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सभी फिट रहें और स्वस्‍थ रहें-प्रधानमंत्री

फिट इंडिया अभियान की वर्षगांठ पर खिलाड़ियों से संवाद

वर्चुअल कॉंफ्रेंस में खिलाड़ियों से कही खिलाड़ियों की सुनी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 25 September 2020 12:33:44 PM

narendra modi interacting with the various fitness enthusiasts during the fit india dialogue event

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल कॉंफ्रेंस के माध्यम से फिट इंडिया अभियान की पहली वर्षगांठ पर हर आयु के लिए उपयुक्त फिटनेस प्रोटोकॉल का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनियाभर में फिटनेस को लेकर जागरुकता बढ़ी है और युवा मंत्रालय एवं स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिलकर फिटनेस प्रोटोकॉल जारी किया है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर खेलों से जुड़ीं विभिन्न हस्तियों, फिटनेस विशेषज्ञों और अन्य लोगों से बातचीत की। खेल हस्तियों ने संवाद में प्रधानमंत्री से अपने जीवन के अनुभव और फिटनेस मंत्र साझा किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि फिट रहना उतना मुश्किल काम नहीं है, जितना कि कुछ लोग सोचते हैं। उन्होंने कहा कि थोड़े अनुशासन और थोड़ी मेहनत से आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं। प्रधानमंत्री ने सभी के स्वास्थ्य के लिए 'फिटनेस की डोज़, आधा घंटा रोज' का मंत्र दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक योग या बैडमिंटन, टेनिस या फुटबॉल, कराटे या कबड्डी का अभ्यास करने का आग्रह किया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आहार, शारीरिक गतिविधि और स्वास्थ्य पर एक वैश्विक रणनीति बनाई है। उन्होंने शारीरिक गतिविधि पर एक वैश्विक सिफारिश भी जारी की है। ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे कई देशों ने फिटनेस के लिए नए लक्ष्य तय किए हैं और उनपर काम कर रहे हैं। इस तरह के कई देशों में बड़े पैमाने पर अभियान चल रहा है और अधिक से अधिक नागरिक दैनिक व्यायाम की दिनचर्या में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि योग, व्यायाम, पैदल चलना, दौड़ना, स्वस्थ भोजन की आदतें और स्वस्थ जीवनशैली हमारी जागरुकता का हिस्सा बन गई हैं। उन्होंने कहा कि फिट इंडिया अभियान ने प्रतिबंधों के बावजूद कोरोनाकाल में अपने प्रभाव और प्रासंगिकता को साबित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैरालम्पिक गोल्ड मेडलिस्ट भाला फेंक स्पर्धा के खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया के साथ भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने विभिन्न विश्व पैरालिम्पिक आयोजनों में भारत को पदक दिलाने के लिए देवेंद्र की सराहना की। उन्होंने देवेंद्र से पूछा कि वे कैसे अपनी चुनौतियों पर विजय प्राप्त कर विश्व प्रसिद्ध एथलीट बने। देवेंद्र झझारिया ने बिजली का करंट लगाने के बाद अपना हाथ गंवाने से पैदा हुई चुनौती को याद करते हुए उन्हें बताया कि कैसे उनकी मां ने उन्हें एक सामान्य बच्चे के रूपमें व्यवहार करने और फिटनेस की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। देवेंद्र झाझरिया ने अपनी हाल ही की कंधे की चोट से उबरने और इस खेल से संन्यास लेने के अपने विचार पर काबू पाने के बारे में प्रधानमंत्री के सवाल पर कहा कि मानसिक और शारीरिक चुनौतियों को दूर करने के लिए पहले खुदपर विश्वास करना चाहिए। उन्होंने कुछ शारीरिक कसरतों का प्रदर्शन किया और अपनी चोट से उबरने के लिए अपनाए गए अपने फिटनेस मंच पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने पैरालिंपिक गोल्ड मेडल विजेता की इस तरह के प्रेरणादायक काम के लिए प्रशंसा की। उन्होंने देवेंद्र झाझरिया की माँ की सराहना की, जिन्होंने 80 साल की उम्र में भी उनका हौसला बढ़ाया हुआ है।
प्रधानमंत्री ने फुटबॉलर अफसां आशिक के साथ की बातचीत की। जम्मू-कश्मीर की गोल कीपर ने कहा कि प्रत्येक महिला को खुद को फिट रखना आवश्यक है, क्योंकि वह परिवार की मां और कार्यवाहक की भूमिका निभाती है। उन्होंने बताया कि वह एमएस धोनी की शांत कार्यशैली से कैसे प्रेरित हैं और कैसे खुद को शांत और स्थिर रखने के लिए वह रोजाना सुबह ध्यान करती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात की जानकारी मांगी कि जम्मू-कश्मीर के लोग किस तरह से विषम मौसम की स्थिति के बावजूद खुद को फिट रखते हैं, अफसां ने बताया कि वे कैसे चढ़ाई करते हैं और इससे कैसे उनके फिटनेस स्तर में सुधार आता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग अधिक ऊंचाई पर रहते हैं और उनके फेफड़ों में श्वांस लेने की क्षमता अधिक होती है और किसी भी जगह शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने पर उन्हें सांस लेने में कोई समस्या नहीं होती है। अफसां ने इस बारे में भी बात की कि कैसे उसे गोल कीपर के रूपमें मानसिक रूपसे मज़बूत और शारीरिक रूपसे लचीला होना चाहिए।
