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'एमएसएमई आर्थिक विकास का महत्‍वपूर्ण कारक'

'एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा' विषय पर सम्‍मेलन

नितिन गडकरी ने देखी ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी पर प्रदर्शनी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 24 September 2019 01:59:30 PM

exhibition on energy efficiency technology

नई दिल्ली। केंद्रीय सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा तथा कौशल विकास व उद्यमिता राज्‍यमंत्री आरके सिंह ने संयुक्‍त रूपसे नई दिल्‍ली में एमएसएमई क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के विषय पर राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन का उद्घाटन किया। दो दिवसीय सम्‍मेलन का आयोजन ऊर्जा दक्षता ब्‍यूरो ने किया और इसमें एमएसएमई उद्योग संघों, टेक्‍नॉलाजी, सेवाप्रदाता, क्षेत्रीय ऊर्जा विशेषज्ञ और सरकार के वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान एमएसएमई क्षेत्र के लिए ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी पर प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया। नितिन गडकरी ने सम्‍मेलन के लिए विद्युत राज्‍यमंत्री आरके सिंह को बधाई दी और कहा कि इससे एमएसएमई क्षेत्र को सतत और हरित मार्ग पर ले जाने में सहायता मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र सहित सभी आर्थिक गतिविधियों के लिए ऊर्जा प्रेरक बल है। उन्‍होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता ऊर्जा संरक्षण और कार्बन उत्‍सर्जन समाप्‍त करने के लिए उचित कदम उठाना है।
एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि ऊर्जा दक्षता उपायों से एमएसएमई के बिजली बिल में कमी आएगी और यह क्षेत्र अंतर्राष्‍ट्रीय बाज़ार में स्‍पर्धी बन सकेगा। उन्‍होंने बताया कि सरकार उच्‍च विकास की दिशा में हरित और सतत कार्यक्रमों के माध्‍यम से एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए संकल्‍पबद्ध है। आरके सिंह ने कहा कि पांच वर्ष में भारत में औद्योगिक ऊर्जा की मांग लगभग दोगुनी हुई है और आशा है कि 2012 और 2040 के बीच औद्योगिक ऊर्जा की मांग तीन गुनी बढ़ेगी, इसलिए ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों में श्रेष्‍ठ व्‍यवहारों को अपनाने से ऊर्जा मांग कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि नई शुल्‍क नीति में विद्युत सब्सिडी के अंतरण के लिए प्रत्‍यक्ष लाभ अंतरण का प्रस्‍ताव है और इससे ऊर्जा बचत को प्रोत्‍साहन मिलेगा। उन्‍होंने एमएसएमई के लिए विद्युत मूल्‍यों को विवेकसंगत बनाने पर बल दिया, इसके लिए नई शुल्‍क नीति में क्रॉस सब्सिडी घटाने का प्रावधान है, इस नीति में समयबद्ध तरीके से ओपन एक्‍सेस का प्रावधान है। उन्‍होंने कहा कि एमएसएमई की ऊर्जा खपत काफी अधिक है, इसलिए बचत की संभावना भी काफी है।
एमएसएमई के विकास आयुक्‍त ने कहा कि विश्‍व में चीन के बाद सबसे बड़ा एमएसएमई आधार भारत का है, यह क्षेत्र आर्थिक विकास में एक महत्‍वपूर्ण कारक और रोज़गार प्रदाता होने के अतिरिक्‍त मांग पर विनिर्माण सेवा में शक्ति रखता है, नवाचारों के प्रति उत्तरदायी है, परिवर्तनों को तेजी से अपनाता है और एमएसएमई क्षेत्र के पास मूल्‍यवर्धित सप्‍लाई श्रृंखला है। उन्‍होंने चंद्रयान-2 के लिए इसरो को सहयोग देने में भारतीय सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यम की सराहना की। अंतरिक्ष एजेंसी ने स्‍वदेशी अंतरिक्ष कार्यक्रमों व मिशनों को सहयोग देने के लिए एमएसएमई के साथ साझेदारी की है। दोनों मंत्रियों ने एमएसएमई के लिए ऊर्जा संरक्षण दिशा-निर्देश और ऊर्जा दक्षता ब्‍यूरो के एमएसएमई कार्यक्रम के अंतर्गत ज्ञान प्रबंधन पोर्टल ‘सिद्धि’ लांच किया, जिसमें उपयोगी सूचनाएं और ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए 50 मल्‍टीमीडिया ट्यूटोरियल विडियो हैं।
सम्मेलन के उद्घाटन पर एमएसएमई ने ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए एमएसएमई के विकास आयुक्‍त तथा ऊर्जा दक्षता के महानिदेशक के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए, ताकि ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए दीर्घकालिक रोडमैप तैयार किया जा सके। ऊर्जा दक्षता ब्‍यूरो के महानिदेशक अभय बकरे ने बताया कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए विशेष रूपसे ब्‍यूरो ने पूरे देश में ऊर्जा प्रबंधन केंद्र बनाए हैं। समारोह को अपर विद्युत सचिव संजीव नंदन सहाय और विद्युत मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार राजपाल ने भी संबोधित किया।

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