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न्यू इंडिया को जल संकट से मुक्त करेंगे-मोदी

प्रधानमंत्री ने दिल्ली में अटल जल योजना का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री की दुनिया को मेरी क्रिसमस की भी शुभकामनाएं!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 25 December 2019 05:02:02 PM

narendra modi launching the atal bhujal yojana

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री रहे और भाजपा के युग पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आज नई दिल्ली में उन्हें नमन किया और उनके नाम पर अटल जल योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर देशभर के अनेक कॉमन सर्विस सेंटरों से आए हज़ारों लोग, विशेषकर गांवों के पंच-सरपंच, मंत्रिमंडल के सहयोगी राजनाथ सिंह, गजेंद्र शेखावत, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वनमंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, सांसद रामस्वरूप शर्मा, अटलजी के हिमाचल प्रदेश के प्रिय गांव से भी कुछ लोग मौजूद थे। इस मौके पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण परियोजना को अटल बिहारी वाजपेयी को समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को लद्दाख और जम्मू कश्मीर से जोड़ने वाली मनाली को लेह से जोड़ने वाली रोहतांग टनल अब अटल टनल के नाम से जानी जाएगी। प्रधानमंत्री ने देश-दुनिया को मेरी क्रिसमस की भी शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर अटल भूजल योजना आरम्भ की और उनके नाम पर रोहतांग दर्रे के नीचे रणनीतिक सुरंग का नाम रखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह रणनीतिक सुरंग इस क्षेत्र का भाग्य बदल देगी, यह क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने में सहायता करेगी। अटल जल योजना पर प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि जल का विषय वाजपेयीजी के लिए बहुत महत्वपूर्ण और उनके हृदय के बहुत निकट था, हमारी सरकार उनके विजन को कार्यांवित करने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जल योजना या जल जीवन मिशन से संबंधित दिशा-निर्देश 2024 तक देश के प्रत्येक घर में पानी पहुंचाने के संकल्प की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि यह जल संकट एक परिवार, एक नागरिक और एक देश के रूपमें हमारे लिए बहुत चिंताजनक है और यह विकास को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि नवीन भारत को हमें जल संकट की प्रत्येक स्थिति से निपटने में तैयार करना है, इसके लिए हम एकजुट होकर पांच स्तरों पर कार्य कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि जल शक्ति मंत्रालय ने जल को वर्गीकृत दृष्टिकोण से मुक्त किया है और एक व्यापक तथा समग्र दृष्टिकोण पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि हमने देखा है कि जल शक्ति मंत्रालय से समाज की तरफ से जल संरक्षण के लिए कितने व्यापक प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ जल जीवन मिशन प्रत्येक घर में पाइप जलापूर्ति पहुंचाने की दिशा में कार्य करेगा और दूसरी ओर अटल जल योजना उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देगा, जहां भूजल बहुत कम है। जल प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन करने में ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जल योजना में एक प्रावधान किया गया है, जिसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को अधिक आवंटन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 70 वर्ष में 18 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3 करोड़ के पास पाइप जलापूर्ति की सुविधा पहुंच पाई है, अब हमारी सरकार ने पाइपों के जरिए अगले 5 वर्ष में 15 करोड़ घरों में पीने के स्वच्छ पानी की सुविधा पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि जल संबंधित योजनाएं प्रत्येक ग्राम स्तर पर स्थिति के अनुसार बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के लिए दिशा-निर्देश तैयार करते समय इस पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारें दोनों ही अगले 5 वर्ष में जल संबंधित योजनाओं पर 3.5 लाख करोड़ रुपये व्यय करेंगी। उन्होंने प्रत्येक गांवों के लोगों से एक जल कार्य योजना बनाने और एक जल निधि सृजित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि किसानों को एक जल बजट बनाना चाहिए, जहां भूजल बहुत कम है। अटल जल की रूपरेखा सहभागी भूजल प्रबंधन के लिए संस्थागत संरचना को सुदृढ़ करने तथा सात राज्यों अर्थात गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में टिकाऊ भूजल संसाधन प्रबंधन के लिए समुदाय स्तर पर व्यवहारगत बदलाव लाने के मुख्य उद्देश्य के साथ बनाई गई है।
अटल भूजल योजना के कार्यांवयन से इन राज्यों के 78 जिलों में लगभग 8350 ग्राम पंचायतों को लाभ पहुंचने की उम्मीद है। अटल जल मांग पक्ष प्रबंधन पर मुख्य जोर के साथ पंचायत केंद्रित भूजल प्रबंधन और व्यवहारगत बदलाव को बढ़ावा देगी। पांच वर्ष (2020-21 से 2024-25) की अवधि में क्रियांवित किए जाने वाले 6,000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में से 50 प्रतिशत विश्व बैंक ऋण के रूप में होगा और उनका पुनर्भुगतान केंद्र सरकार करेगी, शेष 50 प्रतिशत का भुगतान नियमित बजटीय समर्थन से केंद्रीय सहायता से किया जाएगा। विश्व बैंक ऋण का समस्त घटक और केंद्रीय सहायता राज्यों को अनुदान के रूपमें दी जाएगी।
रोहतांग दर्रे के नीचे एक रणनीतिक सुरंग बनाने का ऐतिहासिक निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लिया था। करीब 8.8 किलोमीटर लंबी यह सुरंग समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर विश्व की सबसे लंबी सुरंग है। यह मनाली और लेह के बीच की दूरी में 46 किलोमीटर की कमी करेगी और परिवहन लागतों में करोड़ों रुपये की बचत करेगी। यह 10.5 मीटर चौड़ी सिंगल ट्यूब बाइ-लेन सुरंग है, जिसमें एक अग्निरोधी आपातकालीन सुरंग मुख्य सुरंग में ही निर्मित है। दोनों सिराओं पर सफलता 15 अक्टूबर 2017 को ही अर्जित कर ली गई थी। यह सुरंग पूरी होने वाली है और हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों को सदैव कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की दिशा में एक कदम है, जो अन्यथा शीत ऋतु के दौरान लगभग 6 महीने तक लगातार शेष देश से कटे रहते थे।

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