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सेना का राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन से करार

रक्षा और आईटी मंत्रालय की पहली अंतर-मंत्रालयी पहल

नवीन समाधान खोजने के लिए संयुक्त ढांचे का निर्माण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 8 July 2019 11:50:28 AM

agreement with the national e-governance division of army

नई दिल्ली। भारतीय सेना की धन सूचना प्रणाली संगठन, सूचना प्रणाली महानिदेशालय के अधीन एक नोडल एजेंसी है, जो रक्षा मंत्रालय के एकीकृत मुख्यालय और अन्य एजेंसियों को समेकित करने के लिए प्रबंधन संबंधित सूचना उपलब्‍ध कराने हेतु कर्मियों, उपकरणों और प्रमुख स्‍टोर्स के लिए एक केंद्रीकृत डेटाबेस के रखरखाव के लिए अधिदेशित है। डीजीआईएस ने नए एमआईएसओ एप्लिकेशन को विकसित करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ एक नए सहयोगी दृष्टिकोण का प्रयोग किया है।
गांधीनगर में भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लिकेशन और भू-सूचना विज्ञान में विकास कार्य आरंभ हुआ, जोकि गुजरात सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक सीएमएमआई-5 स्तर का संस्थान है। थोड़े समय में ही इस प्रयोग के अच्‍छे लाभ प्रदर्शित हुए हैं और यह तेजगति से आईए के स्वचालन के लिए बेहद लाभप्रद साबित हुआ है। यह अनुप्रयोग विरासत में प्राप्‍त था और इसमें समग्र सुधार की आवश्यकता थी। संगठनात्मक अपेक्षाओं और बढ़ी हुई उपयोगकर्ता आकांक्षाओं को पूरा करने के बजाए पारंपरिक विकासात्मक ढांचे को नियोजित किया जाए।
समस्‍त विकास संबंधी ढांचे, संरचनाओं और कार्यप्रणाली को औपचारिकरूप देने के लिए सूचना प्रणाली के महानिदेशक और कर्नल कमांडेंट कोर ऑफ ईएमई लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कपूर और एमएस राव, अध्यक्ष और सीईओ एनई जीडी ने बीआईएसएजी के निदेशक टीपी सिंह की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। रक्षा मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बीच अपनी तरह की पहली अंतर-मंत्रालयी पहल है और इससे आईए के लिए सहयोगात्मक तरीके से नवीन समाधान खोजने के लिए इसी तरह के संयुक्त ढांचे का निर्माण होना सुनिश्चित है।

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