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वेद-शास्त्रों में हमारे मसाले खाद्य का खजाना

शेफ राजीव गोयल एवं गौतम चौधरी ने दीं खास जानकारियां

'वैदिक फूड एंड स्पाइसेस ऑफ इंडिया' विषय पर वेबिनार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 25 June 2020 05:45:37 PM

webinar on 'vedic food and spices of india'

नई दिल्ली। भारत में स्वास्थ्य विज्ञान के प्राचीन स्वरूप के संदर्भ में उपयोगी लाभों का प्रदर्शन करने के लिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला में 'वैदिक फूड एंड स्पाइसेस ऑफ इंडिया' विषय पर वेबिनार प्रस्तुत किया। वेबिनार में भारत के वैदिक आहार और मसालों के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो दुनिया के लिए अभी तक रहस्यमय बने हुए हैं और आधुनिक दुनिया के व्यंजनों से कभी मेल नहीं खाते हैं। सत्र में कुछ खाद्य पदार्थों के संदर्भ में मिथकों को समझाने, मसाले के रहस्य और तैयार करने की तकनीक को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया, जिससे पर्यटकों को भी प्रेरित किया जा सके। देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला एक भारत, श्रेष्ठ भारत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने का एक प्रयास है।
देखो अपना देश वेबिनार श्रृंखला का 37वां सत्र इंडिया फूड टूरिज्म डॉट ऑर्ग के संस्थापक एवं अध्यक्ष और दिल्ली में इंडिया फूड टूर/ फूड टूर के सह संस्थापक शेफ राजीव गोयल और डेमिर्जिक हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक शेफ गौतम चौधरी ने प्रस्तुत किया। उन्होंने आहार और मसालों के बारे में जागरुक होने के महत्व को वर्चुअलाइज्ड और हाइलाइट किया, जोकि मनुष्य के आंतरिक अंगों के कामकाज में सुधार लाने में मदद करते हैं। शेफ राजीव गोयल ने कहा कि भारतीय संस्कृति का खजाना वैदिक आहार और मसालों के रूपमें बहुत बड़ा और विस्तृत है। इस संदर्भ में सभी वेद-शास्त्रों में है कि हमें क्या और कैसे खाना चाहिए या कैसे शरीर को तंदरूस्त बनाए रखना चाहिए। उन्होंने ऋग्‍वेद और यजुर्वेद में निहित खाद्य ज्ञान की महत्वपूर्ण मात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैदिक साहित्य का भी उल्लेख किया, जो लोगों के भोजन और पीने की आदतों पर महत्वपूर्ण प्रकाश डालता है।
शेफ राजीव गोयल ने इसके लिए उदाहरण भी दिया कि किस प्रकार समाज के विभिन्न वर्गों द्वारा विभिन्न मैक्रोन्यूट्रिएंट में समृद्ध आहार लिया जाता है। पैनल के सदस्य ने वेदों के अनुसार स्नेहक के उपयोग की विधि को समझाया। तड़का लगाने का सबसे अच्छा तरीका है कि ठंडे तवे में घी/ मक्खन डालकर उसके बाद बीज और फिर मिर्च और बाकी मसाले डालकर फिर आंच पर रखें। पैनलिस्ट ने कुकवेयर के महत्व के बारे में भी बताया। मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने के फायदे को उजागर किया, क्योंकि इन बर्तनों में तैयार भोजन अपने प्राकृतिक स्वाद को बरकरार रखता है और एक आधार प्रदान करता है, गर्मी भी समान रूपसे फैलती है और बरकरार रहती है। तांबे के बर्तनों में बहुत अच्छे औषधीय गुण होते हैं और इसमें कोई भी बैक्टीरिया जीवित नहीं रहता है। लोहे का तवा खनिजों से भरपूर होता है और इसमें पका हुआ भोजन स्वादिष्ट होता है।
वैदिक वेबिनार में प्रस्तुतकर्ताओं ने आयुर्वेद में उल्लेखित तीन प्रकार के दोषों का भी जिक्र किया, जिसमें मन व शरीर की स्थिति का वर्णन करता है वात, पित्त और कफ, यद्यपि तीनों सभी लोगों में मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद कैसे बताता है कि प्रत्येक व्यक्ति के पास एक प्रमुख शरीर तत्व है, जो जन्म से ही मजबूत होता है और आदर्श रूपसे अन्य दो के साथ एक समान संतुलन बनाए रखता है। इस सत्र में खाना पकाने वाले तवे की जानकारी भी प्रदान की गई और कैसे उनका उपयोग संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। विभिन्न धातुओं से बने तवे की खूबी पर भी बल दिया गया जैसे चांदी के बर्तन में खाना पकाने से शरीर ठंडा रहता है, आरामदायक होता है और शरीर का कायाकल्प करता है। तांबा और पीतल के बर्तन में पकाए जाने वाले भोजन से रोग प्रतिरोधक क्षमता का स्तर बढ़ाने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद मिलती है। पान के पत्ते भी दोषों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
वेबिनार में विभिन्न प्रकार के भोजन के महत्व और इसके स्वास्थ्य लाभ भी साझा किए गए जैसेकि हथेली पर पिघलने वाला कोई भी वसा कैसे शरीर के लिए अच्छा होता है। फल जूस से बेहतर होते हैं, परिष्कृत आटा तेजी से पचता है, लेकिन यह शरीर के लिए अच्छा नहीं होता है और इस आटे में पोषक तत्व शून्य होता है। वैदिक खाद्य विज्ञान के अनुसार पानी से भरपूर सब्जियां और फल खाने की सलाह मजबूती के साथ दी जाती है जैसेकि खरबूजा, तरबूज, अंगूर, मूली आदि क्योंकि ये शरीर के तापमान को संतुलित रखते हैं, पेशाब की बारंबारता में कमी लाते हैं, जिसका अर्थ है कि शरीर को तापमान कायम रखने की आवश्यकता नहीं है।
शेफ गौतम चौधरी ने मूंग की दाल खिचड़ी की रेसिपी को साझा किया और दर्शकों को देखने व सीखने के लिए इस खिचड़ी का लाइव कुकिंग प्रदर्शन भी किया। उन्होंने मूंग के महत्व को समझाया। उन्होंने मसाले जीरा, हल्दी, काली मिर्च आदि के महत्व को भी साझा किया, इसी प्रकार दैनिक रूपसे खाना पकाने में हल्दी का उपयोग करने के लाभों पर प्रकाश डाला, विशेष रूपसे पानी को साफ करने में हल्दी की क्षमता, कवकरोधी, बैक्टीरियारोधी और प्रतिरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होने पर प्रकाश डाला गया। यही कारण है कि वैश्विक आंकड़ों की तुलना में भारतीयों की प्राप्ति दर ज्यादा तीव्र है। अगला देखो अपना देश वेबिनार का आयोजन 'इंडियन मोटरिंग एक्स्पिडिशन्स' (डाइविंग हॉलिडेज) पर किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन https://bit.ly/MotoringExp लिंक पर करें।

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