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आतंकियों के निशाने पर गोरक्षपीठ के योगी

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यांगी अदित्य नाथ-Yogi adityanath

गोरखपुर। गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी एवं सांसद योगी आदित्यनाथ की हिंदू समुदाय में प्रबल मान्यता को दूसरे भले ही नहीं समझते हों और उनके सामाजिक और राजनीतिक महत्व को नज़रअंदाज करते आ रहे हों लेकिन पूर्वी उत्तर प्रदेश में योगी, हिंदुओं की नाक के रूप में जरूर स्थापित हो गए हैं। इन दिनों देश के विभिन्न भागों में और पूर्वी उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण और आतंकवादी वारदातों के खिलाफ उनके जन-जागरण अभियानों से बौखलाए कट्टरपंथियों और योगी के बीच संघर्ष बढ़ गया है जोकि गोरक्षपीठ और सांसद योगी के सफाए पर केंद्रित हो गया है। राज्य सरकार और सियासी लड़ाई में मशगूल सत्ताधारी राजनेताओं के आतंकवादियों के घर जाने और उनसे सहानुभूति जताने की होड़ का ही नतीजा था कि जो आजमगढ़ में योगी के काफिले पर हमला हुआ जिसमें वे तो बच गए लेकिन उसमें एक बालक की नाहक ही जान चली गई। उसके बाद से पूर्वांचल में जो हुआ और हो रहा है वह सबके सामने है।

पूर्वांचल के हालात देखकर कोई भी कह सकता है कि योगी का जीवन खतरे में है और राज्य की खुफिया और सुरक्षा एजंसियों कह रही हैं कि उन्हें कोई खतरा नहीं है। इसीलिए उनकी सुरक्षा में भी कटौती कर दी गई है। राज्य की बसपा सरकार वोट और नोट गिनने में लगी है और उपद्रवियों के इरादे योगी के करीब पहुंचने लगे हैं। योगी को महफूज रखने के लिए उनकी जेड श्रेणी की सुरक्षा की मांग लगातार की जाती रही है, लेकिन उनके पास से वाई श्रेणी की सुरक्षा भी हटा ली गई है जिससे वर्तमान में इस कद्दावर सांसद को एक्स श्रेणी की सुरक्षा से काम चलाना पड़ रहा है। आजमगढ़ में हिंदू चेतना रैली में लोगों को आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त दहशतगर्दों से सजग रहने की अपील के लिए सभा को संबोधित करने जा रहे योगी आदित्यनाथ के काफिले पर दिनदहाड़े हमला हुआ। योगी की सुरक्षा में लगी एजेंसियां इसे रोकने में पूरी तरह से विफल साबित हुई हैं। घंटों चले तांडव के बीच स्थानीय प्रशासन बैकफुट पर ही देखा गया और ईंट, पत्थर, चाकू, तलवार कट्टे का प्रदर्शन किसी से छिपा नहीं था। मौके पर लोगों का कहना था कि फिलहाल आतंकवादियों की मंशा तो साफ हो गई, लेकिन योगी की सुरक्षा को लेकर शासन सत्ता की मंशा क्या है, यह जानना अभी बाकी है।

पूर्वांचल में ही नहीं समूचे हिंदी भाषी क्षेत्रों में योगी की पहचान फायर ब्रांड के रूप में होती है। इनकी तुलना भाजपा के दिग्गज नेताओं से की जाती है। योगी भाजपा एवं हिंदू संगठनों की धुरी के रूप में पूर्वांचल में काम कर रहे हैं। अयोध्या के बाद गोरखनाथ मंदिर व उनके उत्तराधिकारी सांसद योगी हमेशा आतंकियों के निशाने पर बने हुए हैं। इस सूचना से प्रदेश शासन भी अवगत है। उधर पूर्वांचल में जवाबी हमले की संभावना की रिपोर्ट से केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार को इस बारे में सावधानी बरतने के लिए आगाह किया है। योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर, देवरिया, बलरामपुर, श्रावस्ती, कुशीनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, वाराणसी आदि जिलों में हिंदुओं में मददगार की छवि को देखे जाते हैं। इन जिलों में जहां कहीं भी किसानों पर अत्याचार हो रहा है, कोई हिंदू मारा जाता है, वहां आदित्यनाथ पहुंच जाते हैं और पीडि़त परिवार की मदद करते हैं। इससे कांग्रेस, सपा व बसपा के नेताओं को परेशानी होने लगी है।

आदित्यनाथ ने अपनी हिंदू युवा वाहिनी को इतना जुझारू बना दिया है कि इसके आगे पूर्वांचल के ज्यादातर भाजपा नेताओं को अपना राजनीतिक भविष्य असुरक्षित महसूस होने लगा है। यही वजह है कि राज्य में मुलायम सरकार के समय में भी आदित्यनाथ की हत्या की कोशिश की गई थी। कहा तो यहां तक जाता है कि मुलायम सिंह यादव के समय भाजपा नेताओं के इशारे पर आदित्यनाथ का जीना दूभर हो गया था। हालत यह हुई कि आदित्यनाथ ने लोकसभा में रोते हुए कहा था कि मुलायम उनकी हत्या कराना चाहते हैं। आजमगढ़ में दाऊद की सुसराल है, अबू सलेम का घर है। सामने आए अहमदाबाद विस्फोटों के सूत्रधार का घर है। यहां की आबादी मुस्लिम बाहुल्य है। बसपा के अकबर अहमद डम्पी यहां के सांसद हैं। उनको जितवाने के लिए गाजीपुर के माफिया मुख्तार अंसारी ने अपना पूरा जोर लगाया था।

देखा गया है कि देश के किसी कोने में होने वाली आतंकी घटना के बाद गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा प्रथम दृष्टया बढ़ा दी जाती है, लेकिन यह चंद दिनों के लिए होता है जैसे ही मामला शांत हुआ, फिर जस की तस स्थिति कायम हो जाती है।योगी को प्रशासन ने जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया नहीं कराई लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि इन घटनाओं से योगी विचलित होने वाले नहीं हैं। जहां तक योगी की सुरक्षा की बात है तो उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा को भी वापस लेकर एक्स श्रेणी की सुरक्षा कर दी गई है, जो ऐसे नेता के लिए नाकाफी है। आजमगढ़ में योगी पर हमले को माफिया एवं आतंकवादी गुटों और आईएसआई से जुड़े लोगों की करनी माना जा रहा है।

आजमगढ़ में योगी आदित्यनाथ और उनके काफिले पर हमले की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तुलसीपुर (बलरामपुर) के विधायक और शक्तिपीठ देवीपाटन के पीठाधीश्वर महंत कौशलेंद्र नाथ योगी ने इसे ज़ेहादी मानसिकता के मुस्लिम आतंकवादियों की साजिश बताया है। एक उद्बोधन में महंत कौशलेंद्र नाथ योगी ने घटना के बाद महंत आदित्य नाथ योगी के धैर्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस घटना के कारण पूर्वांचल के हालात और ज्यादा बिगड़ सकते थे। उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच और महंत को जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराने की मांग करते हुए कहा कि इस प्रकार की साजिश को भविष्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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