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'कश्मीर और लद्दाख में नए युग की शुरुआत'

सरदार, बाबासाहेब, मुखर्जी और अटलजी का सपना पूरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम महत्वपूर्ण संदेश

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 9 August 2019 06:22:35 PM

pm narendra modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए हटाने और लद्दाख को भी कश्मीर से अलग करके उसे बिना विधानसभा का केंद्रशासित राज्य बनाने के बाद राष्ट्र के नाम संदेश प्रसारित किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि ऐसा करके हमने देश की एकता अखंडता और देश के संपूर्ण विकास के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि एक ऐसी बाधा, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक बुनियादी अधिकारों तकसे वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी वो अब दूर हो गई है। उन्होंने कहा कि जो सपना सरदार वल्लभभाई पटेल, बाबासाहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर, डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी, अटलजी और करोड़ों भारत के देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरुआत हुई है, अब देश के सभी नागरिकों के हक भी समान हैं और दायित्व भी समान हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35-ए ने जम्मू-कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया, इन दोनों अनुच्छेद का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान ने एक शस्त्र के तौरपर इस्तेमाल किया, इसकी वजह से तीन दशक में लगभग 42 हजार निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का विकास उस गति से नहीं हो पाया, जिसके वे हकदार थे, अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों का वर्तमान तो सुधरेगा ही, उनका भविष्य भी सुरक्षित होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में कोई भी सरकार हो वो संसद में कानून बनाकर देश की भलाई के लिए काम करती है, किसी भी दल की सरकार हो, किसी भी गठबंधन की सरकार हो, ये कार्य निरंतर चलता रहता है।
उन्होंने कहा कि जो कानून देश की पूरी आबादी के लिए बनता था, उसके लाभ से जम्मू-कश्मीर के डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग वंचित रह जाते थे, सोचिए कि देश के अन्य राज्यों में बच्चों को शिक्षा का अधिकार है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के बच्चे इससे वंचित थे, देश के अन्य राज्यों में बेटियों को जो सारे हक मिलते हैं, वो सारे हक जम्मू-कश्मीर की बेटियों को नहीं मिलते थे, सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे, दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था, अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए माइनॉरिटी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में यह लागू नहीं था, लेकिन अब आर्टिकल 370 और 35-ए इतिहास की बात हो गई है, उसके नकारात्मक प्रभावों से भी जम्मू-कश्मीर जल्द बाहर निकलेगा, इसका मुझे पूरा विश्वास है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई व्यवस्था में केंद्र सरकार की ये प्राथमिकता रहेगी कि राज्य के कर्मचारियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस को दूसरे केंद्रशासित प्रदेशों के कर्मचारियों और वहां की पुलिस के बराबर सुविधाएं मिलें। उन्होंने कहा कि देश के केंद्रशासित प्रदेशों में अनेक ऐसी वित्तीय सुविधाएं हैं जैसे एलटीसी, हाउस रेंट अलाउंस, बच्चों की शिक्षा के लिए शिक्षा भत्ता, हेल्थ स्कीम जो जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों, पुलिस परिवारों को नहीं मिलतीं, ऐसी सुविधाओं की समीक्षा कराकर जल्द ही जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों और वहां की पुलिस को मुहैया कराई जाएंगी। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी केंद्रीय और राज्य के रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, इससे स्थानीय नौजवानों को रोज़गार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध होंगे, साथ ही केंद्र सरकार की पब्लिक सेक्टर यूनिट्स और प्राइवेट सेक्टर की बड़ी कंपनियों को भी रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध कराने को प्रोत्साहित किया जाएगा, इसके अलावा सेना और अर्धसैनिक बलों में स्थानीय युवाओं की भर्ती के लिए रैलियों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री स्कॉलरशिप योजना का भी विस्तार करेगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राजस्व घाटा भी बहुत ज्यादा है, केंद्र सरकार ये भी सुनिश्चित करेगी की इसके प्रभाव को कम किया जाए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के साथ ही कुछ कालखंड के लिए जम्मू-कश्मीर को सीधे केंद्र सरकार के शासन में रखने का फैसला बहुत सोच-समझकर लिया है, इसके पीछे की वजह समझना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जबसे वहां गवर्नर रूल लगा है, जम्मू-कश्मीर का प्रशासन सीधे केंद्र सरकार के संपर्क में है, इसकी वजह से बीते कुछ महीनों में वहां बेहतर शासन और विकास का और भी बेहतर प्रभाव दिखाई देने लगा है, जो योजनाएं पहले सिर्फ कागजों पर थीं, उन्हें अब जमीन पर उतारा जा रहा है, दशकों से लटके हुए प्रोजेक्ट्स को नई गति मिली है। उन्होंने कहा कि हमने जम्मू-कश्मीर प्रशासन में एक नई कार्यसंस्कृति लाने, पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है, इसीका नतीजा है कि आईआईटी, आईआईएम, एम्स, तमाम इरिगेशन प्रोजेक्ट्स, पावर प्रोजेक्ट्स, एंटी करप्शन ब्यूरो इन सबके काम में तेजी आई है, इसके अलावा वहां कनेक्टिविटी से जुड़े प्रोजेक्ट सड़कों और नई रेल लाइनों का काम, एयरपोर्ट का आधुनिकीकरण सभी को तेज गति से आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश का लोकतंत्र कितना मजबूत है, आप ये जानकर चौंक जाएंगे। नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से हजारों लाखों की संख्या में ऐसे भाई-बहन रहते हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था, लेकिन वो विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते थे, ना ही चुनाव लड़ सकते थे, ये वो लोग हैं जो 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए थे। नरेंद्र मोदी ने सवाल किया कि क्या इन लोगों के साथ अन्याय ऐसे ही चलता रहता?
