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गंगा का निर्मल प्रवाह प्रदूषण ने खोया-गृहमंत्री

फ्लैग इन गंगा आमंत्रण अभियान समारोह में बोले अमित शाह

'आज गंगा दुनिया की शीर्ष दस स्वच्छतम नदियों में शामिल है'

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Saturday 14 March 2020 08:21:28 AM

amit shah presiding over the flag-in ceremony of the ganga aamantran abhiyan

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राष्‍ट्रीय स्‍वच्‍छ गंगा मिशन के फ्लैग इन गंगा आमंत्रण अभियान समारोह में कहा है कि गंगा हजारों साल पुरानी भारतीय सभ्यता का केंद्र बिंदु है, देश के प्रत्येक परिवार में पूजनीय है, यह भारत के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक इतिहास का एक अटूट हिस्सा है, इसलिए हमें गंगा को केवल एक नदी के रूपमें नहीं देखना चाहिए, यह भी कि यह दुनियाभर की सबसे पुरानी नदियों में से एक है। उन्होंने कहा कि गंगा को यदि नदी की दृष्टि से और इसके किनारे बसे लोगों की आबादी की दृष्टि से देखा जाए तो इसका महत्‍व कम समझ में आएगा। उन्होंने कहा कि गंगा हजारों साल से न केवल भारत बल्कि दुनिया को बहुत कुछ देने वाली संस्कृति की परिचायक है, यही कारण है कि गंगा के प्रति बहुत अधिक श्रद्धा है और घर-घर में गंगाजल मिलता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता का विश्वव्यापी मानवता के लिए सबसे अधिक योगदान है, चाहे विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, भाषा, धार्मिक अनुसंधान और आध्यात्मिकता हो।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि उन्‍हें तकलीफ होती है कि हमने गंगा को अपनी माँ के रूपमें तो माना, लेकिन अतीत में अपनी माँ की वैसी परवाह नहीं की जैसी करनी चाहिए थी। उन्होंने गंगा तटों पर मानव बस्तियों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों के बढ़ते दबाव और विभिन्न रूपोंमें गंगा नदी के पानी के प्रदूषण का हवाला देते हुए कहा कि इस कारण पूजनीय नदी होने के बावजूद लोग इसमें डुबकी लगाने से पहले दस बार सोचते हैं। गृहमंत्री ने कहा कि गंगा ने अत्यधिक पानी के उपयोग और प्रदूषण के कारण अपना निर्मल, अविरल प्रवाह खो दिया। अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने एक केंद्रित दृष्टिकोण अपनाते हुए गंगा संरक्षण की दिशा में निर्णायक रूपसे कार्य करने के बारे में सोचा और आज नमामि गंगे को जनांदोलन बना दिया गया है। गृहमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना केवल बुनियादी ढांचे के निर्माण, जल प्रदूषण को रोकने, लोगों को स्वच्छ जल आपूर्ति प्रदान करने के लिए कुशल जल प्रबंधन या नदी को एक जलमार्ग के रूपमें उपयोग करने जैसी गतिविधियों तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के इस अभियान में कई सारे संत महात्मा और जानी-मानी हस्तियां जुड़ीं हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ऐसी गतिविधियों से नमामि गंगे परियोजना का मुख्य उद्देश्य भविष्य की पीढ़ियों के लिए 'निर्मल और अविरल' गंगा नदी के संरक्षण की संस्कृति तैयार करना है, ताकि कोई भी इसे फिर से प्रदूषित नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि यह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही संकल्‍पना है, जो इस तरह के साहसिक फैसले ले सकते हैं और जमीनी स्‍तर पर इस संकल्‍पना को लागू कर सकते हैं। अमित शाह ने कहा कि 1985 से 2014 तक गंगा की सफाई के लिए करीब 4000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, 2014 के बाद 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं, सरकार संबंधित राज्य सरकारों के साथ गंगा के कायाकल्प और स्वच्छ अभियान के लिए नमामि गंगे के तहत गंगा बेसिन में 300 से अधिक परियोजनाओं को लागू कर रही है, जिनमें से 116 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। गृहमंत्री ने कहा कि आम बजट 2020-21 में जल शक्ति मंत्रालय के लिए 30,700 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अमित शाह ने 5 वर्ष की छोटी अवधि में गंगा के कायाकल्प में जल शक्ति मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। नदियों के जल को प्रदूषण से मुक्ति के दुनियाभर में हो रहे प्रयासों की इन प्रयासों से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि इतने कम समय में बड़ी उपलब्धि हासिल की गई है।
गृहमंत्री अमित शाह ने जल प्रबंधन और नदी में जल के प्रवाह स्तर को बनाए रखने के लिए मंत्रालय की कुशल योजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 97 शहरों और गंगा के किनारे बसे 4400 से अधिक गांवों में सीवर नेटवर्क का निर्माण किया जा रहा है और स्नान घाटों को पुनर्निर्मित किया जा रहा है, भविष्य में इसी तरह की परियोजनाएं नदी की प्रमुख सहायक नदियों पर लागू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि नदी पर एक महीने तक चलने वाला अनुसंधान और जागरुकता अभियान इसे फिरसे जीवंत करने में एक बड़ी भूमिका निभाएगा। अमित शाह ने नमामि गंगे परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नदी के किनारे रहने वाले लोगों, विशेषकर बच्चों में एक व्यावहारिक परिवर्तन लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि गंगा आमंत्रण अभियान ने बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ा और जागरुक किया है। जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस अवसर पर 5 वर्ष के रिकॉर्ड समय में मिशन नमामि गंगे के तहत गंगा के कायाकल्प के लिए भारत सरकार के प्रयासों की जानकारी दी। गंगा के जल में सुधार का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि आज गंगा दुनिया की शीर्ष 10 स्वच्छ नदियों में शामिल है और नदी में ऑक्सीजन और डॉल्फिन की आबादी का स्तर लगातार बढ़ा है। जल शक्ति, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्‍यमंत्री रतन लाल कटारिया और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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