगे कि उन्होंने जो काम किया है, वह सिर्फ प्रचार के लिए तो नहीं किया। गृहमंत्री ने कहा कि पुलिस व्यवस्था में साइड पोस्टिंग का कांसेप्ट आ गया है और उन्हें अपने पूरे सेवाकाल में इससे बचना चाहिए, क्योंकि पुलिस व्यवस्था में ऐसा कोई काम नहीं है, जिसका महत्व ना हो। अमित शाह ने कहा कि इसकी वजह से आप तनाव में रहते हैं और कई बार ट्रांसफर के दबाव में अपना काम भी ठीक से नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि अगर आप ट्रांसफर का मन बना लेते हैं तो आपपर दबाव और तनाव बहुत कम हो जाएगा, ट्रांसफर का भय खत्म होने पर आप अपनी ड्यूटी बेहतर ढंग से कर पाएंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री ने भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि युवा आईपीएस अधिकारियों में काम करने का उत्साह और समस्याओं को सुलझाने का जबरदस्त हौसला होता है। अमित शाह ने कहा की उन्हें पूरा विश्वास है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपेक्षाओं को अवश्य पूरा करेंगे। कार्यक्रम में भारतीय पुलिस सेवा के 72वें बैच के परिवीक्षाधीन पुलिस अधिकारी, नेपाल, भूटान, मालद्वीव और मॉरीशस के पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए। इस मौके पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, केंद्रीय गृह सचिव, सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के निदेशक और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। 

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