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आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की बड़ी भूमिका

तीनों देशों के व्यापार और उद्योग मंत्रियों में हुई वीडियो कॉंफ्रेंस

भारत ऑस्ट्रेलिया जापान ने अपनी-अपनी प्रतिबद्धताएं दोहराईं

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 2 September 2020 01:05:52 PM

video conference held in india, australia and japan's ministers

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन, निवेश मंत्री एवं सीनेटर साइमन बर्मिंघम और जापान के अर्थव्यवस्था व्यापार और उद्योग मंत्री काजीयामा हिरोशी ने मंत्रिस्‍तरीय वीडियो कॉंफ्रेंस में एक स्वतंत्र निष्पक्ष समावेशी गैर-भेदभावपूर्ण पारदर्शी पूर्वानुमानित स्थिर व्यापार और निवेश वातावरण प्रदान करने एवं अपने बाजारों को खुला रखने के मार्गदर्शन के लिए अपनी-अपनी प्रतिबद्धताएं दोहराई हैं। उन्होंने कोविड संकट में आर्थिक और तकनीकी परिदृश्य में वैश्विक स्तरपर आए बदलावों के मद्देनज़र इंडो पेसेफिक क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाने की आवश्यकता और संभावनाओं पर बल दिया। उन्होंने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग के जरिए एक नई पहल करने की दिशा में काम करने का अपना इरादा साझा किया। उन्होंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस वर्ष के अंत में नई पहल की विस्‍तृत योजना पर तेजी से काम करें और इस उद्देश्य को साकार करने में व्यापार और शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने वीडियो कॉंफ्रेंस में कहा कि इंडो पेसेफिक क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं के फिरसे शुरू होने की संभावना है और हमारे लिए यह पहल करना उचित है। उन्होंने उल्‍लेख किया कि मई 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि समय की मांग है कि भारत आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक बड़ी भूमिका निभाए। पीयूष गोयल ने कहा कि भारत पूरी तरह से भारत-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत, भरोसेमंद और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने की दिशा में व्यापक अवधारणा का समर्थन करता है, मूल्य अस्थिरता को नियंत्रित करने सहित आदानों की आपूर्ति से जुड़े जोखिमों के प्रबंधन के लिए आपूर्ति श्रृंखला का विविधीकरण महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम विश्वसनीय दीर्घकालिक आपूर्ति और उपयुक्त क्षमता का एक नेटवर्क बनाकर क्षेत्र में मूल्य श्रृंखलाओं को जोड़ने का मुख्य मार्ग प्रदान कर सकते हैं, इसके लिए हमें विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता हो सकती है, जो इस क्षेत्र में घरेलू मूल्य संवर्धन में सबसे अधिक योगदान करते हैं।
पीयूष गोयल ने कहा कि हम आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए सूचीबद्ध विशिष्ट गतिविधियों की आवश्यकता का समर्थन करते हैं, जिसमें व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने एवं उत्पादन आधार के विविधीकरण वाले कार्य शामिल हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार की प्रक्रिया का डिजिटलीकरण व्यापार की सुविधा के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आपूर्ति श्रृंखलाओं में लचीलापन बना रहता है। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को अपनाने के माध्यम से सरलीकरण पर अपनी गति बनाए रखें, जो हमारी क्षमताओं के अनुरूप हों। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखलाओं में लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय और भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता होने के संदर्भ में समान विचारधारा वाले देशों, बाजारोन्मुख नीतियों, जनसांख्यिकी, विकास की क्षमता, मौजूदा वित्तीय बोझ और भू-राजनीतिक रणनीति सहित कुछ प्रमुख मापदंडों को देखा जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान को इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रतिस्‍पर्धी बताते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि 2019 के दौरान संचयी सकल घरेलू उत्पाद $ 9.3 ट्रिलियन था, जबकि संचयी व्यापारिक वस्‍तु और सेवा व्यापार क्रमशः 2.7 ट्रिलियन डॉलर और 0.9 ट्रिलियन डॉलर था। वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री ने कहा कि इस तरह की मजबूत आधार रेखा के साथ यह महत्वपूर्ण है कि हम इस अवसर का उपयोग इस क्षेत्र में अपने व्यापार और निवेश के हिस्से को बढ़ाने के लिए करें। पीयूष गोयल ने कहा कि जापान के साथ यह देखा गया है कि कई विशिष्ट उत्पादों में हमारा वैश्विक निर्यात और जापानी वैश्विक आयात शून्य तरजीही शुल्कों के साथ उच्च होने के बावजूद भारत से खरीद सीमित थी, यह कई क्षेत्रों जैसे कि स्टील, समुद्री उत्पाद, प्रसंस्कृत कृषि, कृषि-रसायन, प्लास्टिक, कालीन, कपड़े, जूते इत्यादि में कटौती करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रस्तावित पहल स्पष्ट रूपसे इसे पाटने और आपसी व्यापार को बढ़ाने की दिशा में की जाएगी।
पीयूष गोयल ने कहा कि दुनिया को एक परिवार के रूपमें मानने की भारत की परंपरा में कोविड संकट में भारत ने महत्वपूर्ण चिकित्सा उत्पादों की आपूर्ति के लिए निर्यात उपायों के साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जोकि समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए रखी गई हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी उपायों से एक भागीदार के रूपमें हमारी विश्वसनीयता और भरोसे का संकेत मिलता है और मुझे यकीन है कि यह एक महत्वपूर्ण मानदंड है, क्योंकि हम आपूर्ति श्रृंखलाओं का लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए नई पहल करने का साहस करते हैं, यदि हम इसके पदचिह्न का विस्तार करना चाहते हैं तो पारदर्शिता और विश्वास को हमारी पहल की पहचान बनना चाहिए, हम दृढ़ता से मानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया और जापान हमारे संयुक्त प्रयास में हमारे लिए महत्वपूर्ण साझेदार हैं।

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