मिलिंद सोमण को 'मेड इन इंडिया मिलिंद' के रूपमें संदर्भित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपने तरीके से मेक इन इंडिया के प्रबल समर्थक हैं। मिलिंद सोमण ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट से लोगों में जागरुकता आई है, वे अब अपनी शारीरिक और मानसिक शक्ति के बारे में जानते हैं। उन्होंने अपनी मां की फिटनेस के बारे में बात की। मिलिंद सोमण ने कहा कि पिछले ज़माने में लोग फिट थे और वे पानी लाने के लिए गांव में 40-50 किलोमीटर पैदल चलते थे, लेकिन आजकल शहरों में प्रौद्योगिकी के उपयोग के कारण हम एक सुस्त जीवन शैली अपनाते हैं, जिससे हमें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि फिटनेस की कोई उम्र नहीं है। उन्होंने मिलिंद सोमण की मां ने फिटनेस को बनाए रखने के लिए प्रशंसा की। मिलिंद की मां 81 वर्ष की उम्र में भी पुश-अप करती हैं। मिलिंद सोमण ने कहा कि उनके पास जो कुछ भी है, उसका उपयोग करके कोई भी व्यक्ति स्वस्थ और फिट रह सकता है, उसे ऐसा करने के लिए केवल आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है।
मिलिंद सोमण ने प्रधानमंत्री से पूछा कि वह आलोचना से कैसे निपटते हैं, इसके जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे समर्पण के साथ काम किया जाता है, सभी की सेवा करने की भावना और कर्तव्य की भावना से काम करने से कभी भी तनाव नहीं होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रतिस्पर्धा स्वस्थ सोच का प्रतीक है, लेकिन व्यक्ति को दूसरे के बजाय स्वयं के साथ प्रतिस्पर्धा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। रुजुता दिवेकर ने खाने के पुराने तरीकों यानी दाल, चवाल और घी की संस्कृति की तरफ वापस लौटने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर हम स्थानीय उपज का अपने खाने में उपयोग करते हैं तो हमारे किसानों और हमारी स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। वोकल फॉर लोकल का दृष्टिकोण बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय रुझानों की बात की, जहां लोग घी बनाना सीख रहे हैं और हल्दी-दूध के महत्व को महसूस कर रहे हैं। रुजुता दिवेकर ने उन खाद्य पदार्थों से बचने के बारे में बात की जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं, हर क्षेत्र में विशेष खाद्य पदार्थ आ गए हैं, जबकि घर का खाना ही हमेशा मददगार होता है, अगर हम डिब्बा बंद और प्रोसेस्ड खाद्य के बजाए घर के बने खाद्य पदार्थ उपयोग करते हैं तो हमें उसके अनेक फायदे देखने को मिलते हैं।
स्वामी शिवध्यानम सरस्वती ने कहा कि वह सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की कामना से प्रेरणा प्राप्त करते हैं, इसका अर्थ है सभी का सुख और सबका कल्याण। उन्होंने प्राचीनकाल की गुरु-शिष्य की गुरुकुल परंपरा के तरीकों का उल्लेख किया, जो छात्र के शारीरिक और मानसिक विकास पर केंद्रित था। उन्होंने योग को केवल एक व्यायाम नहीं, बल्कि जीवन का एक तरीका बताया, जिसे गुरुकुल के दिनों में अपनाया गया था। प्रधानमंत्री ने अपनी फिटनेस दिनचर्या के बारे में विराट कोहली के साथ चर्चा की। विराट ने कहा कि मानसिक ताकत आपकी शारीरिक ताकत के साथ बढ़ती है। प्रधानमंत्री ने पूछा कि उन्होंने दिल्ली के प्रसिद्ध छोले भटूरे को कैसे छोड़ दिया तो विराट ने फिटनेस के स्तर को बढ़ाने के लिए आहार में अनुशासन लाने के साथ-साथ घर के बने भोजन का महत्व बताया। नरेंद्र मोदी ने कैलोरी की मात्रा को बनाए रखने के बारे में चर्चा की। विराट ने कहा कि शरीर को खाये हुए भोजन को पचाने के लिए समय दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने योयो परीक्षण के बारे में बात की और इसे फिटनेस संस्कृति में लाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने पूछा कि क्या वह थका हुआ महसूस नहीं करते हैं तो विराट ने कहा कि अच्छी नींद, भोजन और फिटनेस से शरीर एक सप्ताह में ठीक हो जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षाविद मुकुल कानितकर से बातचीत की। मुकुल कानितकर ने कहा कि फिटनेस न केवल शरीर के लिए, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी एक अवधारणा है। उन्होंने स्वास्थ्य की संस्कृति के निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री की सूर्य नमस्कार की वकालत करने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में फिटनेस को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए प्रधानमंत्री की प्रशंसा की और सभी को फिट इंडिया की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि फिट इंडिया संवाद हर आयु वर्ग के फिटनेस हितों पर केंद्रित है और फिटनेस के विभिन्न आयामों पर आधारित है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि फिट इंडिया अभियान की शुरूआत के बाद देश में फिटनेस के प्रति लोगों में रुझान बढ़ा है, स्वास्थ्य और फिटनेस के बारे में जागरुकता लगातार बढ़ रही है और लोगों की सक्रियता भी बढ़ी है।

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