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असली चुनौतियां तो अपने घर और पड़ोस में-प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार के कार्यकाल को संतोषजनक बताते हुए कहा है कि 2009 के चुनाव का जनादेश यूपीए सरकार के उस सर्वहित एजेंडा के लिए मत था जिसमें भारत के सभी तबकों की आवाज और उन्हें सशक्त बनाने की बात कही गयी थी। उन्होंने कहा कि हमारे दूसरे कार्यकाल का एजेंडा उन लोक हितैशी नीतियों और कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए है जिन्हें हमारी सरकार ने 2004 से शुरू किया था। हमारी नीतियों में अनुसूचित जातियों और जनजातियों, अन्य पिछड़े तबको, अल्पसंख्यकों महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपीए सरकार देश में फैले आतंकवाद और विभिन्न प्रकार के कट्टरपंथी आतंकवाद से पूरी तरह निपटने के लिए कटिबद्ध है। सरकार अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में व्यवस्थागत सुधार पर कार्य करते हुए पुलिस, सुरक्षाबलों, जांच एजेंसियों, कानून और व्यवस्था प्रणाली के आधुनिकीकरण और व्यावसायिक विकास पर ध्यान दे रही है। सरकार के एजेण्डा में न्यायिक सुधार और सरकार की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
मनमोहन सिंह यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल पूरा होने पर एक राष्ट्रीय संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सबसे पहले उन्होंने शनिवार को मंगलौर में हुई विमान दुर्घटना में मारे गये लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा ‍कि हमें उत्पादी रोजगार पैदा करने के लिए तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की जरूरत है और अपने महत्वाकांक्षी सामाजिक एवं आर्थिक एजेंडा के लिए वित्तीय संसाधनों की भी जरूरत है। हमारा मध्यकालिक लक्ष्य प्रतिवर्ष 10 फीसद की विकास दर हासिल करना है और मैं समझता हूं कि अपनी बचत और निवेश की दर को देखते हुए हम इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। फिर भी, इसे हासिल करने के लिए सामाजिक और आर्थिक बुनयादी ढांचे में निवेश बढ़ाना होगा, कृषि में उत्पादकता बढ़ानी होगी और विनिर्माण क्षेत्र को नई ताकत और प्रोत्साहन देना होगा।
उन्होंने कहा कि पिछले दो साल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही कठिन साल रहे है। साल 2008 विश्व आर्थिक संकट के दौर से गुजरा जिसके कारण दुनिया में मंदी छाई रही। साल 2009 में हमें सूखे का भी सामना करना पड़ा। इसलिए हमारी पहली प्राथमिकता अपनी अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंदी से बचाना था और यह सुनिश्चित करना था कि सर्वनिहित विकास की रफ्तार में कोई बाधा न आये। मैं यह फैसला आप पर छोड़ता हूं कि हम इस संबंध में कितना कुछ कर पाये हैं। इस आर्थिक संकट से पहले हमारी सलाना विकास दर लगातार चार सालों तक औसतन 9 फीसद रही। हालांकि साल 2008-09 में यह घटकर 6.5 फीसद हो गयी लेकिन साल 2009-10 में इसमें सुधार हुआ और यह 7.5 फीसद तक पहुच गयी। हम इस वित्तीय साल में 8.5 फीसद विकास दर की उम्मीद करते हैं। इसे दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बेहतर विकास दर के रूप में माना जा रहा है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि इस उपलब्धि का काफी बड़ा श्रेय हमारे कामगारों किसानों और युवाओं को जाता है जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और उद्यम से आर्थिक विकास की रफ्तार को रुकने नहीं दिया। पिछले साल जो कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं और देश को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, उनके बारे में संक्षेप में यह है कि भारत निर्माण, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन जैसे हमारे अहम कार्यक्रम अच्छी प्रगति कर रहे हैं और हम अभी इनसे सीख ले रहे हैं। इन कार्यक्रमों को और मजबूत कर सकते हैं और इनके क्रियान्वयन में सुधार ला सकते हैं और ऐसा करेंगे। पिछले साल शिक्षा का अधिकार अधिनियम को लागू किया गया। हरेक भारतीय को साक्षर और सशक्त नागरिक बनाने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है।
