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कॉरपोरेट धोखाधड़ी मामलों में निगरानी बढ़ी

कॉरपोरेट मंत्रालय व सेबी में डेटा आदान-प्रदान समझौता

मजबूत कॉरपोरेट प्रशासन तंत्र समय की जरूरत-सरकार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 8 June 2019 01:44:22 PM

agreement between corporate ministry and sebi

नई दिल्ली। भारत सरकार में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी के बीच एक औपचारिक समझौता हुआ है। ऐसा दो नियामक संगठनों के बीच डेटा के आदान-प्रदान के लिए किया गया है। इस समझौता ज्ञापन पर कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में संयुक्त सचिव केवीआर मूर्ति और सेबी की पूर्णकालिक सदस्य माधवी पुरी बुच ने दोनों संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। यह समझौता अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले कॉरपोरेट धोखाधड़ी मामलों के संदर्भ में निगरानी की बढ़ती हुई आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किया गया है। भारत सरकार का कहना है कि जिस प्रकार निजी क्षेत्र आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, उसी प्रकार मजबूत कॉरपोरेट प्रशासन तंत्र समय की जरूरत बन गया है।
सेबी और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के बीच इस समझौते से डेटा और सूचनाओं को स्वमेव और नियमित रूपसे साझा करने में मदद मिलेगी। इससे निलंबित कंपनियों, सूची से बाहर की गई कंपनियों, सेबी के शेयरधारक पैटर्न के बारे में विशिष्ट जानकारी साझा करने के साथ-साथ कॉर्पोरेट्स द्वारा रजिस्ट्रार के समक्ष दायर वित्तीय विवरणों, शेयरों के आवंटन की रिटर्न, कॉरपोरेट से संबंधित ऑडिट रिपोर्टों से संबंधितविशिष्ट विवरणों को साझा करने में मदद मिलेगी। इससे नियामक उद्देश्यों के लिए कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और सेबी में सहज संबंध सुनिश्चित होंगे। डेटा के नियमित आदान-प्रदान के अलावा सेबी और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय किसी भी प्रकार की जांच, निरीक्षण और अभियोजन के उद्देश्य के लिए अपने डेटाबेस में उपलब्ध कोई भी जानकारी का एक-दूसरे के अनुरोध पर आदान-प्रदान कर सकेंगे।
यह समझौता हस्ताक्षर किए जाने की तारीख से लागू हो गया है, जो कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय और सेबी की सतत पहल है और जो मौजूदा तंत्र के माध्यम से पहले ही सहयोग कर रहे हैं। इस पहल के लिए डेटा आदान-प्रदान परिचालन समूह का भी गठन किया गया है। डेटा आदान-प्रदान स्थिति की समीक्षा के लिए इस समूह की समय-समय पर बैठकें आयोजित होंगी, जिनमें डाटा साझा करने के तंत्र में और ज्यादा सुधार करने तथा प्रभावशीलता लाने के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा। यह समझौता दोनों नियामकों के बीच सहयोग और तालमेल के नए युग की शुरुआत है।

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