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औद्योगिक क्षेत्र में निवेश प्रतिस्‍पर्धा-मोदी

धर्मशाला में हुआ हिमाचल : वैश्विक निवेशक सम्‍मेलन

'भारत में कारोबारी तरीकों में हुआ क्रांतिकारी परिवर्तन'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 8 November 2019 02:19:54 PM

narendra modi releasing the coffee table book, at the global investors' meet 2019

धर्मशाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला शहर में राइजिंग हिमाचल : वैश्विक निवेशक सम्‍मेलन 2019 का उद्घाटन किया। उन्‍होंने इस आयोजन के लिए राज्‍य के मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर को बधाई दी और कहा कि उन्‍हें सम्‍मेलन में ऐसे लोगों का स्‍वागत करते हुए प्रसन्‍नता हो रही है, जो सम्पन्‍नता का माध्‍यम हैं। उन्‍होंने कहा कि अक्‍सर ऐसा होता था कि जब राज्‍य सरकारें निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपनी तरफ से कई तरह की रियायतों की घोषणा करती थीं और निवेशक इस बात की प्रतीक्षा करते थे कि कौन सा राज्‍य ज्‍यादा रियायतें और छूट दे रहा है। उन्‍होंने कहा कि लेकिन पिछले कुछ साल में राज्‍यों को यह एहसास हुआ है कि उद्योग लगाने वालों को छूट और रियायतें देने की यह होड़ किसी के लिए फायदेमंद नहीं है, इससे न तो राज्‍य का भला होता है और न ही उद्योगों का भला होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि निवेशकों के लिए राज्‍य में ऐसा अनुकूल माहौल होना जरुरी है जो इंस्‍पेक्‍टर राज से मुक्‍त हो और जहां हर कदम पर परमिट लेने की जरुरत नहीं पड़े। उन्‍होंने कहा कि निवेशकों को ऐसा माहौल उपलब्‍ध कराने के लिए राज्‍यों के बीच प्रतिस्‍पर्धा चल रही है। उन्‍होंने कहा कि पिछले कुछ वर्ष में इस दिशा में कई सुधार किए गए हैं जिनमें कारोबार को सुगम बनाने और गैर जरूरी नियमों को समाप्‍त करने जैसे कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्‍यों में निवेश को लेकर स्‍वस्‍थ्‍य प्रतिस्‍पर्धा है,‌ जिससे वैश्विक स्‍तरपर देश के उद्योग और अधिक प्रतिस्‍पर्धी बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका लाभ राज्‍यों, स्‍थानीय लोगों और पूरे देश को होगा तथा भारत तेजगति से प्रगति करेगा। उन्‍होंने कहा कि उद्योग भी एक साफसुथरी तथा पारदर्शी व्‍यवस्‍था चाहते हैं, गैर जरूरी नियम और सरकारी हस्‍तक्षेप उद्योगों के विकास में रुकावट बनने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि इनमें बदलाव की वजह से भारत कारोबार के लिए एक अनुकूल गंतव्‍य बन चुका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में नई सोच और नए दृष्टिकोण के साथ विकास, समाज और न्‍यू इंडिया को बढ़ावा देने वाली सरकार है, जो साहसी उद्योग और साझेदारी की भावना वाले ज्ञान के चार पहियों पर आगे बढ़ रही है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि कारोबारी सुगमता के मामलें में 2014 से 2019 के बीच भारत ने अपनी स्थिति में काफी सुधार किया है और इसमें ये 79 पायदान ऊपर चढ़ा है, हर साल प्रत्‍येक मानक पर हम अपनी स्थिति सुधार रहे हैं। उन्होंने कहा कि कारोबारी सुगमता के मामले में बेहतर प्रदर्शन का अर्थ यह है कि हमारी सरकार उद्योगों की जमीनी स्‍तर की जरूरतों को भलिभांति समझते हुए सही निर्णय ले रही है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह केवल कारोबारी सुगमता में सुधार की ही बात नहीं है, बल्कि भारत में कारोबार करने के तरीकों में एक क्रांतिकारी परिवर्तन भी हुआ है। उन्‍होंने कहा कि मौजूदा वैश्विक