स्वतंत्र आवाज़
word map

रिज़र्व बैंक मौद्रिक नीति से तरलता बढ़ी

एआईआईबी के साथ भागीदारी में निवेश के नए अवसर

'कोरोना से जंग में एआईआईबी का योगदान सराहनीय'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 29 July 2020 12:43:31 PM

finance minister in aiib board of governors meeting

नई दिल्ली। एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 5वीं वार्षिक बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए भाग लिया। यह बैठक हर साल होती है और बैंक के भविष्य को प्रभावित करने वाले अहम फैसले लेने के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स साथ बैठते हैं। इस बैठक में होने वाले विचार-विमर्श में एआईआईबी के अध्यक्ष के चुनाव सहित कई आधिकारिक कार्य और ‘एआईआईबी 2030-एशिया के विकास में सहायक अगला एक दशक’ विषयवस्तु पर होने वाली राउंडटेबल जैसे मुद्दे शामिल थे। निर्मला सीतारमण ने राउंडटेबल विचार-विमर्श के मुख्यवक्ता के रूपमें कोविड-19 महामारी से मुकाबले के लिए भारत सहित अपने सदस्य देशों को त्वरित रूपसे लगभग 10 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देने की दिशा में एआईआईबी के प्रयासों की सराहना की।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्क देशों के लिए कोविड-19 आपात कोष बनाने की पहल और कोविड-19 से पार पाने में प्रमुख मेडिकल हैल्थ किट्स की आपूर्ति की दिशा में भारत के प्रयासों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण के वैश्विक प्रयासों में भी सहयोग कर रहा है। वित्तमंत्री ने जी-20 डेट सर्विस सस्पेंशन इनीशिएटिव में भारत की भागीदारी पर प्रकाश डाला। निर्मला सीतारमण ने कोविड-19 से मुकाबले के लिए 23 अरब डॉलर की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना और 295 अरब डॉलर का आत्म निर्भर भारत पैकेज सहित भारत सरकार के विभिन्न कदमों का उल्लेख किया, जिनका उद्देश्य अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टरों और तबकों को सुरक्षा देना है। भारतीय रिज़र्व बैंक मौद्रिक नीति को लचीला किया गया है, जिसमें विशेष रूपसे रिज़र्व की आवश्यकताओं में कमी और अर्थव्यवस्था में जीडीपी की तुलना में लगभग 3.9 प्रतिशत तक तरलता की पेशकश की।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि आधारभूत ढांचे के विकास को प्रोत्साहन देने के लिए भारत ने 1.4 ट्रिलियन डॉलर के अनुमानित व्यय वाली राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन की पेशकश की, जिसमें एआईआईबी के साथ भागीदारी में निवेश के नए अवसर पैदा होंगे। निर्मला सीतारमण ने बैंक से कुछ अपेक्षाओं का उल्लेख किया, जिनमें वित्तपोषण के नए साधनों की पेशकश, निजी क्षेत्र से वित्तपोषण जुटाना, एसडीजी 2030 को हासिल करने के लिए सामाजिक आधारभूत ढांचे के लिए वित्तपोषण उपलब्ध कराना और कोविड-19 संकट से उबरने की प्रतिक्रिया में जलवायु लचीली और टिकाऊ ऊर्जा वाले बुनियादी ढांचे के विकास का एकीकरण शामिल हैं। निर्मला सीतारमण ने बैंक को क्षेत्रीय उपस्थिति दर्ज कराने का भी सुझाव दिया, जिससे प्रभावी परियोजना प्रबंधन और कार्यान्वयन में सहयोग मिलेगा। वित्तमंत्री ने मजबूत विकास के लिए एआईआईबी प्रबंधन की सराहना की।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]