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भारत-फ्रांस शांति और स्थिरता के अग्रदूत-वेंकैया

फ्रांसीसी सांसदों के शिष्‍टमंडल ने की उपराष्‍ट्रपति से मुलाकात

भारत-फ्रांस संसदीय मैत्री समूह की स्‍थापना का सुझाव दिया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 9 September 2019 04:26:37 PM

delegation of french mps meets vice president

नई दिल्ली। उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भारत और फ्रांस के मध्‍य सामरिक भागीदारी को भारत की विदेश नीति का एक महत्‍वपूर्ण स्‍तंभ बताते हुए कहा है कि भारत और फ्रांस शांति और स्थिरता के अग्रदूत के रूपमें काम कर सकते हैं। फ्रांस के आर्थिक मामलों की स्‍थाई समिति की अध्‍यक्ष और सीनेट सोफी प्राइमास के नेतृत्‍व में फ्रांस के सांसदों के शिष्‍टमंडल के साथ आज राजधानी दिल्‍ली में बातचीत करते हुए वेंकैया नायडू ने विश्‍व में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए भारत और फ्रांस में नजदीकी सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों सहित सभी देशों के साथ सदैव शांतिपूर्ण सह अस्‍तित्‍व में विश्‍वास करता है और हम नहीं चाहते हैं कि कोई हमारे देश के अंदरूनी मामलों में हस्‍तक्षेप करे, न ही हम स्‍वयं दूसरे देशों के मामले में दखल देना चाहते हैं।
उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत रक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद निरोध, अंतरिक्ष सहयोग, आर्थिक भागीदारी और ऐसे कई क्षेत्रों में फ्रांस के साथ अपनी भागीदारी को बहुत महत्‍व देता है। उन्‍होंने दोनों देशों के बीच नजदीकी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत-फ्रांस संसदीय मैत्री समूह की स्‍थापना का सुझाव दिया। उन्‍होंने स्‍मार्ट सिटी पहल के तहत भारत के साथ भागीदारी करने के फ्रांस के निर्णय के बारे में प्रसन्‍नता जाहिर की और कहा कि भारत के विकास के लिए शहरी नवीकरण और स्‍वच्‍छ ऊर्जा में भारी निवेश की जरूरत है। दोनों देशों के बीच अधिक से अधिक व्‍यापार, प्रौद्योगिकी और पूंजी प्रवाह का आह्वान करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि 2022 तक माल के व्‍यापार के निर्धारित लक्ष्‍य को 15 बिलियन यूरो तक पहुंचाने के लिए द्व‌िपक्षीय व्‍यापार की गति को कई गुना बढ़ाए जाने की जरूरत है। यह कहते हुए कि जलवायु परिवर्तन भारत सरकार के लिए एक विश्‍वास का विषय है, उन्‍होंने पेरिस समझौते के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत इस समझौते के लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के मार्ग पर अग्रसर है और इस बारे में विशेष रूपसे ‘वन प्‍लैनिट समिट’ के लिए उन्‍होंने फ्रांस की सराहना की। वेंकैया नायडू ने नवम्‍बर 2018 में आयोजित प्रथम विश्‍व युद्ध की युद्ध विराम संधि के शताब्‍दी समारोह के दौरान फ्रांस की अपनी यात्रा का स्‍मरण किया। उन्‍होंने कहा कि इस युद्ध में बलिदान देने वाले 9,000 से भी अधिक भारतीय वीरों की याद में विलर्स गुइस्‍लैन में पहले भारतीय युद्ध स्‍मारक का उन्‍होंने उद्घाटन किया था। उन्होंने कहा कि इसरो और सीएनईएस के माध्‍यम से भारत और फ्रांस के बीच दीर्घकालीन और बहुमुखी अंतरिक्ष सहयोग को हम और भी आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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