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प्रधानमंत्री ब्रिक्‍स सम्‍मेलन में ब्राजील रवाना

विषयवस्‍तु 'एक नवोन्‍मेषी भविष्‍य के लिए आर्थिक विकास'

ब्रिक्‍स देशों की व्‍यापार व निवेश एजेंसियों के बीच एमओयू

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 12 November 2019 05:26:26 PM

prime minister leaves for brazil at the brics conference

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13-14 नवंबर को ब्राजील के ब्रासिलिया में हो रहे 11वें ब्रिक्‍स सम्‍मेलन के लिए रवाना हो गए हैं। इस वर्ष ब्रिक्‍स सम्‍मेलन की विषयवस्‍तु ‘एक नवोन्‍मेषी भविष्‍य के लिए आर्थिक विकास’ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्‍स सम्‍मेलन में छठी बार भाग ले रहे हैं, ब्रिक्‍स सम्‍मेलन में उन्‍होंने पहलीबार 2014 में ब्राजील में फोर्टालेजा में भाग लिया था। विशेष रूपसे ब्रिक्‍स बिजनेस फोरम में भाग लेने के लिए उनके साथ भारत से व्‍यवसाय शिष्‍टमंडल भी वहां पहुंचेगा, जहां सभी पांच देशों के व्‍यावसायिक समुदाय का प्रतिनिधित्‍व होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्रिक्‍स व्‍यवसाय फोरम के समापन समारोह और 11वें ब्रिक्‍स सम्‍मेलन के समापन और पूर्ण सत्रों के अतिरिक्‍त रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन और चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिन से अलग से द्विपक्षीय बैठक का भी कार्यक्रम है। समापन सत्र में चर्चाओं के समसामयिक विश्‍व में राष्‍ट्रीय संप्रभुता के प्रयोग के लिए चुनौतियों और अवसरों पर केंद्रित होने की उम्‍मीद है। इसके बाद ब्रिक्‍स के पूर्ण सत्र का आयोजन होगा, जिसमें नेता ब्रिक्‍स समाजों के आर्थिक विकास के लिए अंत: ब्रिक्‍स सहयोग पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री ब्रिक्‍स व्‍यवसाय परिषद में ब्रिक्‍स नेताओं की बैठक में भाग लेंगे, जहां ब्राजील के ब्रिक्‍स व्‍यवसाय परिषद के अध्‍यक्ष एवं न्‍यू डेवलपमेंट बैंक के प्रेसिडेंट रिपोर्ट प्रस्‍तुत करेंगे। व्‍यापार एवं निवेश एजेंसियों के बीच एक ब्रिक्‍स एमओयू पर हस्‍ताक्षर किए जाएंगे।
ब्रिक्‍स सम्‍मेलन की समाप्ति पर सभी सदस्य देशों के नेता एक संयुक्‍त घोषणापत्र भी जारी करेंगे। ब्रिक्‍स पांच बड़ी उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं को एक साथ जोड़ता है, जो विश्‍व की आबादी का 42 प्रतिशत है। वैश्विक जीडीपी का यहां 23 प्रतिशत हिस्‍सा है और वैश्विक व्‍यापार का लगभग 17 प्रतिशत हिस्‍सा है। ब्रिक्‍स सहयोग के दो स्‍तंभ हैं, जिनमें नेताओं और मंत्रियों की मुलाकात के जरिए आपसी हितों के मुद्दों पर परामर्श एवं व्‍यापार, वित्त, स्‍वास्‍थ्‍य, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कृषि, संचार, आईटी सहि‍त कई क्षेत्रों में वरिष्‍ठ अधिकारियों की मुलाकात के माध्‍यम से सहयोग शामिल हैं।

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