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एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना शुरू

मेगा सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने की अनुकरणीय प्रगति-प्रधानमंत्री

'भारत में मध्य प्रदेश बहुत जल्द ही बनेगा सौर ऊर्जा का मुख्य केंद्र'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 10 July 2020 05:48:39 PM

asia's largest solar power project started

रीवा/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से (रीवा) मध्‍य प्रदेश में अत्‍याधुनिक मेगा सौर ऊर्जा परियोजना राष्‍ट्र को समर्पित की। यह एशिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना है। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि मौजूदा दशक में रीवा परियोजना पूरे क्षेत्र को स्‍वच्‍छ और सुरक्षित ऊर्जा के बड़े केंद्र के रूपमें बदल देगी। उन्‍होंने कहा कि परियोजना से दिल्‍ली मेट्रो सहित रीवा और उसके आस-पास के समूचे क्षेत्र को बिजली की आपूर्ति की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि बहुत जल्द मध्य प्रदेश भारत में सौर ऊर्जा का मुख्य केंद्र होगा, क्योंकि नीमच, शाजापुर, छतरपुर और ओंकारेश्वर में ऐसी कई प्रमुख परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के गरीबों, मध्यम वर्ग के लोगों, आदिवासियों और किसानों को इसका सबसे ज्‍यादा मिलेगा। उन्‍होंने कहा कि सौर ऊर्जा 21वीं सदी में आकांक्षी भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने का एक प्रमुख माध्यम होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सौर ऊर्जा 'निश्चित, शुद्ध और सुरक्षित' है, सूर्य से ऊर्जा की निरंतर आपूर्ति के कारण इसका हमेशा मिलना सुनिश्चित रहता है तथा पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण यह शुद्ध होती है और यह हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए एक सुरक्षित स्रोत भी है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस तरह की सौर ऊर्जा परियोजनाएं आत्मनिर्भर भारत का सही प्रतिनिधित्‍व करती हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भरता और प्रगति का एक महत्वपूर्ण पहलू है, इसपर ध्यान केंद्रित करने की दुविधा का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं और अन्य पर्यावरण के अनुकूल उपायों पर ध्यान केंद्रित करके ऐसी दुविधाओं का समाधान किया है। उन्‍होंने कहा कि अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी विरोधाभासी नहीं हैं, बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के सभी कार्यक्रमों में पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जीवन सुगमता को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने स्वच्छ भारत, ग़रीबों के घरों में एलपीजी सिलेंडरों की आपूर्ति, सीएनजी नेटवर्क के विकास जैसे कार्यक्रमों का जिक्र किया, जिसमें जीवन को आसान बनाने तथागरीबों और मध्यम वर्ग के जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा केवल कुछ परियोजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीने का एक तरीका है। उन्‍होंने कहा कि जब नवीकरणीय ऊर्जा की बड़ी परियोजनाएं शुरू की जाती हैं तो यह सुनिश्चित किया जाता है कि स्वच्छ ऊर्जा के प्रति दृढ़ संकल्प जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई दे। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इसका लाभ देश के हर कोने समाज के हर वर्ग हर नागरिक तक पहुंचे। उन्होंने इस बारे में एलईडी बल्बों का उदाहरण पेश करते हुए बताया कि किस तरह से इनके इस्‍तेमाल ने बिजली के बिल को कम किया है, एलईडी बल्बों के इस्‍तेमाल की वजह से लगभग 4 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड को पर्यावरण में जाने से रोका जाता है। उन्होंने कहा कि इससे 6 अरब यूनिट बिजली की बचत हुई है, जिससे सरकारी खजाने के 24,000 करोड़ रुपये बचे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हमारे पर्यावरण, हमारी हवा, हमारे पानी को भी साफ बनाए रखने की दिशा में काम कर रही है और यह सोच सौर ऊर्जा, नीति और रणनीति में भी दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की अनुकरणीय प्रगति दुनिया के लिए दिलचस्‍पी की एक बड़ी वजह होगी और ऐसे प्रमुख कदमों के कारण भारत को स्वच्छ ऊर्जा का सबसे आकर्षक बाज़ार माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को सौर ऊर्जा के मामले में पूरी दुनिया को एकजुट करने के मकसद से शुरु किया गया था, इसके पीछे वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड की भावना थी। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि मध्य प्रदेश के किसान सरकार के ‘कुसुम’ कार्यक्रम का भरपूर लाभ उठाएंगे और अपनी भूमि में आय के अतिरिक्त स्रोत के रूपमें सौर ऊर्जा संयंत्रों को स्थापित करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि बहुत जल्द भारत पावर का एक प्रमुख निर्यातक होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत फोटोवोल्टिक सेल, बैटरी और स्टोरेज जैसे सौर संयंत्रों के लिए आवश्यक विभिन्न हार्डवेयर के आयात पर अपनी निर्भरता को कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और सरकार उद्योग, युवाओं, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को इस अवसर से न चूकने और सौर ऊर्जा के लिए आवश्यक सभी वस्‍तुओं के उत्पादन और बेहतरी के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। कोविड संकट का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार या समाज के लिए करुणा और सतर्कता इस कठिन चुनौती से निपटने के लिए सबसे बड़े प्रेरक तत्व हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की शुरुआत से ही सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन और ईंधन की आपूर्ति की जाए।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसी भावना के साथ सरकार ने अनलॉकिंग के चरण में भी इस साल नवंबर तक खाद्य और एलपीजी की मुफ्त आपूर्ति जारी रखने का फैसला किया, यही नहीं सरकार निजी क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों के कर्मचारी भविष्‍य निधि खाते में भी पूरा योगदान दे रही है। इसी तरह पीएम-स्वनिधि योजना के माध्यम से वे लोग लाभांवित हो रहे हैं, जिनके पास व्‍यवस्‍था तक पहुंच के सबसे कम संसाधन हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मध्य प्रदेश के लोग अपने राज्‍य को तरक्‍की के रास्‍ते पर आगे ले जाने के लिए अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं तो ऐसे में उन्हें दो गज की दूरी बनाए रखने, चेहरे पर मास्‍क पहनने और कम से कम 20 सेकेंड तक साबुन से हाथ धोने जैसे नियमों का पालन करना चाहिए।

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