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जीएसटी दिल्‍ली कमिश्नरी ने धोखेबाज़ दबोचे

जीएसटी के फर्जी चालान जारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

फर्जी कंपनियों से सरकार को करोड़ों रुपये का हुआ नुकसान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 16 November 2019 04:34:11 PM

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नई दिल्ली। सेंट्रल जीएसटी दिल्‍ली नॉर्थ की कमिश्नरी ने वस्‍तुओं और सेवाओं की वास्‍तविक आपूर्ति के बिना फर्जी चालान जारी करने के एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में नवीन मुटरेजा और केशवराम को गिरफ्तार किया गया है, जिन्हें पटियाला हाऊस कोर्ट के मुख्‍य मेट्रोपोलिटन मजिस्‍ट्रेट ने 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया है। जीएसटी दिल्‍ली नॉर्थ के कमिश्नर ने बताया कि ये लोग 42 फर्जी कंपनियां चला रहे थे, जोकि धोखाधड़ी से इनपुट टैक्‍स क्रेडिट यानी आईटीसी को आगे बढ़ाने का काम करती थीं, जिसके कारण सरकारी खजाने को धोखे से लूटा जा रहा था। प्रथम दृष्‍ट्या धोखाधड़ी से करीब 22 करोड़ रुपये के चालान काटे गए हैं, जिनमें 150 करोड़ रुपये की धनराशि शामिल थी।
गिरफ्तार किए गए ये दोनों आरोपी अन्‍य बातों के अलावा दिल्‍ली एनसीआर,हरियाणा, राजस्‍थान और उत्तर प्रदेश की फर्जी कंपनियों के जीएसटी पंजीकरण प्राप्‍त कर लेते थे और इसके लिए असंदिग्‍ध व्‍यक्तियों के दस्‍तावेजों का इस्‍तेमाल करके करोल बाग दिल्‍ली में एक परिसर से इन कंपनियों के वस्‍तु रहित चालान और ई-वे बिल तैयार करते थे। प्रारंभिक जांच के बाद पता चला कि अनियमित कंपनियों की आतंरिक और बाहरी आपूर्तियों के बीच कोई संबंध नहीं था। इन कंपनियों ने अनेक खरीदारों को धोखे से आईटीसी दे दिया था, जिन्‍होंने बाहरी आपूर्ति के लिए अपनी जीएसटी देनदारी पूरा करने के लिए इसका लाभ उठाया।
जीएसटी दिल्‍ली नॉर्थ के कमिश्नर ने बताया कि दोनों आरोपियों ने सीजीएसटी कानून 2017 की धारा 132(1) (बी) और (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत अपरा‍ध किया, जो धारा 132(5) के अंतर्गत संज्ञेय और गैर-जमानती है तथा इस कानून की धारा 132 (1) (आई) के तहत दंडनीय है। नवीन मुटरेजा और केशवराम को 14 नवम्‍बर 2019 को गिरफ्तार किया गया और 15 नवम्‍बर 2019 को मुख्‍य मेट्रोपोलिटन मजिस्‍ट्रेट ने उन्‍हें 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस गिरोह के प्रमुख लाभांवितों की पहचान करने और जीएसटी की वसूली के लिए जांच चल रही है।

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