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आरडीएसओ पहला एसडीओ संस्थान घोषित

दो संस्थानों की अनूठी पहल अनुसंधान एवं मानक के आदर्श

विश्वस्तरीय मानकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 1 June 2021 05:16:49 PM

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नई दिल्ली। उपभोक्ता मामलों के विभाग के अंतर्गत आने वाले भारतीय रेल के संस्थान आरडीएसओ यानी रिसर्च डिजाइन एंड स्टेंडर्ड्स ऑरगेनाइजेशन को एक राष्ट्र एक मानक अभियान के तहत बीआईए अर्थात ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टेंडर्ड्स का पहला एसडीओ संस्थान घोषित किया गया है। भारत सरकार के दो संस्थानों की यह अनूठी पहल देश के शेष सभी प्रमुख अनुसंधान एवं मानक विकास संस्थानों के लिए न सिर्फ एक आदर्श स्थापित करेगी, बल्कि उन्हें विश्वस्तरीय मानकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करेगी। यह ध्यान देने की बात है कि भारत सरकार की एक राष्ट्र एक मानक की परिकल्पना के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय मानक संस्थान भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने एक योजना शुरू की है, जिसमें किसी संस्थान को एसडीओ की मान्यता दी जाती है। इस योजना के जरिए बीआईएस का लक्ष्य अपने विशिष्ट क्षेत्रों में मानकों के विकास के काम में लगे देश के विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध मौजूदा क्षमताओं और विशिष्ट डोमेन में उपलब्ध सकल विशेषज्ञता को एकीकृत करना है, इस तरह देश में जारी सभी मानक विकास गतिविधियों को रूपांतरित कर एक विषय पर एक राष्ट्रीय मानक तैयार करना है।
रेल मंत्रालय का एकमात्र अनुसंधान एवं विकास संगठन आरडीएसओ लखनऊ देश के प्रमुख मानक तय करने वाले संस्थानों मे से एक है और यह भारतीय रेल के लिए मानक तय करने का काम करता है। आरडीएसओ ने बीआईएस एसडीओ मान्यता योजना के तहत एक मानक विकास संगठन के रूपमें मान्यता प्राप्त करने की पहल की। इस प्रक्रिया में आरडीएसओ ने मानक निर्माण प्रक्रियाओं की समीक्षा की ताकि उन्हें मानकीकरण के सर्वोत्तम अभ्यासों के साथ पुन: रेखांकित किया जा सके, इसे डब्ल्यूटीओ-टीबीटी अच्छी अभ्यास संहिता में एंकोड किया गया है और ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा एसडीओ के रूप में मान्यता के लिए आवश्यक मानदंड के रूप में अनिवार्य किया गया है। बीआईएस ने आरडीएसओ की मानक निर्माण प्रक्रियाओं की समीक्षा के बाद 24 मई 2021 को आरडीएसओ को एसडीओ के रूपमें मान्यता प्रदान की है।
मान्यता के साथ आरडीएसओ बीआईएस एसडीओ मान्यता योजना के तहत मान्यता प्राप्त करने वाला देश का पहला मानक विकास संगठन बन गया है। ब्यूरो (बीआईएस) से अनुमोदित एसडीओ के रूपमें आरडीएसओ की मान्यता का दायरा भारत में रेल परिवहन क्षेत्र के लिए उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं के लिए मानक विकास करना है। मान्यता 3 साल के लिए वैध है और वैधता अवधि पूरी होने के बाद नवीनीकरण की आवश्यकता होगी। आरडीएसओ में मानक तैयार करने की प्रक्रिया अब आम सहमति आधारित निर्णय लेने पर अधिक केंद्रित होगी और शुरुआती चरणों से मानक बनाने की प्रक्रिया में यानी अवधारणा से लेकर मानकों को अंतिम रूप देने तक उद्योग, अकादमिक, उपयोगकर्ता, मान्यता प्राप्त लैब, टेस्ट हाउस इत्यादि सहित सभी हितधारकों की व्यापक भागीदारी होगी। बीआईएस एसडीओ मान्यता योजना के तहत भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा इस मान्यता से होने वाले कुछ प्रमुख लाभों में आईआर आपूर्ति श्रृंखला में उद्योग/ विक्रेताओं/ एमएसएमई/ प्रौद्योगिकी डेवलपर्स की बड़ी भागीदारी, उद्योग/ विक्रेताओं के बीच प्रतिस्पर्धा में कमी शामिल है।
लागत में और उत्पाद और सेवाओं की गुणवत्ता में क्वांटम सुधार, आईआर पर नवीनतम विकसित और उभरती प्रौद्योगिकियों का सहज समावेश, आयात पर निर्भरता कम करना, मेक-इन-इंडिया पर जोर, व्यवसाय की सुगमता में सुधार, मानक तय करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला/ वैश्विक व्यापार के साथ एकीकरण आदि है। मानक बनाने की प्रक्रिया में पारदर्शिता, खुलेपन, निष्पक्षता, प्रभावशीलता, सुसंगतता और विकास आयाम को बनाए रखने पर अधिक जोर देने के साथ मानकीकरण के स्थापित छह सिद्धांतों के अनुरूप नियमों और शर्तों का अनुपालन करने का दायित्व, समग्र आत्मविश्वास में सुधार करेगा और मानक तय करने वाले निकाय यानी आरडीएसओ में उद्योग और प्रौद्योगिकी डेवलपर्स का विश्वास और देश में रेलवे क्षेत्र के लिए मानक निर्माण में योगदान करने के लिए सभी हितधारकों को प्रेरित करेगा। यह मानकीकरण गतिविधि के सामंजस्य में भी मदद करेगा जिससे राष्ट्रीय मानकों के निर्माण और कार्यान्वयन में सभी हितधारकों को अधिक भागीदारी का अवसर मिलेगा और देश में निर्मित उत्पाद की गुणवत्ता के लिए लंबे समय में एक ब्रांड इंडिया की पहचान बनेगी।

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