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पर्यटन विकास में महिला भागीदारी को बढ़ावा

टीएएआई और एफएलओ के ब‌ीच महिला सशक्तिकरण समझौता

पर्यटन उद्योग बनेगा महिलाओं के लिए स्थायी आजीविका मॉडल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 22 August 2020 04:02:42 PM

women empowerment agreement in taai and flo

नई दिल्ली। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (टीएएआई) और फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) के साथ पर्यटन मंत्रालय ने महिला सशक्तिकरण के लिए एक औपचारिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल से एफएलओ और टीएएआई, व्यक्तिगत और आतिथ्य कौशल एक अधिक लचीला कार्य संतुलन और बहुत कम पूंजी के साथ उद्यमिता के लिए अधिक विकल्पों को प्रदान करने पर बल देगा। इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि भारत में महिलाएं विभिन्न कार्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट एवं उल्लेखनीय भूमिका अदा कर रही हैं यथा डॉक्टरों, पायलटों, वैज्ञानिकों, व्यावसायियों के रूपमें सर्वश्रेष्ठ महिलाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने साहसिक गतिविधियों और खेलों, पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, साइकिलिंग आदि में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, हमारे देश की महिलाएं सशस्त्र बलों की भी एक महत्वपूर्ण घटक हैं और महिलाओं ने देश की प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारियों को भी संभाला है।
पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि महिलाओं को लक्षित करने वाले प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों को संगठित एवं लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है, जिसमें ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों की महिलाएं भी शामिल हैं, उन्हें डिजिटल प्रौद्योगिकियों के बारे में जागरूक करना और उन्हें सामुदायिक स्तरपर निर्णय लेने में भागीदार बनने में सहायता प्रदान करनी चाहिए, इस प्रकार से यह सुनिश्चित करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बन जाता है कि यात्रा और पर्यटन के क्षेत्र में महिलाओं को आगे बढ़ाने और पर्यटन के विकास में उन्हें योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, जिससे न केवल इस क्षेत्र को लाभ प्राप्त होगा, बल्कि उनके उत्थान और सशक्तिकरण में भी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पर्यटन में कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर महिलाएं उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं जैसे ठहरने की सुविधा, पर्यटक सुविधा प्रदाता, कैटरिंग व्यवसाय आदि। उन्होंने टीएएआई और फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन के देशभर में महिलाओं की बेहतरी के लिए किए जा रहे कार्यों के लिए प्रसन्नता व्यक्त की।
प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि पर्यटन मंत्रालय, टीएएआई और एफएलओ के बीच एमओयू ने हमें पर्यटन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और उन्हें देश के पर्यटन कार्यबल का एक अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए जमीनी स्तरपर अवसर प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि यह समझौता पर्यटन मंत्रालय, टीएएआई और एफएलओ के बीच सहयोग और सामंजस्य के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि राज्य पर्यटन विभागों और राज्य पर्यटन निगमों के साथ-साथ एफएलओ और टीएएआई के राज्य समूहों के माध्यम से जागरुकता उत्पन्न की जा सकेगी, यह पर्यटन उद्योग में महिलाओं के लिए स्थायी आजीविका के लिए एक मॉडल के रूपमें कार्य कर सकता है और उनके आर्थिक उत्थान को सुनिश्चित कर सकता है। पर्यटन राज्यमंत्री ने कहा कि इस सहयोग के माध्यम से जमीनीस्तर की महिलाओं, अर्ध शहरी, शहरी क्षेत्रों में मध्यमिकस्तर और शहरी शिक्षित बेरोज़गार महिलाओं को शुरुआत करने और काम करने में मदद मिलेगी।
पर्यटन राज्यमंत्री ने कहा कि एफएलओ और टीएएआई, महिलाओं को उनके आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में काम करने की प्रक्रिया में सुविधा प्रदाता के रूपमें कार्य करेंगे। इस अवसर पर प्रतिनिधियों ने देश के अंदर 15 स्थलों की यात्रा करने के लिए ‘देखो अपना देश’ का संकल्प लिया। इस पहल के प्रस्तावित मुख्य घटक हैं-देखो अपना देश पहल के अंतर्गत देश के अंदर कम से कम 15 गंतव्यों की यात्रा को प्रोत्साहित करना। एफएलओ और टीएएआई की सदस्यता के लिए यह जरूरी होगा कि वे 8,000 से ज्यादा महिलाओं और उनके परिवार को सहायता प्रणाली का आधार प्रदान करें। प्रत्येक राज्य में एक प्रतिष्ठित स्मारक या पर्यटक स्थल के आसपास समुदाय आधारित पर्यटन गतिविधियों का संचालन करना, जिसमें महिलाएं पर्यटन गाइड होंगी, खानपान स्टॉल चलाएंगी, अपनी कला और शिल्प के साथ स्मारिका स्टॉल लगाएंगी, सभी बही-खातों को संभालेंगी और ऐतिहासिक स्थल का संचालन करेंगी। एफएलओ, टीएएआई के समूह सतत पर्यटन प्रथाओं के बारे में शैक्षिक कार्यशालाओं, सेमिनारों और पैनल चर्चाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण स्थायी आजीविका माध्यम के रूपमें पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता, साफ-सफाई, पर्यावरण, पाक कौशल और उद्यमिता कौशल की अवधारणाओं के बारे में महिलाओं को प्रशिक्षित करने के लिए पर्यटन कार्यशालाओं का आयोजन करने के लिए प्रशिक्षण एजेंसियों के साथ ताल-मेल करना। गैर-सरकारी संगठनों, कुछ कार्यान्वयन एजेंसियों, ट्रैवल उद्योग संघों आदि द्वारा आयोजित की जाने वाली जागरुकता कार्यशालाओं के माध्यम से महिलाओं को अतिथि देवो भवः के आदर्श वाक्य के बारे में बताया जाएगा और उन्हें जागरूक किया जाएगा। महिलाओं के लिए आजीविका का अवसर प्रदान करने के लिए, ग्रामीण और शहरी होमस्टे के लिए समुदाय द्वारा संचालित और महिलाओं के नेतृत्व वाली पहलों का निर्माण करना। अतुल्य भारत पर्यटक सुविधा (आईआईटीएफ) प्रमाणन कार्यक्रम के बारे में जागरुकता फैलाना। पर्यटन मंत्रालय इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत एफएलओ, टीएएआई पहलों का समर्थन, पर्यटन मंत्रालय के लोगो की उपस्थिति के साथ सह-ब्रांडिंग, मार्गदर्शन और हस्तक्षेप और सही कनेक्ट के माध्यम से सुविधा प्रदान करेगा।

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