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उपराष्ट्रपति ने टाटा की व्यावसायिक नैतिकता सराही

जमशेदपुर सिटी के शताब्दी समारोह में काफी टेबल बुक का लोकार्पण

'भारत के औद्योगिकीकरण में जमशेदजी की उल्लेखनीय भूमिका'

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Monday 17 February 2020 04:50:52 PM

venkaiah naidu releasing the coffee table book on jamshedpur city

जमशेदपुर। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज उद्योग संघों से अपेक्षा करते हुए कहा है कि वे आर्थिक और व्यावसायिक नैतिकता का उल्लंघन एवं आर्थिक अपराध करने वाले व्यावसायियों को अलग-थलग करें। उन्होंने टाटा समूह की व्यावसायिक नैतिकता तथा सामुदायिक निष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि निजी क्षेत्र को व्यावसायिक नैतिक आदर्श के ऊंचे मानदंड स्थापित करने चाहिएं। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि कुछ व्यवसायियों ने आर्थिक सुधारों और सरल प्रक्रियाओं का गलत लाभ उठाया, जिससे सुधार प्रक्रिया के प्रति संशय उत्पन्न हुआ है। उन्होंने आर्थिक सुधारों को राष्ट्र में संपदा और समृद्धि के निर्माण के लिए अपरिहार्य बताया। उन्होंने निजी क्षेत्र का आह्वान किया कि बदलती हुई टेक्नोलॉजी और बढ़ते ऑटोमेशन के दौर में वे अपने कार्मिकों को भविष्य की नई तकनीकों में प्रशिक्षित करें। उन्होंने कहा कि भविष्य के कर्मियों को एक नए कार्य परिवेश में काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाना जरूरी है, जिससे वे विविध काम करने में सक्षम हो पाएं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि आर्थिक विकास के लिए कर्मियों का कौशल प्रशिक्षण एवं दक्षता जरूरी है और सतत कार्मिक प्रशिक्षण हर संस्थान का दायित्व होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने बातें आज जमशेदपुर सिटी के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए कहीं। वर्ष 1919 में लॉर्ग चेम्सफोर्ड ने साकची गांव का नाम बदलकर देश के उद्योगपति जमशेदजी नौशरवांजी टाटा के नाम पर जमशेदपुर रखा था। उपराष्ट्रपति ने भारतीय औद्योगिकीकरण के इतिहास में जमशेदजी नौशेरवांजी टाटा की उल्लेखनीय भूमिका का जिक्र किया। इस अवसर पर उन्होंने एक विशेष डाक टिकट और काफी टेबल बुक का लोकार्पण किया। देश के स्वाधीनता आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में जमशेदपुर की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि तीसरे दशक में वैश्विक मंदी के दौरान यहां के मजदूर संघ का नेतृत्व नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने किया था, वर्ष 1925 में महात्मा गांधी स्वयं इस इस्पात नगरी में आए तथा कंपनी की प्रगति की कामना करते हुए मजदूर मालिकों के बीच आदर्श मैत्रीपूर्ण संबंधों का आग्रह किया था। उपराष्ट्रपति ने कहा कि मजदूरों और मालिकों के मध्य सामंजस्यपूर्ण संबंध होने चाहिएं।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि महज सरकारी खर्च से अभीष्ट विकास दर प्राप्त नहीं की जा सकती, निजी निवेश, मांग और निर्यात भारत के आर्थिक विकास के तीन इंजन हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष बजट प्रावधानों से व्यवसाय करना और भी सहज और सरल होगा। उन्होंने कहा कि उद्योग विकास को गति देता है, अतः उसे दुविधा त्यागकर आगे बढ़कर निवेश करना चाहिए तथा अर्थव्यवस्‍था को गति प्रदान करनी चाहिए। कृषि क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भूमिका पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था का एक बड़ा भाग कृषि, कृषक और संबंधित व्यवसायों से जुड़ा है, आज ज़रूरी है कि हम कृषि को एक लाभप्रद और स्थाई व्यवसाय बनाने के लिए समन्वित प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सरकार तो अपना दायित्व निभा ही रही है, समय आ गया है कि निजी क्षेत्र भी इस दिशा में अपनी भूमिका का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि कोल्ड स्टोरेज उपलब्ध कराना, गांव से निकटतम बाज़ार तक केलिए यातायात उपलब्ध कराना, ये सब सुविधाएं सीएसआर के तहत प्रदान की जा सकती है। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण का सर्वाधिक प्रभाव ग़रीब और दुर्बल वर्गों पर होता है। उन्होंने कहा निजी क्षेत्र को ऊर्जा और संसाधनों का संरक्षण करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर बने इंटरनेशनल सोलर एलियंस की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि निजी क्षेत्र को अक्षय ऊर्जा के नवीन स्रोतों में निवेश करना चाहिए, हमारे शहरों को पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकूल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने शहरों के रखरखाव में सिर्फ प्रशासन ही नहीं, बल्कि आम नागरिक भी बराबर के भागीदार हैं। इससे पूर्व उपराष्ट्रपति ने टाटा सेंटर फॉर एक्सीलेंस परिसर में वृक्षारोपण किया तथा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों के साथ जमशेदपुरनगर की स्थापना और विकास पर संग्रहालय भी देखा। ज्ञातव्य है कि नेताजी सुभाषचंद्र बोस टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष थे। उपराष्ट्रपति ने जमशेदपुर में 1919 में निर्मित सौ वर्ष पुराने आंध्र भक्त श्रीराम मंदिरम् के दर्शन किए। इस अवसर पर झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, टाटा स्टील के उच्च अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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