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के जनप्रतिनिधि उनके द्वारा ही चुने जाएंगे, जैसे पहले विधायक होते थे, वैसे ही आगे भी होंगे, जैसे पहले मंत्रिपरिषद होती थी, वैसी ही मंत्रिपरिषद आगे भी होगी, जैसे पहले सीएम होते थे, वैसे ही आगे भी आपके सीएम होंगे। उन्होंने कहा कि हमसब मिलकर आतंकवाद और अलगाववाद से जम्मू-कश्मीर को मुक्त कराएंगे। उन्होंने कहा कि धरती का स्वर्ग हमारा जम्मू-कश्मीर विकास की नई ऊंचाइयों को पार करके पूरे विश्व को आकर्षित करेगा। उन्होंने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा देता हूं कि उनको बहुत ईमानदारी के साथ पूरे पारदर्शी वातावरण में अपने प्रतिनिधि चुनने का अवसर मिलेगा, जम्मू-कश्मीर विधानसभा के भी चुनाव होंगे, मैं राज्य के गवर्नर से ये भी आग्रह करूंगा कि ब्लॉक डवलपमेंट काउंसिल का गठन, जो पिछले दो-तीन दशक से लंबित है, उसे पूरा करने का काम भी जल्द से जल्द किया जाए। उन्होंने कहा कि मेरा खुद का अनुभव है कि चार-पांच महीने पहले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के पंचायत चुनावों में जो लोग चुनकर आए, वो बहुत बेहतरीन काम कर रहे हैं, क्योंकि कुछ महीनों पहले जब मैं श्रीनगर गया था तो वहां मेरी उनसे लंबी मुलाकात भी हुई थी। उन्होंने कहा कि जब वो दिल्ली मेरे घर पर आए थे, मैंने उनसे काफी देर तक बात की थी। उन्होंने कहा कि पंचायत के इन साथियों की वजह से जम्मू-कश्मीर में बीते दिनों ग्रामीण स्तर पर बहुत तेजी से काम हुआ है, हरघर बिजली पहुंचाने का काम हो या फिर राज्य को ओडीएफ बनाना हो, इसमें पंचायत के प्रतिनिधियों की बहुत बड़ी भूमिका रही है, उसमें भी जो महिला पंच चुनकर आई है वो कमाल कर दिखाई हैं।
कश्मीर के युवा अपने सपनों का कश्मीर बनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर की जनता अलगाववाद को परास्त करके नई आशाओं के साथ, नई ऊर्जा के साथ, नए सपनों को साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि दशकों के परिवारवाद ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को नेतृत्व का अवसर ही नहीं दिया, अब मेरे ये युवा जम्मू-कश्मीर के विकास का नेतृत्व करेंगे और उसे नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे, कश्मीर के युवा अपने सपनों का कश्मीर बनाएं। उन्होंने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नौजवानों, वहां की बहनों-बेटियों से विशेष आग्रह करूंगा कि वे अपने क्षेत्र के विकास की कमान संभालने आगे खुद आएं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में दुनिया का सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की क्षमता है, इसके लिए जो वातावरण चाहिए, शासन प्रशासन में जो बदलाव चाहिए वो किए जा रहे हैं, लेकिन मुझे इसमें हर देशवासी का साथ चाहिए। उन्होंने कहा कि एक जमाना था कि जब बॉलीवुड की फिल्मों की शूटिंग के लिए कश्मीर पसंदीदा जगह थी, उस दौरान शायद ही कोई फिल्म बनती हो, जिसकी कश्मीर में शूटिंग न होती हो, अब जम्मू-कश्मीर में स्थितियां सामान्य होंगी तो देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लोग वहां फिल्मों की शूटिंग करने आएंगे, हर फिल्म अपने साथ कश्मीर के लोगों के लिए रोज़गार के अनेक अवसर भी लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि मैं हिंदी फिल्म इंडस्ट्री, तेलगू और तमिल फिल्म इंडस्ट्री और इससे जुड़े लोगों से आग्रह करूंगा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में निवेश के बारे में फिल्म की शूटिंग से लेकर थिएटर और अन्य साधनों की स्थापना के बारे में जरूर सोचें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जो टेक्नोलॉजी की दुनिया से जुड़े लोग हैं, चाहे वो प्रशासन में हों या फिर प्राइवेट सेक्टर में, उनसे भी मेरा आग्रह है कि अपनी