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डीआरडीओ और एमओआरटीएच में समझौता

देश में राजमार्गों पर प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ सुरक्षा पहल

भू-खतरा प्रबंधन से संबंधित पारस्परिक लाभ के क्षेत्रों में सहयोग

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 21 January 2021 02:14:10 PM

mou between the ministry of road transport & highways and drdo

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने तकनीकी आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग को मजबूती देने और स्थायी भू-खतरा प्रबंधन में सहयोग के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ एक फ्रेमवर्क समझौता ज्ञापन किया है। डीआरडीओ के चेयरमैन एवं डीडी आरएंडडी के सचिव डॉ जी सतीश रेड्डी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव गिरिधर अरामने ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। समझौते के अनुसार डीआरडीओ और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भू-खतरा प्रबंधन से संबंधित पारस्परिक लाभ के विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग करेंगे। यह पहल देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन एवं अन्य प्राकृतिक आपदाओं के प्रतिकूल प्रभावों के खिलाफ सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
गौरतलब है कि डीआरडीओ के रक्षा भू-सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान विभिन्न प्रकार के इलाकों और हिमस्खलन से निपटने की बेहतर प्रभावशीलता के लिए महत्वपूर्ण तकनीकों के विकास पर काम कर रहा है। हिमालयी इलाकों में भूस्खलन एवं हिमस्खलन के मैपिंग, पूर्वानुमान, नियंत्रण और उससे निपटने में डीजीआरई की विशेषज्ञता का उपयोग सुरंगों सहित राष्ट्रीय राजमार्गों के डिजाइन तैयार करने में किया जाएगा। टेरेन और मॉडलिंग सिमुलेशन डीजीआरई की एक महत्वपूर्ण परिसंपत्ति है, जो दुर्गम इलाकों के लिए योजना तैयार करने और मजबूत सड़क बुनियादी ढांचे के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास एवं रखरखाव के लिए जिम्मेदार है। सहमति इस बात पर हुई है कि डीआरडीओ की विशेषज्ञता का उपयोग देश में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन, हिमस्खलन एवं अन्य प्राकृतिक कारणों से होने वाले नुकसान के स्थायी समाधान तलाशने में किया जाएगा। सहयोग के लिए पहचाने किए गए कुछ क्षेत्रों में गंभीर हिमस्खलन, भू-खतरों की विस्तृत जांच, राष्ट्रीय राजमार्गों पर भू-खतरों के लिए स्थायी शमन उपायों की योजना, डिजाइन एवं निर्माण, सुरंग, निगरानी और शमन उपायों की देखरेख आदि भी शामिल हैं।

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