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वेब के लिए राष्ट्रीय नियामक बोर्ड बनाएं-विहिप

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री को पत्र भेजकर की मांग

अनियंत्रित निरंकुश अव्यवस्था का हिस्सा बना वेब

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 29 May 2020 11:25:43 AM

milind parande

नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद ने सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव से बचाने और उसे समाज और देशहित में नियंत्रित करने के लिए एक वेब नियामक बोर्ड के गठन की मांग की है। विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने इस सम्बंध में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को एक पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि आज का युग इंटरनेट का युग है तथा विश्व की सभी अच्छी-बुरी जानकारी और हर प्रकार का मनोरंजन वेबजगत में सरलता से उपलब्ध है, जिसे कोई भी व्यक्ति कहीं भी बैठकर आसानी से उपयोग कर सकता है। यह वेबजगत जहां ज्ञान, सूचनाओं, जानकारियों, उपलब्धियों तथा समाचारों का सुगम व त्वरित उपलब्ध माध्यम है, वहीं इसमें अनेक विकृतियां भी हैं।
सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों का उल्लेख करते हुए पत्र में कहा गया है कि इसके माध्यम से संसार में अधर्मों, पापों, अपराधों, दुष्कर्मों, व्यसनों, दुराचारों के साथ आतंकवाद, साम्प्रदायिकता, विद्वेष तथा देशद्रोह तक को प्रोत्साहन मिलता है, इसपर धार्मिक सामाजिक एवं राष्ट्रीय मानबिंदुओं का उपहास उड़ाया जाता है। बच्चे, किशोर और युवा इसके आसानी से शिकार बनते देखे गए हैं, इस कारण अनेक लोग अपने धर्मपथ से विमुख होकर देश, धर्म, समाज एवं न्याय व्यवस्था ही नहीं, बल्कि स्वयं के भी जानी दुश्मन बनते देखे गए हैं।
मिलिंद परांडे ने कहा है कि असंख्य वेब साइट्स, वीडियो, वेब सीरीज, एप्लीकेशन, टिक-टॉक आदि 24X7 चलते रहते हैं, इन सभी के गुण-दोष दोनों ही हैं, किंतु इनकी समालोचना करने वाला कोई नहीं हैं, ये पूरी तरह से अनियंत्रित निरंकुश अव्यवस्था का हिस्सा हैं। जिस प्रकार फिल्मों को प्रमाणित करने के लिए फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड है तथा टीवी सीरियलों को भी उनके प्रसारण पूर्व बारीकी से जांचा-परखा जाता है। इस प्रकार की कोई व्यवस्था वेबजगत पर लागू नहीं होती। भारत से अपलोड होने वाले या भारत में दिखाए जाने वाली समस्त वेबजगत की सामग्री की जांच व प्रमाणन की उचित व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि इसके दोषों को दूरकर इसे सभी के लिए उपयोगी बनाया जा सके।

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