

इंडिया-इंडिया की गूंज करने वाला भारत कब समझेगा? राष्ट्रीय खेल सिर्फ नारों और सपनों से नही बचता, इसके लिये जुटना पड़ता है। ध्यान चंद तो संघर्ष के दौर में निकले थे लेकिन, उनकी मौत एम्स के जनरल वार्ड में हुई और इलाज कर रहे डॉक्टर की उनकी मौत पर पहली टिप्पणी यही थी, हॉकी मर गई। लेकिन तब भारत के लिये गोल्ड मेडल जीतना कोई मायने नहीं...

देवधर ट्राफी जैसी प्रतियोगिता को स्थगित किया गया है तो दूसरी तरफ घरेलू क्रिकेट की स्थापित प्रतियोगिताओं पर कारपोरेट टूर्नामेंट और आईपीएल चैपियंस टूर्नामेंट को तरजीह दी गई है। एक ओर जहां इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में घरेलू क्रिकेट ढांचे को मजबूत किया जा रहा है वहीं भारत में इसे हाशिये पर धकेला जा रहा है। यदि इसी तरह से...

जो लोग भारतीय हाकी फेडरेशन के अध्यक्ष केपीएस गिल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं वह कितने दूध के धुले हुए हैं वह जरा इस पर भी सोचे। भारतीय हाकी पर किसी एक तरफ से हमला नहीं हुआ है इसके हत्यारे इसी के भीतर छिपे हैं। हाकी में घुसे गिरोहोबाजो ने इसे नौकरी पाने और सैर पर जाने का ऐसा जरिया बनाया कि इसमें सभी ने हाथ धोने शुरू कर दिए।...