नीतियों में अपने फैसलों में इस बात को प्राथमिकता दें कि जम्मू-कश्मीर में कैसे टेक्नोलॉजी का और ज्यादा विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि जब वहां डिजिटल कम्यूनिकेशन को ताकत मिलेगी, जब वहां बीपीओ सेंटर, कॉमन सर्विस सेंटर बढ़ेंगे, जितना ज्यादा टेक्नोलॉजी का विस्तार होगा, उतना ही जम्मू-कश्मीर के हमारे भाई-बहनों का जीवन आसान होगा, उनकी आजीविका और रोजी-रोटी कमाने के अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो फैसला लिया है कि वो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उन नौजवानों की भी मदद करेगा, जो स्पोर्ट्स की दुनिया में आगे बढ़ना चाहते हैं, नई स्पोर्ट्स एकेडमीज, नए स्पोर्ट्स स्टेडियम, साइंटिफिक इनवायर्नमेंट में ट्रेनिंग उन्हें दुनिया में अपना टैलेंट दिखाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के केसर का रंग हो या कहवा का स्वाद, सेब का मीठापन हो या खुबानी का रसीलापन, कश्मीरी शॉल हो या फिर कलाकृतियां, लद्दाख के ऑर्गेनिक प्रॉडक्ट्स हों या फिर हर्बल मेडिसिन इसका प्रसार दुनियाभर में किए जाने का जरूरत है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि लद्दाख में सोलो नाम का एक पौधा पाया जाता है, जानकारों का कहना है कि ये पौधा, अत्यधिक ऊंचाई पर रहने वाले लोगों के लिए, बर्फीली पहाड़ियों पर तैनात सुरक्षाबलों के लिए संजीवनी का काम करता है, कम ऑक्सीजन वाली जगह पर शरीर के इम्यून सिस्टम को संभाले रखने में इसकी बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि सोचिए कि ऐसी अद्भुत चीज दुनियाभर में बिकनी चाहिए या नहीं? कौन हिंदुस्तानी नहीं चाहता है? उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ एक का नाम लिया है, ऐसे अनगिनत पौधे, हर्बल प्रॉडक्ट जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बिखरे पड़े हैं, उनकी पहचान होगी, उनकी बिक्री होगी तो इसका बहुत बड़ा लाभ वहां के लोगों को मिलेगा, वहां के किसानों को मिलेगा, इसलिए मैं देश के उद्यमियों से, आयात-निर्यात से जुड़े लोगों से, फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े लोगों से आग्रह करूंगा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के स्थानीय उत्पादों को दुनियाभर में पहुंचाने के लिए आगे आएं।
मैं मतभेद का भी सम्मान करता हूं
नरेंद्र मोदी ने कहा कि केंद्रशासित प्रदेश बन जाने के बाद अब लद्दाख के लोगों का विकास भारत सरकार की स्वाभाविक जिम्मेदारी बन जाती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रतिनिधियों, लद्दाख और कारगिल की डवलपमेंट काउंसिल्स के सहयोग से केंद्र सरकार विकास की तमाम योजनाओं का लाभ अब और तेजी से पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि लद्दाख में स्पीरिचुअल टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और इकोटूरिज्म का सबसे बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है, सोलर पावर जनरेशन का भी लद्दाख बहुत बड़ा केंद्र बन सकता है, अब वहां के सामर्थ्य का उचित इस्तेमाल होगा और बिना भेदभाव विकास के लिए नए अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि अब लद्दाख के नौजवानों की इनोवेटिव स्पिरिट को बढ़ावा मिलेगा, उन्हें अच्छी शिक्षा के लिए बेहतर संस्थान मिलेंगे, वहां के लोगों को अच्छे अस्पताल मिलेंगे, इंफ्रास्ट्रक्चर का और तेजी से आधुनिकीकरण होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में ये भी बहुत स्वाभाविक है कि कुछ लोग इस फैसले के पक्ष में हैं और कुछ को इसपर मतभेद है, लेकिन मैं उनके मतभेद का भी सम्मान करता हूं और उनकी आपत्तियों का भी आदर करता हूं, इसपर जो बहस हो रही है, उसका केंद्र सरकार जवाब भी दे रही है, समाधान करने का प्रयास भी कर रही है, ये हमारा लोकतांत्रिक दायित्व है, लेकिन मेरा उनसे आग्रह है कि वो देशहित को सर्वोपरि रखते हुए व्यवहार करें और जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को नई दिशा देने में सरकार की मदद करें, देश की मदद करें। उन्होंने कहा कि संसद में किसने मतदान किया, किसने नहीं किया, किसने समर्थन दिया, किसने नहीं दिया, इससे आगे बढ़कर अब हमें जम्मू-कश्मीर-लद्दाख के हित में मिलकर, एकजुट होकर काम करना है।
