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हरियाणा के हर कोने में होगा विकास-गडकरी

'नरेंद्र मोदी सरकार देश की प्रगति और संपन्नता के लिए प्रतिबद्ध'

हरियाणा केलिए 20 हजार करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजनाएं

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Wednesday 15 July 2020 02:04:19 PM

highway minister nitin gadkari inaugurated and laid foundation stone

गुरूग्राम/ नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने वेबकास्ट से हरियाणा में नए आर्थिक गलियारे के तहत लगभग 20 हजार करोड़ रुपये की लागत की विभिन्न राजमार्ग परियोजनाओं का शुभारम्भ और शिलान्यास किया। परियोजनाओं में 1183 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 334बी के रोहना/ हसनगढ़ से झज्जर खंड तक 35.45 किलोमीटर लंबे 4 लेन मार्ग, 857 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 71 के पंजाब-हरियाणा सीमा से जींद खंड तक 70 किलोमीटर लंबे मार्ग को 4 लेन किया जाना और 200 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 709 पर पेव्ड शोल्डर्स के साथ 85.36 किलोमीटर के 2 लेन जींद-करनाल मार्ग का निर्माण शामिल है। इस वर्चुअल कार्यक्रम की अध्यक्षता हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने की और इसमें केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वीके सिंह, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर, रतनलाल कटारिया, एनएचएआई के चेयरमैन एसएस संधू, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने भी भागीदारी की।
राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि हरियाणा के हर कोने में विकास होगा और इन परियोजनाओं से हरियाणा के लोगों को व्यापक लाभ होगा, इससे राज्य के भीतर के साथ ही पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से भी संपर्क में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं से बड़े शहरों में भीड़-भाड़ कम होगी और यात्रा में लगने वाले समय में कमी आएगी, इससे चंडीगढ़ से दिल्ली हवाईअड्डे तक पहुंचने में लगभग 2 घंटे लगेंगे, जबकि वर्तमान में 4 घंटे लगते हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश की प्रगति और संपन्नता के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल करने दिशा में 100 लाख करोड़ रुपये की आधारभूत ढांचा विकास योजनाओं का ऐलान किया है। नितिन गडकरी ने कहा कि राज्य के लोगों को जैव ईंधनों के लिए फसलों को अपनाने पर विचार करना चाहिए, जिसमें जीवन के हर क्षेत्र में सुधार की क्षमता है, इससे गांवों के भीतर रोज़गार के अवसर सुनिश्चित होंगे, जिससे रोज़गार की तलाश में होने वाले पलायन पर भी रोक लगेगी।
नितिन गडकरी ने कहा कि प्रस्तावित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, ट्रांस हरियाणा आर्थिक गलियारा और गुरुग्राम-रेवाड़ी-अटेली-नारनौल नए उभरते हुए भारत के राजमार्ग हैं, जिससे हरियाणा के हर कोने का विकास होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर से राज्य में राजमार्ग परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने का अनुरोध किया। नितिन गडकरी ने उनका एक्सप्रेसवे परियोजनाओं विशेष रूपसे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से सटे इलाकों में एमएसएमई, स्मार्ट सिटीज और स्मार्ट विलेजेस सहित औद्योगिक क्लस्टर्स के विकास तथा खादी एवं ग्राम उद्योगों के विकास के लिए मिलकर प्रयास करने का भी आह्वान किया। उन्होंने इस संबंध में उन्हें हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। नितिन गडकरी ने अगले 5 साल में एमएसएमई के माध्यम से 5 करोड़ रोज़गार उपलब्ध कराने और केवीआईसी के वर्तमान 88,000 करोड़ रुपये के टर्नओवर को कई गुना तक बढ़ाने के लक्ष्य के बारे में भी बताया। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने इन परियोजनाओं के लिए नितिन गडकरी को आभार प्रकट किया और कहा कि इनसे राज्य में उद्योग और कारोबार दोनों पर सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने राज्य के विकास के लिए यहां के व्यापक सड़क नेटवर्क और परिवहन सुविधाओं को श्रेय दिया।
राज्यमंत्री वीके सिंह ने कहा कि एनएच परियोजनाओं के कार्यांवयन से हरियाणा का चहुंमुखी विकास होगा। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से रेवाड़ी में भीड़-भाड़ कम करने के लिए रेवाड़ी बाईपास परियोजना को रिंगरोड के रूपमें विकसित करने पर विचार करने का अनुरोध किया। एनएचएआई चेयरमैन एसएस संधू ने बताया कि इन परियोजनाओं के साथ एनएचएआई हरियाणा में 37,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को भी कार्यांवित करेगा। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से एनएच परियोजनाओं के तेज विकास और भूमि अधिग्रहण में तेजी लाने को कहा। हरियाणा में भू-स्वामियों को मुआवजे के रूपमें लगभग 12,000 करोड़ रुपये वितरित किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि हरियाणा में चार बड़े गलियारे विकसित किए जा रहे हैं, जिनमें दो ब्राउनफील्ड परियोजनाएं जींद-गोहाना-सोनीपत और यूपी/ हरियाणा सीमा-रोहना-झज्जर एवं ग्रीनफील्ड परियोजनाएं-304 किलोमीटर की अंबाला-कोटपुतली और 132 किलोमीटर की गुरुग्राम-रेवाड़ी-नारनौल-राजस्थान सीमा परियोजनाएं शामिल हैं।
राजमार्ग परियोजनाओं में करीब 8560 करोड़ रुपये की लागत से 8 टुकड़ों में इस्माइलपुर से नारनौल तक 6 लेन के नियंत्रित पहुंच वाले 227 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 1524 करोड़ रुपये की लागत से एनएच352 डब्ल्यू के 46 किलोमीटर लंबे 4 लेन गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी खंड, 928 करोड़ रुपये की लागत से 14.4 किलोमीटर लंबे 4 लेन रेवाड़ी बाईपास, 1057 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 11 पर 30.45 किलोमीटर लंबे 4 लेन रेवाड़ी-अटेली मंडी खंड, 1380 करोड़ रुपये की लागत से 40.8 किलोमीटर के एनएच 11, एनएच 148बी पर नारनौल बाईपास, और एनएच 11 पर नारनौल से अटेली मंडी खंड, 1207 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 352ए के 40.6 किलोमीटर के 4 लेन जींद-गोहाना मार्ग, 1502 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 352ए के 38.23 किलोमीटर के 4 लेन गोहाना-सोनीपत खंड और 1509 करोड़ रुपये की लागत से एनएच 334बी पर 40.74 किलोमीटर लंबे 4 लेन के उत्तर प्रदेश-हरियाणा सीमा से रोहतक मार्ग का शिलान्यास किया गया है।
हरियाणा के आसपास दिल्ली एनसीआर क्षेत्रों में भी कई अहम परियोजनाएं शुरू की गई हैं। इनमें लगभग एक लाख करोड़ रुपये की लागत से 1350 किलोमीटर का दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, 30000 करोड़ रुपये की लागत से 600 किलोमीटर का दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे, 8000 करोड़ रुपये की लागत से 30 किलोमीटर लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे, 1630 करोड़ रुपये की लागत से 21 किलोमीटर लंबा गुरुग्राम-सोहना मार्ग, 28 किलोमीटर लंबी अंबाला रिंगरोड और 30 किलोमीटर लंबी करनाल रिंग रोड, इसके अलावा 410 किलोमीटर लंबी एनएच परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिन्हें अगले साल आवंटित किया जाएगा। अगले 2-3 साल में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश से 1550 किलोमीटर लंबे राजमार्ग और एक्सप्रेस विकसित किए जाएंगे।

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