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भारत में हरित राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारा योजना

विश्व बैंक के साथ सरकार का पांच सौ मिलियन डॉलर का करार

सड़क क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में निवेश के कई कार्यक्रम शुरु किए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 23 December 2020 01:49:15 PM

green national highway corridor scheme in india

नई दिल्ली। भारत सरकार और विश्व बैंक ने राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में सुरक्षित और हरित राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों के निर्माण के लिए 500 मिलियन डॉलर की एक परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं। इस परियोजना से हरित और सुरक्षित प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की क्षमता का भी विस्तार होगा। हरित राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारा परियोजना सुरक्षित और हरित प्रौद्योगिकी डिजाइनों जैसे स्थानीय और उप-मानक सामग्री, औद्योगिक उपोत्पाद और बायो इंजीनियरिंग सॉल्यूशंस के जरिए विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में 783 किलोमीटर राजमार्ग का निर्माण करने में एमओआरटीएच का सहयोग करेगी। यह परियोजना राजमार्गों के निर्माण और रखरखाव में जीएचजी उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगी।
हरित राजमार्ग परियोजना समझौते पर भारत सरकार की ओर से डॉ सीएस महापात्र और विश्व बैंक की ओर से एक्टिंग कंट्री डायरेक्टर सुमिला गुलयानी ने हस्ताक्षर किए। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव डॉ सीएस महापात्र ने कहा कि भारत सरकार बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाओं में पर्यावरण के अनुकूल सतत विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वाहन योग्य सुरक्षित सड़कों के निर्माण में यह परियोजना नए मानक स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि परियोजना से उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के चयनित क्षेत्रों में संपर्क को बेहतर बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। डॉ सीएस महापात्र ने कहा कि परिवहन से संबंधित बुनियादी ढांचे का उद्देश्य निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करना और लॉजिस्टिक्स खर्चे को कम करना होता है।
डॉ सीएस महापात्र ने बताया कि भारत सरकार ने लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए सड़क क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में कई निवेश कार्यक्रम शुरु किए हैं। उन्होंने बताया कि यह परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क पर माल ढुलाई की मात्रा और आवाजाही पैटर्न को मैप करने, अड़चनों की पहचान और नए लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने के लिए एनालिटिक्स का सहयोग करेगी। गौरतलब है कि भारत में परिवहन क्षेत्र ने सीमित रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराए हैं। यह परियोजना परिवहन क्षेत्र में लिंग संबंधी मुद्दों के गहन विश्लेषण के साथ-साथ राजमार्ग गलियारों में हरित प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल करने के लिए महिलाओं के नेतृत्व वाले सूक्ष्म उद्यमों और महिलाओं के सामूहिक प्रशिक्षण से महिलाओं के लिए रोज़गार सृजन में मंत्रालय की मदद करेगी।
भारत में विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर जुनैद अहमद ने कहा कि आर्थिक विकास के लिए कनेक्टिविटी और सतत विकास के लिए कनेक्टिविटी, देश के विकास प्रक्षेपपथ के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं, यह अभियान भारत की विकास रणनीति के समर्थन में इन दोनों प्राथमिकताओं को एक साथ लाता है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना चार राज्यों में सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर परिवहन प्रदान करेगी, लोगों को बाजारों और सेवाओं से जोड़ेगी, प्राकृतिक संसाधनों की बचत होगी और निर्माण सामग्री व पानी के उचित उपयोग को बढ़ावा मिलेगा तथा कम जीएचजी उत्सर्जन होगा। उन्होंने कहा कि भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग से लगभग 40 फीसदी सड़क यातायात होता है, हालांकि इन राजमार्गों के कई हिस्सों में अपर्याप्त क्षमता, कमजोर जल निकासी संरचनाएं और दुर्घटनाओं के लिहाज से ब्लैक स्पॉट हैं।
जुनैद अहमद ने कहा कि यह परियोजना मौजूदा संरचनाओं को मजबूत और चौड़ा करेगी, नए फुटपाथ, जल निकासी की सुविधा और बाईपास का निर्माण करेगी, जंक्शनों में सुधार और सड़क सुरक्षा से जुड़ी नई विशेषताएं जोड़ेगी। जुनैद अहमद ने कहा कि यह जरूरी है कि बुनियादी ढांचा जलवायु के हिसाब से लचकदार हो, इसके लिए प्रोजेक्ट के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क के लगभग 5,000 किलोमीटर के आपदा जोखिम का मूल्यांकन किया जाएगा, साथ ही प्रोजेक्ट डिजाइन और कार्यांवयन में जलवायु के लचीलेपन के पहलुओं को शामिल करने में मंत्रालय का सहयोग होगा। अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक से 500 मिलियन डॉलर के ऋण की परिपक्वता अवधि पांच साल की रियायत के साथ 18.5 साल है।

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