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एफएओ की 75वीं वर्षगांठ पर 75 रु. का सिक्का

स्मारक सिक्के पर कमल और सही पोषण देश रोशन का स्लोगन

विश्व में खाद्य सुरक्षा में एफएओ की भूमिका सराहनीय-मोदी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 17 October 2020 01:04:04 PM

narendra modi releases the coin of the 75th anniversary of fao

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एफएओ की 75वीं वर्षगांठ पर वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से 75 रुपये मूल्य का स्मारक सिक्का जारी किया, जिसपर अनाज की बाली, कमल का पुष्प और सही पोषण देश रोशन का स्लोगन लिखा हुआ है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर हाल ही में विकसित की गई फसलों की 17 किस्मों को भी राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने दुनियाभर में कुपोषण को खत्म करने के लिए निरंतर काम कर रहे लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि कुपोषण खत्म करने के लिए हमारे किसान साथी, हमारे अन्नदाता, कृषि वैज्ञानिक, आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ता इस आंदोलन के आधार हैं, इन लोगों ने न सिर्फ भारत का अन्न भंडार भरा है, बल्कि सरकार के ग़रीब से ग़रीब लोगों तक पहुंचने के प्रयास में मददगार सिद्ध हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनके प्रयासों के चलते ही कोरोनाकाल में भी भारत कुपोषण के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ पा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एफएओ ने भारत सहित दुनियाभर में कृषि उत्पादन बढ़ाने और भुखमरी समाप्त करने के लिए मदद की है एवं पोषण बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसे 130 करोड़ से अधिक भारतीय सम्मान देते हैं। उन्होंने कहा कि इस साल विश्व खाद्य कार्यक्रम को नोबेल शांति पुरस्कार मिलना भी एफएओ के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि भारत इस संस्थान के साथ ऐतिहासिक साझेदारी को लेकर प्रसन्नता का अनुभव करता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि एफएओ ने विश्व खाद्य कार्यक्रम का आरंभ डॉ बिनय रंजन सेन के नेतृत्व में शुरू किया था, उन्होंने महिलाओं और भूखमरी का सामना करने वाले लोगों की समस्याओं को बेहद नजदीकी से देखा था और उनके कार्य समूचे विश्व के लिए आज भी उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि एफ़एओ ने भारत में दशकों चली कुपोषण की लड़ाई को नजदीकी से देखा है, हालांकि इसमें अभी भी कई विसंगतियां बरकरार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कम उम्र में गर्भवती बनने, शिक्षा की कमी, सूचनाओं की कमी, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, स्वच्छता का अभाव इत्यादि ऐसे कारण हैं जिनके चलते हमें अपेक्षित परिणाम अभी तक नहीं मिले हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्षों के अनुभवों के बाद देश में 2014 के उपरांत नए प्रकार के प्रयास किए गए, सरकार के समेकित और एकीकृत प्रयासों के चलते बहुआयामी रणनीतिक कदम उठाए गए। उन्होंने कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार की कुछ कार्य प्रणालियों का जिक्र किया, जिसमें राष्ट्रीय पोषण मिशन, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय का निर्माण, मिशन इंद्रधनुष, जल जीवन मिशन और सस्ती दर पर सैनिटेशन पैड उपलब्ध कराना इत्यादि शामिल हैं। इन प्रयासों के उपरांत निकले परिणामों का जिक्र करते हुए उन्होंने लड़कियों की नामांकन दर का उल्लेख किया, जो लड़कों की तुलना में बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि कुपोषण को खत्म करने के लिए प्रोटीन, आयरन, जिंक इत्यादि पोषक तत्वों से समृद्ध खाद्यान्न अनाजों को प्रोत्साहित किया गया।