उन्होंने कहा कि मैं हर देशवासी को ये भी कहना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों की चिंता हम सबकी चिंता है, 130 करोड़ नागरिकों के सुख-दुःख, उनकी तकलीफ से हम अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 से मुक्ति एक सच्चाई है, लेकिन सच्चाई ये भी है कि इस समय ऐतिहासिक तौरपर उठाए गए कदमों की वजह से जो भी परेशानी हो रही है, उसका मुकाबला भी वही लोग कर रहे हैं, कुछ मुट्ठीभर लोग, जो वहां हालात बिगाड़ना चाहते हैं, उन्हें धैर्यपूर्वक जवाब भी वहां के हमारे भाई बहन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तानी साजिशों के विरोध में जम्मू-कश्मीर के ही देशभक्त लोग डटकर खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान पर विश्वास करने वाले हमारे ये सभी-भाई बहन अच्छा जीवन जीने के अधिकारी हैं, हमें उन सब पर गर्व है, मैं जम्मू-कश्मीर के साथियों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानियां भी कम होती चली जाएंगी।
ईद की बहुत-बहुत शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ईद का मुबारक त्योहार भी नजदीक ही है, ईद के लिए मेरी ओर से सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात का ध्यान रख रही है कि जम्मू-कश्मीर में ईद मनाने में लोगों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि हमारे जो साथी जम्मू-कश्मीर से बाहर रहते हैं और ईद पर अपने घर वापस जाना चाहते हैं, उनको भी सरकार हर संभव मदद कर रही है। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों की सुरक्षा में तैनात अपने सुरक्षाबलों के साथियों का भी आभार व्यक्त करता हूं, प्रशासन से जुड़े सभी लोग, राज्य के कर्मचारी और जम्मू-कश्मीर पुलिस जिस तरह से स्थितियों को संभाल रही है वो बहुत बहुत प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि उनके इस परिश्रम ने मेरा ये विश्वास और बढ़ाया है कि बदलाव हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमारे देश का मुकुट है, गर्व करते हैं कि इसकी रक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर के अनेक वीर बेटे-बेटियों ने अपना बलिदान दिया है, अपना जीवन दांव पर लगाया है। उन्होंने कहा कि पुंछ जिले के मौलवी गुलाम दीन, जिन्होंने 65 की लड़ाई में पाकिस्तानी घुसपैठियों के बारे में भारतीय सेना को बताया था, उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था, लद्दाख के कर्नल सोनम वानंचुग, जिन्होंने कारगिल की लड़ाई में दुश्मन को धूल चटा दी थी, उन्हें महावीर चक्र दिया गया था, राजौरी की रुखसाना कौसर, जिन्होंने एक बड़े आतंकी को मार गिराया था, उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था, पुंछ के शहीद औरंगजेब, जिनकी पिछले वर्ष आतंकियों ने हत्या कर दी थी और जिनके दोनों भाई अब सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं, ऐसे वीर बेटे-बेटियों की ये लिस्ट बहुत लंबी है। उन्होंने कहा कि आतंकियों से लड़ते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनेक जवान और अफसर भी शहीद हुए हैं, देश के अन्य भू-भाग से भी हज़ारों लोगों को हमने खोया है, इन सभी का सपना रहा है-एक शांत, सुरक्षित, समृद्ध जम्मू-कश्मीर बनाना। उन्होंने कहा कि उनके सपने को हमें मिलकर पूरा करना है।

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