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सीमा पर चुनौतियों से लड़ने में आईटीबीपी सक्षम

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आईटीबीपी-निशंक/itbp-nishank

देहरादून। मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भारत तिब्बत सीमा पुलिस के सीमाद्वार स्थित कैम्प में आयोजित पासिंग आउट परेड में कहा है कि उत्तराखण्ड की चीन के साथ लगने वाली लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा को देखते हुए आईटीबीपी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने हाल ही में आपदा प्रबन्धन और महाकुम्भ की सुरक्षा में आईटीबीपी के सहयोग की सराहना की। मुख्यमंत्री ने पास आउट होने वाले तीनों बैचों के प्रशिक्षणार्थियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया और कहा कि आईटीबीपी के अधिकारियों और जवानों ने राष्ट्र के गौरव को ऊंचा बनाये रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने सैनिक एवं अर्द्ध सैनिक बलों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाये हैं, आईटीबीपी के जवानों की आवासीय कालोनी के लिए जमीन उपलब्ध कराई जायेगी।
आईटीबीपी के महानिदेशक रंजीत कुमार भाटिया ने अपने स्वागत सम्बोधन में भारत तिब्बत सीमा पुलिस की विभिन्न उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत चीन सुरक्षा के मामले में आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए आईटीबीपी हर समय सक्षम एवं तत्पर है। आईटीबीपी सीमाद्वार में आयोजित पासिंग आउट परेड में 260 अधिकारी एवं अधीनस्थ अधिकारी आईटीबीपी की मसूरी स्थित अकादमी में प्रशिक्षण के उपरांत सम्मिलित हुए। इस अवसर पर प्रशिक्षु अधिकारियों को भारत के संविधान का सम्मान करने और प्राणों की परवाह न करते हुए देश की रक्षा करने की शपथ भी दिलायी गई।
पास आउट होने वाले अधिकारियों में सहायक सेनानी/जीडी बैच के 31 अधिकारी, जीओज काम्बेटाइजेशन कोर्स के 28 अधिकारी और उप निरीक्षक श्रेणी में 201 अधिकारी सम्मिलित हैं। भारत तिब्बत सीमा पुलिस के इतिहास में यह सबसे बड़ी पासिंग आउट परेड थी, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में अधिकारी पास होकर देश की इस अग्रणी सुरक्षा बल में शामिल हुए हैं। इस अवसर पर महानिरीक्षक आईटीबीपी एमसी भट्ट सहित बड़ी संख्या में वरिष्ठ अधिकारी एवं पास आउट होने वाले अधिकारियों के परिजन उपस्थित थे।

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