प्रधानमंत्री ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा दिवस घोषित करने के भारत को प्रस्ताव को पूर्ण समर्थन देने के लिए एफएओ को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि इससे पोषण युक्त खाद्य पदार्थों के इस्तेमाल में वृद्धि होगी और इसकी उपलब्धता बढ़ाने को लेकर छोटे किसानों को लाभ पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम तबके के किसान पानी की कम उपलब्धता और जमीन की कम उपजाऊ क्षमता जैसी समस्याओं के चलते मोटे अनाजों की खेती करते हैं, इससे न सिर्फ भारत, बल्कि दुनियाभर को लाभ पहुंचेगा। प्रधानमंत्री ने बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाने वाली कुछ फसलों की किस्मों का उल्लेख करते हुए कहा की व्यापक पैमाने पर फसलों में पोषण की कमी को ध्यान में रखते हुए बायोफोर्टीफाइड किस्मों का विकास किया गया है, जिससे इन पोषक तत्वों की भरपाई की जा सके। उन्होंने कहा कि गेहूं और धान समेत अनेक स्थानीय और पारंपरिक फसलों की 17 बायोफोर्टीफाइड किस्मों के बीज किसानों के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं, यह पोषण अभियान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ विशेषज्ञ कोरोना महामारी के मद्देनज़र भारत में भुखमरी और कुपोषण जैसी आशंकाओं को लेकर चिंतित थे, इन चिंताओं के बीच भारत ने पिछले 7-8 महीने में भुखमरी और कुपोषण से लड़ने के लिए लगभग 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त में लगभग 1.5 करोड़ रुपये का अनाज वितरित किया। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के चलते राशन उपलब्ध कराने में गेहूं या चावल के साथ-साथ दालों को भी शामिल किया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले खाद्य सुरक्षा अधिनियम महज 11 राज्यों में लागू था, लेकिन उसके बाद इसे समूचे देश में प्रभावी रूपसे क्रियान्वित किया गया। उन्होंने कहा कि जिस समय दुनिया कोरोना महामारी के संकट से लड़ रही थी, उस समय भारत के किसानों ने रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन किया और सरकार ने भी गेहूं, चावल और दानों समेत अनाजों की खरीद का रिकॉर्ड कायम किया। उन्होंने कहा कि भारत में निरंतर सुधार किए जा रहे हैं, जो विश्व खाद्य सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने के विभिन्न कृषि सुधारों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एपीएमसी अधिनियम में किए गए सुधारों का लक्ष्य इसे और प्रतिस्पर्धी बनाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी के रूपमें मिले इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं, एमएसपी और सरकारी खरीद, देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण अंग है इसलिए इनका जारी रहना स्वाभाविक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे किसानों को सशक्त करने के लिए किसान उत्पादक संघ यानी एफपीओ का बड़ा नेटवर्क देशभर में विकसित किया जा रहा है, भारत में अनाजों की बर्बादी एक बड़ी समस्या रही है, इसे दुरुस्त करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में किए गए बदलाव अहम भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने कहा कि अब सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र को भी ग्रामीण इलाकों में बेहतर बुनियादी ढांचा विकसित करने के अधिक अवसर मिलेंगे। प्रधानमंत्री ने एपीएमसी अधिनियम में संशोधन पर बात करते हुए कहा कि जब किसान किसी निजी कंपनी या उद्योग से कोई समझौता करेगा, तब उत्पाद की कीमत बुवाई से पहले तय की जा सकेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इससे कीमतों में उतार-चढ़ाव की चिंता से किसान को मुक्ति मिलेगी और खेती में नई तकनीक को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को अधिक विकल्प दिए जाने के साथ-साथ कानूनी सुरक्षा का भी प्रबंध किया गया है, अगर किसान किसी भी वजह से समझौते को तोड़ना चाहता है तो इसके लिए उसे कोई हर्जाना नहीं भरना होगा, वहीं दूसरी तरफ अगर निजी कंपनी किसान के साथ किए गए समझौते को बीच में ही छोड़ना चाहती है तो उसे जुर्माना देना होगा। उन्होंने कहा कि समझौता केवल उपज से संबंधित होगा इसका किसान की जमीन से किसी तरह का कोई संबंध नहीं होगा, इन सुधारों में किसानों की हर कदम पर सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भारत का किसान सशक्त होगा और उसकी आय बढ़ेगी तब कुपोषण के खिलाफ लड़ाई को भी बल मिलेगा। उन्होंने आशा जताई कि भारत और एफएओ के बीच साझेदारी से इस अभियान को आगे और गति मिलेगी।

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