प्रधानमंत्री ने यूपीए सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए आगे कहा कि हम चिकित्सा शिक्षा सहित उच्चतर शिक्षा प्रणाली की व्यापक समीक्षा कर रहे हैं। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा एवं अनुसंधान परिषद विधेयक के मसौदे को पहले ही सार्वजनिक कर दिया गया है। राजनीतिक में सर्वनिहित भागीदारी को सशक्त बनाने के लिए विधेयक लाया गया है ताकि सभी पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया जा सके। अनुसूचित जातियों अनुसूचित जनजातियों अन्य पिछड़े तबकों और अल्पसंख्यकों के विद्यार्थियों का पिछले साल लगभग एक करोड़ छात्रवृत्तियां प्रदान की गईं। इन छात्रवृत्तियों का एक बड़ा हिस्सा छात्राओं को दिया गया। इस साल जनवरी में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन शुरू किया गया है। इसका लक्ष्य 2022 तक 20,000 मेगावाट ग्रिड सौर ऊर्जा की क्षमता हासिल करना है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल आसियान और दक्षिण कोरिया के साथ मुक्त व्यापार करारों पर हस्ताक्षर किये गए हैं। असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 1,000 करोड़ रूपये के शुरूआती कोष से एक राष्ट्रीय सामाजिक निधि स्थापित करने का फैसला किया गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक का मसौदा तैयार किया जा रहा है। चीजों के दामों में बढ़ोत्तरी चिंता का विषय है। यूपीए सरकार मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखने को उच्च प्राथमिकता देती है ताकि आम आदमी को दिक्कत न आए। सरकार के उठाए गए कदमों के चलते चीजों के दामों में कमी आने के संकेत हैं। स्थिति पर कड़ी निगरानी रखेंगे और राज्य सरकारों के साथ मिलकर चीजों के दामों में कमी लाने और बढ़ी हुई कीमतों के असर से हमारे समाज के कमजोर तबकों को बचाने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे। कृषि एवं बुनियादी ढांचे के विस्तार में आ रही मुख्य बाधाओं पर ध्यान देने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों की जरूरत है जिन्हें निवेश बढ़ाकर प्रोत्साहन देना होगा। इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं जिन पर सरकार लगातार ध्यान देगी।
प्रधानमंत्री बोले कि विदेश नीति के संबंध में यह संतोष की बात है कि हम सभी बड़ी ताकतों के साथ अपने संबंधों में सुधार ला सकें। जी-20 के एक सदस्य के नाते हमारे विचार मांगे जा रहे हैं और उनको ध्यान से सुना जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सारी दुनिया भारत को विश्वास के साथ देख रही है। हाल ही में हुए सार्क सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया गया कि न केवल हमारे साझे अतीत ने बल्कि हमारे साझे भविष्य ने भी इस उपमहाद्वीप को एक साथ बांध कर रखा है। पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में सुधार लाना हमारे लिए काफी महत्व रखता है। मैंने बार-बार कहा है कि हमारी असली चुनौतियां अपने घर और हमारे पड़ोस में हैं। मैं पहला व्यक्ति होऊंगा जो यह स्वीकार करता है कि हम काफी कुछ कर सकते थे। हमने जो कुछ भी सफलता पाई है केवल उसी से हमें संतुष्ट नहीं हो जाना चाहिए। सुधार और बेहतर नतीजों के लिए हमेशा गुंजाइश रहती है। लेकिन मेरा यह मानना है कि पहले साल का हमारा रिकार्ड एक अच्छी उपलब्धि का रिकार्ड रहा है। हमारी यह आशा और प्रेरणा है कि हम एक अरब से अधिक लोगों वाले इस देश को बेहतर शिक्षित, पोषित और विश्व समुदाय के सृजनात्मक और उद्यमी सदस्य बनाएं। यूपीए और इसके घटक दल अपनी इस प्रतिबद्धता में एकमत हैं कि वे देश को एक मजबूत और उपयोगी सरकार दें जो प्रगति, विकास और सशक्तिकरण के अपने एजेण्डे पर खरी उतर सके।

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