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हिंदी इंटरनेट आम भारतीयों का प्रजातंत्र-बीकेएस रे

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सृजनगाथा का सम्मान प्रवीण शुक्ला को

रायपुर।कवि, उपन्यासकार और माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष बीकेएस रे ने कहा है कि मार्क्स के बाद विश्व-स्तर पर विचार, सोच, जीवन दृष्टि आदि सभी क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला कोई मनुष्य नहीं बल्कि मनुष्य की ईज़ाद के रूप में कंप्यूटर और इंटरनेट ही है। हिंदी पखवाड़ा के अवसर पर मुख्य अतिथि की आसंदी से बीकेएस रे ने संस्कृति विभाग के सभाकक्ष में आयोजित हिंदी प्रचार अभियान कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए आगे कहा कि इंटरनेट अब अंग्रेजी भाषा के चंगुल से मुक्त होता जा रहा है। हिंदी भाषा के अनुसमर्थन व तकनीकी उपलब्धता से अब वह आम नागरिकों की अभिव्यक्ति का प्रजातंत्र बन चुका है।

हिंदी विश्व भाषा बनने चली - पुलिस महानिदेशक

आयोजन के अध्यक्ष समकालीन कविता के वरिष्ठ हस्ताक्षर और छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक विश्वरंजन ने अपने संबोधन में कहा कि मातृभाषा या राष्ट्रभाषा हिंदी इंटरनेट के माध्यम से न केवल व्यापक हो रही है वरन वह अपनी ग्रहणशीलता और अनुदार प्रवृति से विश्व के अन्य भाषाओं के सत्व को भी स्वीकार कर सकती है। सच तो यह है कि वह विश्व भाषा की ओर प्रस्थान कर चुकी है। इस दिशा में समय की माँग यही है कि इंटरनेट के माध्यम से हिंदी के सत्य और वैश्विकता को सही जामा पहनाया जाय, इसके लिए साहित्यकारों, पत्रकारों की विश्वसनीय भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है।

अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक विरादरी में चर्चित और छत्तीसगढ़ की वेब-पत्रिका सृजनगाथा डॉट कॉम द्वारा आयोजित व्याख्यान 'हिंदी का श्रवण कुमार-इंटरनेट' विषय के मुख्य वक्ता और जी-न्यूज़ चौबीस घंटे के संपादक (इंपुट) संजय द्विवेदी ने कहा कि आज कंप्यूटर पूरी तरह से हिंदी में बोलने-उचारने लगा है। हमारे पास लगभग वे सारी तकनीकी सुविधायें मौजूद हैं जिसके लिए हमें अंग्रेजी में पारंगत होने के लिए विवश होना पड़ता था। जिन माध्यमों से हिंदी विश्व में चौतरफ़ा प्रसारित हो रही है उसमें अब इंटरनेट सर्वोपरि है। इसके पूर्व साहित्यकार और संपादक जयप्रकाश मानस ने अपने आयोजकीय वक्तव्य में इंटरनेट की उपयोगिता और सामर्थ्य को हिंदी संस्कृति और संस्कार को सारी दुनिया में प्रसारित करने के लिए नये समय का सर्वाधिक कारगर माध्यम बताते हुए हिंदी के नये साफ्टवेयर और टूल्स के बारे में जानकारी दी।

हिंदी के दो साफ्टवेयर लोकार्पित

इस अवसर पर इंटरनेट पर भिलाई के युवा इंजीनियर द्वय पंकज ताम्रकार, व अभिजीत देवांगन द्वारा निर्मित हिंदी वेब ब्राउजर सी-मंकी और किशोर वेब डेव्हवलपर प्रशांत रथ द्वारा निर्मित हिंदी टूलबार हिंदी गाथा का लोकार्पण मुख्य अतिथि और अध्यक्ष के हाथों संपन्न हुआ। इन दोनों इंटरनेट औजारों का प्रायोगिक प्रदर्शन भी किया गया।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में सृजनगाथा सम्मान-08 से विभिन्न मीडिया में उल्लेखनीय हिंदी सेवा के लिए पत्रकारों और रचनाकारों को सम्मानित किया गया। प्रिंट पत्रकारिता के लिए यह सम्मान दैनिक हरिभूमि के स्थानीय संपादक प्रवीण शुक्ला को शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह, प्रशस्ति पत्र एवं 500 की साहित्यिक कृतियाँ भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वेब पत्रकारिता के लिए सुनील कुमार, संपादक, इतवारी अख़बार डॉट काम, फ़ोटो पत्रकारिता के लिए गोकुल सोनी, वरिष्ठ फ़ोटोग्राफ़र, नवभारत, रेडियो पत्रकारिता के लिए ममता चंद्राकर, आकाशवाणी, इलेक्ट्रानिक पत्रकारिता के लिए बैकुंठ पाणिग्राही, केंद्र निदेशक, दूरदर्शन केंद्र, फ़िल्म के लिए रवि तिवारी, छत्तीसगढ़ी फिल्म कलाकार, साहित्यिक पत्रकारिता के लिए डॉ राजेंद्र सोनी, संपादक, पहचान यात्रा, व विशिष्ट लेखन के लिए डॉ स्नेहलता पाठक, व्यंग्य लेखिका, सभी रायपुर को भी सृजनगाथा सम्मान से अलंकृत किया।

राजधानी के इस महती आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रूप में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्व विद्यालय के कुलपति सच्चिदानंद जोशी, हिंदी ग्रंथ अकादमी के संचालक रमेश नैयर, साहित्य अकादमी के सदस्य गिरीश पंकज ने भी सभा को संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन राम पटवा एवं आभार प्रदर्शन डॉ सुधीर शर्मा, सुशील रतेरिया ने किया। इस मौक़े पर डॉ चित्तरंजन कर, डॉ जे.आर.सोनी डॉ महेन्द्र ठाकुर, डॉ ऋषिराज पांडेय, डॉ मन्नू लाल यदू, यश ताम्रकार, मीना महोबिया, कुमेश जैन, राम पटवा, एच.एस. ठाकुर, शिवशंकर शुक्ला, सत्यदेव शर्मा, चेतन भारती, संजीव ठाकुर, सुरेश तिवारी, गौतम पटेल, शकुन्तला तरार, तपेश जैन, आदेश ठाकुर, सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार, पत्रकार, शिक्षाविद् एवं आम नागरिक उपस्थित थे।

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