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नवाचार भारतीयों के लिए शानदार उत्तरदान-मोदी

'डिजिटल इंडिया सभी के लिए सुविधा और भागीदारी का अवसर बना'

देश में डिजिटल इंडिया कार्यक्रम लॉंच किए जाने के छह वर्ष पूरे हुए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 1 July 2021 05:50:28 PM

narendra modi interacting with the beneficiaries of 'digital india'

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'डिजिटल इंडिया' कार्यक्रम लॉंच किए जाने के 6 वर्ष पूरे होने पर आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से डिजिटल इंडिया के लाभार्थियों से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि भारतवासियों के लिए नवाचार एक शानदार उत्तरदान है, जिसमें उन्होंने उत्साह और नवाचारों को तेजी से अपनाने की क्षमता को सिद्ध किया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया भारत का संकल्प है, यह आत्मनिर्भर भारत केलिए एक साधन है, जो 21वीं सदी के एक मजबूत भारत की अभिव्यक्ति है। प्रधानमंत्री ने न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन के अपने संकल्प को याद करते हुए बताया कि किस तरह डिजिटल इंडिया सरकार और नागरिकों, प्रणाली और सुविधाओं, समस्याओं और समाधानों के बीच की खाई को कम करके आम नागरिक को सशक्त बना रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उदाहरण दिया कि किस तरह डिजिलॉकर ने विशेष रूपसे महामारी में लाखों लोगों की मदद की है, देश में स्कूल प्रमाण पत्र, चिकित्सा दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र डिजिटल रूपसे संग्रहित किए गए। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म प्रमाणपत्र बनवाने, बिजली बिल, पानी का बिल चुकाने, आयकर रिटर्न दाखिल करने जैसी सेवाएं और भी ज्यादा सुविधाजनक हो गई हैं और गांवों में ई-कॉमन सर्विस सेंटर लोगों की मदद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने एक राष्ट्र एक राशन कार्ड जैसी पहल को साकार किया है। उन्होंने सभी राज्यों से इस पहल को अपने-अपने राज्यों में लागू करें कहने के लिए उच्चतम न्यायालय की सराहना की। प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि डिजिटल इंडिया ने लाभार्थियों के जीवन को बदल दिया है। उन्होंने स्वनिधि योजना के लाभों तथा स्वामित्व योजना के माध्यम से मालिकाना हक की सुरक्षा की कमी की समस्या के समाधान का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरस्थ चिकित्सा के संबंध में ई-संजीविनी योजना की भी चर्चा की और बताया कि राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत एक प्रभावी प्लेटफॉर्म के लिए तेजीसे काम जारी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कोरोनाकाल में तैयार डिजिटल समाधान आज पूरी दुनिया में चर्चा और आकर्षण का विषय हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के सबसे बड़े डिजिटल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप मेंसे एक आरोग्य सेतु ने कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी मदद की है। उन्होंने कहा कि कई देशों ने टीकाकरण केलिए भारत के कोविन ऐप में भी दिलचस्पी दिखाई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि टीकाकरण प्रक्रिया केलिए इस तरह के निगरानी उपकरण हमारी तकनीकी निपुणता का सबूत हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया का अर्थ है-सभी केलिए अवसर, सुविधा, भागीदारी और सरकार की प्रणाली तक हर किसी की पहुंच तथा पारदर्शी, भेदभावरहित व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर हमला। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया का अर्थ देश के नागरिक का समय, श्रम और धन की बचत करना भी है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि डिजिटल इंडिया ने कोरोनाकाल में देश की मदद की है, ऐसे समय में जब विकसित देश लॉकडाउन के कारण अपने नागरिकों को सहायता राशि भेजने में असमर्थ थे, तब भारत हजारों करोड़ रुपये सीधे लोगों के बैंक खातों में भेज रहा था। उन्होंने कहा कि डिजिटल लेन-देन किसानों के जीवन में अभूतपूर्व बदलाव लाया है, पीएम किसान सम्मान निधि के अंतर्गत 10 करोड़ से अधिक किसान परिवारों के बैंक खाते में 1.35 लाख करोड़ रुपये सीधे जमा कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया ने एक देश-एक एमएसपी के भाव को साकार कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया के लिए बुनियादी ढांचे तैयार करने के पैमाने और गति पर सरकार का काफी जोर है और 2.5 लाख कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से इंटरनेट दूरदराज के इलाकों में पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि भारत नेट योजना के अंतर्गत देश के गांवों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट का मिशन मोड में काम चल रहा है, पीएम वाणी के माध्यम से एक्सेस प्वाइंट बनाए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण युवा बेहतर सेवाओं और शिक्षा के लिए हाईस्पीड इंटरनेट से जुड़ सकें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देशभर के छात्रों को किफायती टैबलेट और डिजिटल डिवाइस की पेशकश की जा रही है, इस लक्ष्य को साकार करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को उत्पादन से जुड़ी सब्सिडी की पेशकश की जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 6-7 वर्ष में डिजिटल इंडिया के कारण विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों के बैंक खातों में करीब 17 लाख करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दशक डिजिटल प्रौद्योगिकी, वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी में भारत की क्षमताओं को काफी बढ़ाने जा रहा है, अभी 5जी तकनीक विश्व में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगी और भारत उसके लिए तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री का मानना है कि डिजिटल सशक्तिकरण के कारण युवा अपने को नई ऊंचाइयों पर ले जाते रहेंगे और इस दशक को 'भारत के टेकेड' के रूपमें बनाने में मदद करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत का भी सत्र हुआ, जिसके दौरान उत्तर प्रदेश के बलरामपुर की छात्रा सुहानी साहू ने दीक्षा ऐप के साथ अपने अनुभव साझा किए और बताया कि लॉकडाउन के दौरान यह उनकी शिक्षा के लिए कैसे उपयोगी रहा। महाराष्ट्र के हिंगोली के प्रहलाद बोरघड़ ने उनसे कहा कि कैसे उन्हें ई-नैम ऐप के माध्यम से उनके उत्पाद की बेहतर कीमत मिली और परिवहन पर लागत भी बच गई। बिहार के पूर्वी चंपारण में नेपाल सीमा से सटे एक गांव के शुभम कुमार ने प्रधानमंत्री को बताया कि कैसे वह अपनी दादी को लखनऊ जाने की जरूरत के बिना ई-संजीवनी ऐप के माध्यम से डॉक्टर से परामर्श करने में मदद लेने में सक्षम हो पाया। ई-संजीवनी ऐप के माध्यम से परिवार को परामर्श देने वाले लखनऊ के डॉ भूपेंद्र सिंह ने अपने अनुभव साझा किए कि किस तरह ऐप के माध्यम से परामर्श प्रदान करना आसान है। प्रधानमंत्री ने डॉक्टर दिवस पर उन्हें शुभकामनाएं भी दीं और उनसे वादा किया कि बेहतर सुविधाओं के साथ ई-संजीवनी ऐप को और बेहतर बनाया जाएगा।
वाराणसी की अनुपमा दुबे ने महिला ई-हाट के जरिए पारंपरिक सिल्क साड़ियों को बेचने के बारे में प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि कैसे वह सिल्क साड़ियों के लिए नए डिजाइन बनाने के लिए डिजिटल पैड और स्टाइल्स जैसी नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करती है। देहरादून के प्रवासी हरिराम एक राष्ट्र एक राशन के माध्यम से आसानी से राशन प्राप्त करने के अपने अनुभव को प्रधानमंत्री से साझा करने को लेकर उत्साहित थे। हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर से मेहरदत्त शर्मा ने बताया कि कैसे कॉमन सर्विस सेंटर्स में ई-स्टोर्स से उन्हें आसपास के कस्बों की यात्रा किए बिना अपने दूरदराज के गांव से उत्पाद खरीदने में मदद की। उज्जैन की स्ट्रीट वेंडर नजमीन शाह ने बताया कि कैसे पीएम स्वनिधि योजना ने महामारी के बाद आर्थिक रूपसे स्थिर होने में उनकी मदद की। मेघालय की केपीओ कर्मचारी वांडामाफी सिमलिएह ने कहा कि वह इंडिया बीपीओ योजना के लिए बहुत आभारी है, क्योंकि वह कोविड-19 महामारी में बहुत सुरक्षित माहौल में काम करने में सक्षम थी। इस अवसर पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और शिक्षा राज्यमंत्री संजय शामराव धोत्रे भी उपस्थित थे।

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