परिदृश्‍य में भारत इसलिए मजबूती से खड़ा है, क्‍योंकि उसने अपनी अर्थव्‍यवस्‍था के बुनियादी घटकों को कमजोर नहीं पड़ने दिया है। उन्‍होंने राज्‍य में निवेश अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में कई ऐतिहासिक कदम उठाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उद्योगों को ‘शोधन क्षमता और दिवालिया संहिता’ के जरिए कठिन स्थिति से निकलने का रास्‍ता उपलब्‍ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देशभर में रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को फिरसे शुरू करने का फैसला लेकर मध्‍यम वर्ग की भलाई के लिए एक बड़ा कदम उठाया है, इससे 4.58 लाख ऐसे परिवारों को अपना घर मिल सकेगा, जिन्‍होंने ऐसी परियोजनाओं में अपना पैसा निवेश किया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने नई घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्‍स में 15 प्रतिशत की कटौती की है। प्रधानमंत्री ने उद्योगों और वैश्विक प्रतिनिधियों से भारत को एक बेहतरीन गंतव्‍य स्‍थल के रूपमें देखने का अनुरोध किया। उन्‍होंने कहा कि आधारभूत संरचना विकास के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश के फैसले से हिमाचल प्रदेश को भी फायदा होगा। नरेंद्र मोदी ने इस संदर्भ में राज्‍य सरकार की सिंगल विंडो की व्‍यवस्‍था, क्षेत्र विशेष नीतियों, भूमि आंवटन की प्रक्रिया पारदर्शी बनाने जैसे उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि ये सब चीजें हिमाचल प्रदेश को निवेश का आकर्षक स्‍थल बना रही हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्‍य में सम्‍मेलन आयोजित करने से जुड़ी पर्यटन गतिविधियों की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पर्यटन को एक पैकेज की तरह बढ़ावा दिया जा रहा है और हिमाचल इस मामले में संभावनाओं से भरपूर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल में आईआईटी, आईटी, एनआईटी, सीआईपीईटी, आईआईएफटी पर काम हो रहा है, ऐसे में यहां टेक्नोलॉजीज का विस्तार संभावित है, यहां के सेब, नाशपाति, प्लम जैसे फलों से लेकर टमाटर, गुच्छी, मशरूम, शिमला मिर्च जैसी सब्जियों तक की देश-दुनिया में डिमांड है, यहां के फूड, फूड प्रोसेसिंग, फार्मिंग और फार्मा सेक्टर में जबरदस्त क्षमता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी पर तेज़ी से काम हो रहा है, उड़ान योजना के तहत हिमाचल प्रदेश ने हेली-टैक्सी सेवा आरंभ की हुई है और शिमला, धर्मशाला, कुल्लू, चंडीगढ़ इस सुविधा से जुड़ चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिमाचल में नेशनल हाईवेज का विस्तार किया जा रहा है, रोहतांग सुरंग का काम पूरा होने का लाभ तो लाहौल-स्पिति और लद्दाख तक को मिलेगा, वहीं नंगल डैम-तलवाड़ा रेललाइन, चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन, ऊना-हमीरपुर रेललाइन और भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेललाइन पूरे क्षेत्र की कनेक्टिविटी को नया आयाम देंगी और अगले कुछ वर्ष में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लाभ भी हिमाचल को मिलने ही वाला है। सम्‍मेलन के विषय से संबंधित एक कॉफी टेबल बुक भी जारी की गई। सम्‍मेलन में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेमसिंह तमांग, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, अनुराग ठाकुर, नीति आयोग के वाइस चेयरमैन डॉ राजीव कुमार, यूएई के भारत में एम्बेसडर डॉ अहमद अल्बाना और उद्योग जगत के दिग्गज मौजूद थे।

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