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'के9 वज्र-टी गन मेक इन इंडिया का सर्वश्रेष्‍ठ उदाहरण'

रक्षामंत्री रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी का आह्वान

भारत का वर्ष 2025 तक 26 बिलियन का रक्षा उद्योग का है लक्ष्‍य

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 17 January 2020 03:55:49 PM

rajnath singh flagging off 51st k9 vajra-t gun

हजीरा (गुजरात)। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात में हजीरा स्थित लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) के बख्‍तरबंद प्रणाली परिसर से 51वीं के9 वज्र-टी गन को रवाना किया और के9 वज्र-टी गन को रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया का सर्वश्रेष्‍ठ उदाहरण बताया। रक्षामंत्री ने इस अवसर पर रक्षा निर्माण में निजी क्षेत्र की सक्रिय भागीदारी का भी आह्वान किया। उन्‍होंने भारत को हथियार निर्माण का केंद्र और वास्‍तविक रक्षा निर्यातक बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। हालांकि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा उत्‍पादन में निजी उद्योग की बढ़ती भागीदारी को स्‍वीकार किया है। उन्‍होंने कहा कि भारत को एक वैश्विक रक्षा निर्यात केंद्र बनाने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार नए विचारों का स्‍वागत करती है और रक्षा क्षेत्र में ऊर्जा, उद्यमिता की भावना तथा निजी उद्योग के उद्यम का इस्‍तेमाल करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्‍होंने आश्‍वासन दिया कि सरकार किसी भी प्रकार की अड़चनों को समाप्‍त करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी और स्वदेशीकरण एवं आत्‍मनिर्भरता के लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए मिलकर कार्य करेगी। रक्षामंत्री ने मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत सरकार के विभिन्‍न व्‍यापक सुधारों की जानकारी दी, ताकि 2025 तक 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रक्षा उद्योग के लक्ष्‍य को हासिल किया जा सके और 2 से 3 मिलियन लोगों को रोज़गार प्रदान किया जा सके। उन्‍होंने कहा कि हम एक ऐसा इको-सिस्‍टम बनाना चाहते हैं, जो सार्वजनिक और निजी क्षेत्र दोनों को मिलकर कार्य करने का मंच प्रदान करे और उनकी ताकत तथा अनुभव के जरिए राष्‍ट्रनिर्माण में योगदान लिया जा सके।
रक्षामंत्री ने कुछ सुधारों का जिक्र किया, जिनमें उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों की स्‍थापना, औद्योगिक लाइसेंस प्रक्रिया का सरलीकरण, विदेशी प्रत्‍यक्ष निवेश की सीमा में बढ़ोतरी, रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम, रक्षा समायोजन नीति को सरल बनाना, रक्षा निवेश प्रकोष्‍ठ की स्‍थापना, निजी क्षेत्र को सरकार के स्‍वामित्‍व वाली जांच और परीक्षण सुविधा प्रदान करना तथा स्‍टार्टअप के लिए योजना और नवोन्‍मेष को बढ़ावा देने के लिए लघु एवं मध्‍यम उद्यम शामिल हैं। उन्‍होंने कहा कि रक्षा उत्‍पादन नीति में रणनीतिक साझेदारी मॉडल शुरु किया गया है, जिसके अंतर्गत निजी क्षेत्र लड़ाकू विमानों, हेलिकॉप्‍टरों, पनडुब्बियों और बख्‍तरबंद वाहनों का निर्माण कर सकेंगे और विश्‍व में असाधारण शक्ति के रूपमें उभरेंगे। राजनाथ सिंह ने एसपी मॉडल के अंतर्गत एलएंडटी की भागीदारी के लिए सराहना की।
बख्‍तरबंद प्रणाली परिसर के भ्रमण पर रक्षामंत्री ने कहा कि यहां ये रक्षा संयंत्र नए भारत की नई सोच का मजबूत उदाहरण हैं। उन्‍होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण और स्‍वदेशीकरण के लक्ष्‍य की कल्‍पना मेक इन इंडिया के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है, जो अब साकार भी होने लगी है। उन्‍होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि के9 वज्रका 75 प्रतिशत से अधिक का निर्माण भारत में हुआ है और इस परिसर के जरिए 5000 से अधिक लोगों को प्रत्‍यक्ष और 12500 से अधिक लोगों को अप्रत्‍यक्ष रोज़गार मिला है, यह गर्व का विषय है। रक्षामंत्री ने निर्धारित समय से पहले के9 वज्र के प्राप्‍त 100 आदेशों में से 51 सौंप देने के लिए एलएंडटी को बधाई दी। एलएंडटी डिफेंस के9 वज्र-टी ट्रैक्ड, सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गंस प्रोग्राम को अमल में ला रहा है। इसका ठेका वैश्विक प्रतिस्‍पर्धा निविदा के जरिए रक्षा मंत्रालय द्वारा कंपनी को दिया गया है। कार्यक्रम में एलएंडटी ग्रुप के अध्‍यक्ष एएम नाइक और एलएंडटी तथा रक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद थे।

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