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जिला पंचायत चुनाव में धांधली

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लखनऊ। राज्य में जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में समाजवादी पार्टी और भाजपा ने चुनाव आयोग से भारी धांधली की शिकायत की है। विभिन्न जनपदों के सपा कार्यकर्ताओं ने स्टेशन रोड स्थित राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष धरना भी दिया है। जिलों में जिला पंचायत सदस्यों को अध्यक्ष पर के लिए नामंकन नहीं करने दिया गया है। प्रशासन ने अपराधिक गतिविधियों में लिप्त लोगों के चुनकर आने या व्यवसायिक क्षेत्रों के लोगों के चुनकर आने का उन पर दबाव बनाकर पूरा लाभ उठाया है। भारतीय जनता पार्टी ने भी इन पंचायत चुनावों को बाहुबल, धनबल, पुलिस बल और सत्ताबल की धांधली की संज्ञा देते हुए कहा है कि माफिया और पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से ही तमाम जिलों में कथित निर्विरोध निर्वाचन संपन्न हो गए।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि मायावती सरकार ने ब्लाक प्रमुख चुनावों में भी ऐसी ही धांधली और जबर्दस्ती के जरिए चुनाव जीतने की तैयारियां की हैं। सरकार ने पंचायत चुनावों की पवित्रता को ही नष्ट कर दिया है। दीक्षित ने कहा कि बसपा के पास पंचायत चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं थी, इसीलिए जिला पंचायत चुनाव में उसने अपने उम्मीदवार नहीं खड़े किए। पार्टी अपनी गिरती साख से भयभीत है। बसपा सरकार के मंत्रियों के घरवाले, रिश्तेदार वगैरह ही धांधली करके चुनाव में यत्र-तत्र जीते हैं। विगत दिनों समीक्षा बैठक के बाद सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को अलग से बुलाकर चुनाव जिताने की रणनीति बनाई गयी है, इसी का नतीजा है कि पुलिस खुलकर सरकार के लिए धांधली में हिस्सा बन गई है।

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में कहा कि जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव के लिए विभिन्न जनपदों में समाजवादी पार्टी समर्थित प्रत्याशियों एवं उनके समर्थकों और परिवारीजनों को परेशान किया जा रहा है, पुलिस निरीक्षकों से धमकाया जा रहा है, फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकियां दी जा रही हैं, अनेक सदस्यों के ईंट-भट्टे और व्यापारी प्रतिष्ठान सीज कर दिये गये हैं, उत्पीड़न की सभी सीमाएं टूट गई हैं, प्रदेश की प्रशासनिक और पुलिस मशीनरी सरकार के मंत्रियों एवं विधायकों के दबाव में येन-केन-प्रकरेण बसपा प्रत्याशियों को जिताने में जुटी हैं, एटा कन्नौज में प्रशासन ने आतंक मचा रखा है, जोकि अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। ललितपुर, भदोही, कानपुर, फैजाबाद, बाराबंकी, झांसी, पीलीभीत, मिर्जापुर, मऊ आदि जनपदों से मिली सूचनाओं में कहा गया है कि वहां निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव की स्थितियां नहीं है।

नेता विरोधी दल शिवपाल सिंह यादव ने भी राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर सरकारी स्तर पर धांधलियों की शिकायत की है। उन्होंने धांधली के तमाम प्रमाण भी दिए थे, इसके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग निष्क्रिय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि यदि आयोग ही इस तरह सरकारी दबाव में पंगु बना रहेगा तो स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव मजाक बन जाएगा और लोकतंत्र की हत्या का कलंक उस पर भी लगेगा।

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