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अर्थव्यवस्था की सबसे खराब स्थिति खत्म हुई

वाणिज्य मंत्री की उद्योग एवं व्यापार संघों से वीडियो कॉंफ्रेंस

भारत को विश्व शक्ति बनाने के सुझावों पर विचार-विमर्श

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 28 May 2020 03:56:26 PM

commerce and industry minister piyush goyal

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग और व्यापार संघों के साथ वीडियो कॉंफ्रेंस में लॉकडाउन प्रभाव का आकलन करने और वाणिज्यिक गतिविधयों में ढील देने तथा अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए उनके सुझावों पर पर गौर करने के लिए विचार-विमर्श किया। वीडियो कॉंफ्रेंस में वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश और एचएस पुरी, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधिकारी, सीआईआई, फिक्‍की, एसोचैम, नैसकॉम, पीएचडीसीआई, सीएआईटी, एफआईएसएमई, लघु उद्योग भारती, एसआईएएम, एसीएमए, आईएमटीएमए, एसआईसीसीआई, एफएएमटी, आईसीसी और आईईईएमए ने हिस्‍सा लिया।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भविष्‍य हमारा है, जिसे हम चुन सकते हैं, बेहतर होगा कि हम तैयार रहें और अच्‍छे विचारों, दृढ़ कार्यांवयन योजनाओं और भारत को विश्व शक्ति बनाने के लिए कोविड के बाद की अवधि के लिए काम करना शुरू करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उक्ति ‘जान भी, जहान भी’ के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खराब स्थिति खत्म हो गई है, अब चीजें आगे की तरफ बढ़ रही हैं और चीजों के फिर से बहाल होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के आत्मनिर्भर अभियान के तहत किए गए प्रयासों से राष्ट्र को अर्थव्यवस्था से मुकाबला करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल खुद में दिलचस्‍पी लेने वाला संकीर्ण या विदेशी विरोधी नहीं होगा, बल्कि यह संकल्‍पना एक आत्मविश्वास, आत्मनिर्भर, दूसरों का ख्‍याल करने वाले राष्ट्र के लिए आवश्‍यक है, जो समाज के सभी हिस्सों की देखभाल करता है और देश के सभी हिस्सों को विकसित करता है।
पीयूष गोयल ने कहा कि तीन दशक में उदारीकरण के बाद देश की प्रगति हुई है, लेकिन विशेष ध्यान शहरों पर दिया गया, ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्र वंचित रह गए, जिससे वहां के लाखों लोगों को रोज़गार और अवसरों की तलाश में शहरों की ओर पलायन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आत्‍मनिर्भर भारत देश के 130 करोड़ नागरिकों के मन में एकता की भावना बैठाएगा, यह भारतीय कंपनियों का समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि यह बात ध्यान देने योग्य है कि फर्नीचर, खिलौने, स्‍पोर्ट्स शूज जैसी अनेक सामान्‍य वस्तुओं के लिए भी हम आयात कर रहे हैं, यह इस तथ्य के बावजूद है कि देश में तकनीकी कौशल के साथ-साथ कुशल जनशक्ति भी है, इन चीजों को बदलने की जरूरत है। उन्होंने उद्योग जगत का आह्वान किया कि वह इस संबंध में निरंतर दृष्टिकोण से प्रयास करे, क्यों कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई अकेले सरकार नहीं लड़ सकती, यह देश की लड़ाई है और हितधारकों को एक महत्वपूर्ण एवं सकारात्मक भूमिका निभानी है। वाणिज्य मंत्री ने संघों को आश्वासन दिया कि उनके सुझावों और तर्कसंगत वास्तविक मांगों पर उचित समय पर कार्रवाई की जाएगी।

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