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तमिलनाडु में शुरु हुईं तेल गैस परियोजनाएं

अक्षय स्रोतों से 2030 तक ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर

केंद्र सरकार मध्यम वर्ग के लिए बहुत संवेदनशील-प्रधानमंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 18 February 2021 03:30:23 PM

narendra modi dedicates to the nation projects of the oil and gas sector in tamil nadu

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से तमिलनाडु में तेल और गैस क्षेत्र की प्रमुख परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं और कुछ की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने रामनाथपुरम-थूथुकुडी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन और चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड मनाली में गैसोलीन डीसल्‍फराइजेशन इकाई को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने नागपट्टीनम में कावेरी बेसिन रिफाइनरी की भी आधारशिला रखी। इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री के पलानी स्वामी, उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने 2019-20 की भारत की मांग को पूरा करने के लिए 85 प्रतिशत तेल और 53 प्रतिशत गैस आयात करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि क्या हमारे जैसा विविध और प्रतिभाशाली राष्ट्र ऊर्जा आयात पर इतना निर्भर हो सकता है? उन्होंने कहा कि हमने इन विषयों पर बहुत पहले ध्यान दिया था, हमारे मध्यम वर्ग पर बोझ नहीं पड़ेगा, अब ऊर्जा के स्वच्छ और हरित स्रोतों की दिशा में काम करना, ऊर्जा निर्भरता को कम करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मध्यम वर्ग की चिंताओं के प्रति बहुत संवेदनशील है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऊर्जा निर्भरता हासिल करने के लिए भारत अब किसानों और उपभोक्ताओं की मदद करने के लिए इथेनॉल पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, इस क्षेत्र में अग्रणी बनने के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित किया जा रहा है और एलईडी बल्बों जैसे वैकल्पिक स्रोतों को अपनाया जा रहा है, ताकि मध्यम वर्ग के परिवारों की भारी बचत हो सके। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए काम कर रहा है, यह हमारी ऊर्जा आयात निर्भरता को कम कर रहा है और आयात स्रोतों में विविधता ला रहा है, इसके लिए क्षमता निर्माण किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019-20 में रिफाइनिंग क्षमता में भारत दुनिया में चौथे स्थान पर था। उन्होंने कहा कि लगभग 65.2 मिलियन टन पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात किया गया है, जिससे यह संख्या और भी अधिक बढ़ने की उम्मीद है।
भारतीय तेल और गैस कंपनियों की 27 देशों में उपस्थिति के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इनमें लगभग दो लाख सत्तर हजार करोड़ रुपये का निवेश है। ‘वन नेशन वन गैस ग्रिड’ के दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने पांच वर्ष में तेल और गैस बुनियादी ढांचे को बनाने में साढ़े सात लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है, 407 जिलों को शामिल करके शहर के गैस वितरण नेटवर्क के विस्तार पर जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने बताया कि पहल और पीएम उज्जवला योजना जैसी उपभोक्ता केंद्रित योजनाएं प्रत्येक भारतीय परिवार की मदद कर रही हैं, तमिलनाडु के 95 प्रतिशत एलपीजी ग्राहक पहल योजना में शामिल हो गए हैं, 90 प्रतिशत से अधिक सक्रिय ग्राहकों को सीधे सब्सिडी हस्तांतरण होता है। उन्होंने बताया कि उज्जवला योजना के तहत तमिलनाडु में 32 लाख से अधिक बीपीएल परिवारों को नए कनेक्शन दिए गए हैं और पीएम ग़रीब कल्याण योजना के तहत गैस मुफ्त भरवाने से 31.6 लाख से अधिक परिवार लाभांवित हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रामनाथपुरम से तूतिकोरिन तक इंडियन ऑयल की 143 किलोमीटर लंबी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन ओएनजीसी गैस क्षेत्रों से गैस का उपयोग करेगी, यह 4,500 करोड़ रुपये की लागत से विकसित की जा रही एक बड़ी प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना का एक हिस्सा है, इससे एन्नोर, थिरुवल्लूर, बेंगलुरु, पुदुचेरी, नागपट्टीनम, मदुरै और तूतीकोरिन को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन गैस पाइपलाइन परियोजनाओं से शहर की गैस परियोजनाओं में वृद्धि हो सकेगी, जिन्‍हें 5000 करोड़ रुपये के निवेश से तमिलनाडु के 10 जिलों में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ओएनजीसी क्षेत्र से गैस अब दक्षिणी पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज कॉर्प लिमिटेड तूतीकोरिन तक पहुंचाई जाएगी, यह पाइपलाइन उर्वरक के निर्माण के लिए एसपीआईसी को सस्ती कीमत पर फीडस्टॉक के रूपमें प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने जा रही है। उन्होंने कहा कि फीडस्टॉक अब लगातार बिना स्टोरेज आवश्यकताओं के उपलब्ध होगा, इससे प्रतिवर्ष उत्पादन लागत में 70 से 95 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है, इससे खाद के उत्पादन की अंतिम लागत में भी कमी आएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्तमान में हमारी ऊर्जा बास्‍केट में गैस की हिस्सेदारी 6.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की देश की योजना की जानकारी दी।
भारत के शहरों के लिए लाभ की गणना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नागपट्टीनम में सीपीसीएल की नई रिफाइनरी में सामग्री और सेवाओं की 80 प्रतिशत स्वदेशी सोर्सिंग का अनुमान लगाया गया है, रिफाइनरी परिवहन सुविधाओं, डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल उद्योगों और सहायक और लघु उद्योगों के विकास को बढ़ावा देने वाली है। अक्षय स्रोतों से 2030 तक ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी प्रकार की ऊर्जा का 40 प्रतिशत हरित ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न होगा। उन्होंने कहा कि सीपीसीएल की मनाली में अपनी रिफाइनरी में नई गैसोलीन डिसल्फराइजेशन इकाई हरित भविष्य के लिए एक और प्रयास है। उन्होंने बताया कि पिछले छह वर्ष में तमिलनाडु में तेल और गैस परियोजनाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है, इसी अवधि में 2014 से पहले स्वीकृत 9100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं पूरी हुईं, इसके अलावा 4,300 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में सभी परियोजनाएं भारत के स्‍थायी विकास के लिए हमारी सुसंगत नीतियों और पहल के संयुक्त प्रयासों का परिणाम हैं।

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