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भारत का हाइपरसोनिक व्हीकल टेस्ट सफल

प्रधानमंत्री की डीआरडीओ विज्ञानियों की सफलता पर बधाई!

दुनिया में रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत चौथा देश

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 8 September 2020 12:28:21 PM

successful flight of hypersonic test demonstration vehicle

भुवनेश्वर/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘हाइपरसोनिक टेस्ट डिमॉंस्ट्रेशन व्हीकल’ की सफल उड़ान के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में लिखा है कि हाइपरसोनिक टेस्ट डिमॉंस्ट्रेशन व्हीकल की सफल उड़ान के लिए डीआरडीओ को बधाई! हमारे वैज्ञानिकों के विकसित स्क्रैमजेट इंजन ने उड़ान को ध्वनि की गति से भी 6 गुना गति प्राप्त करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत कम देश हैं, जिनके पास इस तरह की अद्भुत क्षमता है। गौरतलब है कि डीआरडीओ ने हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन वाहन एचएसडीटीवी का ओडिशा के व्हीलर द्वीप में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रक्षेपण केंद्र से सफल प्रक्षेपण किया है। इसके माध्यम से हाइपरसोनिक स्क्रैमजेट प्रौद्योगिकी का सफल प्रदर्शन किया गया है।
हाइपरसोनिक क्रूज वाहन को एक ठोस रॉकेट मोटर का उपयोग करके प्रक्षेपित किया गया, जो इसे 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले गया, जहां हाइपरसोनिक गति के अनुरूप इसके वायु गतिकीय ताप कवच को अलग किया गया। इसके बाद क्रूज़ वाहन प्रक्षेपण यान से अलग हो गया और इसके हवा को ग्रहण करने वाले हिस्से योजना के अनुसार खुल गए। इस दौरान ईंधन के रूपमें हाइपरसोनिक दहन की प्रक्रिया निरंतर जारी रही, जिससे यह अपने वांछित उड़ान पथ पर ध्वनि की गति से छह गुना यानी 2 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 20 सेकेंड से ज्यादा तक चलता रहा। इस दौरान ईंधन इंजेक्शन और स्क्रैमजेट के ऑटो इग्निशन जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं ने तकनीकी परिपक्वता का प्रदर्शन किया। स्क्रैमजेट इंजन ने टेक्स्ट बुक तरीके से प्रदर्शन किया।
प्रक्षेपण, क्रूज वाहन और स्क्रैमजेट इंजन की कार्यप्रणाली मानकों के अनुरूप हुई या नहीं यह देखने के लिए इनपर बहुपक्षीय निगरानी वाले रडार, इलेक्ट्रोऑप्टिकल प्रणाली तथा टेलीमेट्री स्टेशनों की मदद से नज़र रखी गई। स्क्रैमजेट इंजन हवा के अत्याधिक दबाव और बहुत अधिक तापमान पर काम करता रहा। हाइपरसोनिक वाहन के प्रदर्शन पर नज़र रखने के लिए बंगाल की खाड़ी में एक जहाज भी तैनात किया गया था। वाहन का प्रक्षेपण सभी निर्धारित मानकों के अनुरूप हुआ, जोकि इस अभियान की बड़ी सफलता रही। इस के साथ ही कई महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां जैसे हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से हवा में दक्ष परिचालन के साथ प्रज्वलन के लिए स्क्रैमजेट प्रणोदन का उपयोग और हाइपरसोनिक प्रवाह में निरंतर दहन, उच्च तापमान सामग्री के थर्मो-संरचनात्मक लक्षण और हाइपरसोनिक वेग पर पृथक्करण प्रणाली की दक्षता साबित की गई।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में हासिल की गई इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए डीआरडीओ को बधाई दी। उन्होंने इस परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि देश को उनपर गर्व पर है। रक्षा विभाग के अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी एचएसटीडीवी अभियान से जुड़े सभी वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं और संबंधित कर्मियों को देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाने की दिशा में किए जा रहे उनके अथक प्रयासों के लिए बधाई दी। भारत हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के प्रक्षेपण के लिए वांछित हाइपरसोनिक वाहन प्राप्त करने की दिशा में और आगे बढ़ गया है।

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