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वायुसेना को सौंपा गया तेजस लड़ाका विमान

वायुसेना स्टेशन सुलूर में एयर चीफ ने सौंपी चाबियां

तेजस स्वदेशी लड़ाकू कार्यक्रम में मील का पत्थर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 28 May 2020 03:29:06 PM

air chief marshal handing ceremonial keys

सुलूर (तमिलनाडू)। भारतीय वायुसेना ने तमिलनाडू के वायुसेना स्टेशन सुलूर में समारोहपूर्वक तेजस एमके-1 एफओसी विमान को फ्लाइंग बुलेट के नाम से पुनर्जीवित किए गए नंबर 18 स्‍क्‍वैड्रन में शामिल कर लिया है। इस तरह के विमान को शामिल करने वाला भारतीय वायुसेना का यह पहला स्क्वैड्रन है। यह देश के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने में मील का पत्थर है। तेजस एमके-1 एफओसी एक एकल इंजन, हल्के वजन, बेहद चुस्त, सभी मौसम में अपनी भूमिका निभाने वाला लड़ाकू विमान है। हवा से हवा में ईंधन भरने में इसकी सक्षमता इसे वाकई बहुमुखी बनाती है।
तेजस लड़ाकू के समारोह में विमान का संचालन वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने किया। समारोह में दक्षिणी वायुकमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन-चीफ एयर मार्शल अमित तिवारी और 18 स्‍क्‍वैड्रन के कमोडोर कमांडेंट एयर मार्शल टीडी जोसेफ, एचएएल के सीएमडी आर माधवन, डॉ गिरीश एस देवधर पीजीडी (सीए) एवं एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के निदेशक भी मौजूद थे। वायुसेना स्टेशन सुलूर में कर्मियों को संबोधित करते हुए वायुसेना प्रमुख ने उन्हें बधाई दी और दक्षिणी वायुकमान और वायुसेना स्टेशन सुलूर के नए हवाई प्लेटफॉर्म को शामिल करने की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए एलसीए के उत्पादन में शामिल चेयरमैन, एचएएल, एडीए, डीआरडीओ प्रयोगशाला, डीपीएसयू, एमएसएमई और सभी एजेंसियों की सराहना की।
एचएएल के सीएमडी आर माधवन ने वायुसेना प्रमुख को तेजस एफओसी संस्करण के विमान दस्तावेज सौंपे, जिसके बाद वायुसेना प्रमुख ने यूनिट के लिए औपचारिक चाबियों के साथ इन विमानों को 18 स्‍क्‍वैड्रन के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन मनीष तोलानी को सुपुर्द किया। समारोह की शुरुआत विमान-परेड के साथ हुई, जिसमें एमआई 17 वी 5 का निर्माण और एएलएच, एएन-32 परिवहन विमान और तेजस एमके-1 लड़ाकू विमान भी शामिल हुए। नंबर 18 स्‍क्‍वैड्रन का गठन 15 अप्रैल 1965 को अंबाला में फोलैंड जीनेट एयरक्राफ्ट के साथ किया गया था। भारतीय वायुसेना के एकमात्र परमवीर चक्र विजेता फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह सेखों 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान इस स्‍क्‍वैड्रन का हिस्सा थे।
स्‍क्‍वैड्रन को एचएएल निर्मित दो एयरक्राफ्ट तेजस और अजीत का संचालन करने का भी अनूठा गौरव प्राप्त है, जिसका उसने एक ही स्टेशन से संचालन किया था। इन वर्षों में इसने देशभर के विभिन्न एयरबेसों से मिग-27 एमएल विमानों का संचालन किया है। स्‍क्‍वैड्रन को अप्रैल 2016 में नंबर प्लेटेड किया गया था। यह स्‍क्‍वैड्रन दक्षिणी वायुकमान के परिचालन नियंत्रण में आता है, जोकि इस स्‍क्‍वैड्रन को भारतीय वायुसेना के परिचालन की अवधारणा में एकीकृत करने के लिए उत्तरदायी है। अधिष्ठापन समारोह से पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने 45 स्क्वाड्रन के साथ तेजस एमके-1 लड़ाकू विमान में उड़ान भी भरी।

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